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Monday, August 2, 2021
BHARHUT STUP RUINS
Saturday, March 27, 2021
GULBARGA CITY
UPADHYAY TRIPS PRESENT'S
कर्नाटक की ऐतिहासिक यात्रा पर भाग - 10
गुलबर्गा अब कलबुर्गी शहर
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मालखेड किला घूमने के बाद मैंने मालखेड़ बस स्टैंड से मैंने कलबुर्गी शहर जाने के लिए कर्नाटक की रोडवेज बस पकड़ी। कलबुर्गी यहाँ से 40 किमी दूर था। कलबुर्गी का पुराना नाम गुलबर्गा है जो कि एक सल्तनतकालीन शहर है। बस, शहर के बाईपास रोड से होती हुई कलबुर्गी के बस स्टैंड पहुंची। दोपहर हो चुकी थी और आज मैं नहाया भी नहीं था इसलिए मैंने यहाँ से रेलवे स्टेशन के लिए एक ऑटो किया और कलबुर्गी रेलवे स्टेशन पहुंचा। कोरोना प्रभाव की वजह से रेलवे स्टेशन पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित था।
मैंने स्टेशन पर प्रवेश करने की कोशिस की तो मुझे वहां बैठे आरपीएफ के जवान ने मुझे रोका। मैंने उसे बताया कि मेरी शाम को लौटने की ट्रेन है तब तक के लिए मैं अपना बैग क्लॉक रूम में जमा कराना चाहता हूँ। यह सुनकर उसने मुझे क्लॉक रूम का रास्ता बता दिया और मैं स्टेशन पर प्रवेश कर गया।
Saturday, March 13, 2021
AIHOLE
UPADHYAY TRIPS PRESENT'S
कर्नाटक की ऐतिहासिक यात्रा पर - भाग 6
ऐहोल के मंदिर
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अब वक़्त आ चुका था अपनी उस मंजिल पर पहुँचने का, जिसे देखने की धारणा अपने दिल में लिए मैं अपने घर से इतनी दूर कर्नाटक आया था और वह मंजिल थी बादामी जो प्राचीन काल की वातापि है और मेरी इस यात्रा का केंद्र बिंदु भी। बादामी, प्राचीन काल में वातापि के चालुक्यों की राजधानी थी जिन्होंने यहाँ अजंता और एलोरा की तरह ही पहाड़ों को काटकर उनमें गुफाओं का निर्माण कराया और इन्हीं गुफाओं के ऊपर अपने किले का निर्माण कराया। बादामी से पूर्व चालुक्यों ने बादामी से कुछ मील दूर ऐहोल नामक स्थान को अपनी राजधानी बनाया था और वहां अनेकों मंदिर और देवालयों का निर्माण कराया था। वर्तमान में ऐहोल कर्नाटक का एक छोटा सा गाँव है मगर इसकी ऐतिहासिकता को देखते हुए पर्यटकों का यहाँ आना जाना लगा रहता है।
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मैं सुबह 6 बजे ही बादामी पहुँच गया था और स्टेशन पर बने वेटिंग रूम में नहाधोकर तैयार हो गया। चूँकि कोरोना की वजह से रेलवे स्टेशन पर वेटिंग रूम में ठहरने की सुविधा उपलब्ध नहीं है किन्तु स्टेशन मास्टर साब ने मुझे उत्तर भारतीय होने से और कर्नाटक की यात्रा पर होने से अतिथि देवो भवः का अर्थ सार्थक किया और वेटिंग रूम की चाबी मुझे दे दी। अपने गीले वस्त्रों को मैंने यहीं वेटिंग रूम में सुखा दिया था क्योंकि आज रात को ही मुझे अपनी अगली मंजिल पर भी निकलना था। इसप्रकार स्टेशन का वेटिंग रूम, मेरे लिए एक होटल के कमरे के समान ही बन गया। स्टेशन के बाहर बनी दुकान पर चाय नाश्ता करने के बाद मैंने अपने बैग को भी यहीं रख दिया और कैमरा लेकर बाहर आ गया। यह दुकान प्राचीन काल की काठ से बनी दुकान थी।
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Friday, April 3, 2020
AJANTA CAVES
Wednesday, April 1, 2020
KANHERI CAVES
Friday, April 27, 2018
MACLOADGANJ : 2018
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Monday, October 23, 2017
RAJGIR STOOP
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SAPTPARNI CAVE
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Thursday, October 10, 2013
SARNATH 2013
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Friday, June 21, 2013
MCLEODGANJ : 2013
हिमाचल परिवहन की एक बस |
जाने वाले यात्री - सुधीर उपाध्याय , कुमार भाटिया , सुभाष चंद गर्ग , मंजू एवं खुशी ।