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कर्नाटक की ऐतिहासिक यात्रा पर - भाग 7
विश्व विरासत स्थल - पट्टादाकल मंदिर समूह
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मालप्रभा नदी के किनारे स्थित पत्तदकल विश्वदाय स्मारक स्थल की सूची में दर्ज है। यहाँ पश्चिमी चालुक्य सम्राटों द्वारा अनेक मंदिर स्थापित हैं। पत्तदकल, बादामी और एहोल के मध्य में स्थित है। प्राचीनकाल में इस स्थान का नाम किषुवोडल मिलता है। एहोल के बाद जब चालुक्यों का राजनीतिक उत्कर्ष हुआ तो उन्होंने अपनी राजधानी एहोल से हटाकर वातापि में स्थापित की जो आज की बादामी कहलाती है। राजधानी का यह परिवर्तन पुलकेशिन प्रथम के समय में हुआ और उसने बादामी में ही किले का निर्माण कराया। चालुक्यों के अंतिम वर्षों में राजधानी पत्तदकल में स्थानांतरित हो गई। पत्तदकल के बारे में कहा जाता है कि चालुक्यों सम्राटों का राज्याभिषेक पत्तदकल में ही पूर्ण होता था।