शकुंतला रेलवे की एक यात्रा
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अब वक़्त हो चला था नैरो गेज की इस ट्रेन में यात्रा करने का जिसके लिए ही मैं यहाँ आया था, इस रुट पर यात्रा करने का एक अलग ही उत्साह मेरे मन में था। टिकटघर से 15 रूपये देकर मुर्तिजापुर की टिकट लेकर मैं ट्रेन में सवार हो गया और एक लम्बी सीटी बजाकर और एक जोरदार झटका लेकर ट्रेन अचलपुर से रवाना हो चली। टोपी वाला रेलवे कर्मचारी ट्रेन के चलने से पहले ही स्टेशन से थोड़ी दूर स्थित रेलवे फाटक पर पहुँच चुका था जो अचलपुर-परतपाड़ा मार्ग पर स्थित था। उसे यहीं रह जाते देख मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि अब कोई मुझे फोटो खींचने से रोकने वाला नहीं होगा।