काँगड़ा का किला देखकर हम वापस आये, होटल पर सब तैयार मिले, मैंने जल्दी से होटल का चेकआउट कराया और नगरकोट धाम से ज्वालादेवी जी की ओर प्रस्थान किया। हमें हिमाचल की रोडवेज की एक बस मिल गई और हम ज्वालादेवी की तरफ चल दिए। यहाँ गंगादशहरा के अवसर पर रास्ते में एक स्थान पर चने और सरवत का मुफ्त वितरण चल रहा था, इसलिए प्रत्येक बस पांच मिनट के लिए रुक रही थी, इसके बाद हम ज्वालादेवी पहुंचे, पहुँच कर होटल में कमरा तलाश किया, बड़े ही महंगे थे, पिछलीबार डेढ़ सौ रुपये में जिस होटल में कमरा मिल गया था आज वो पांच सौ रुपये मांग रहा था। बड़ी मुश्किल से पांच सौ रुपये में दो अलग अलग रूम मिल गए, चौधरी गेस्ट हाउस में।