अमरकंटक की एक सैर
अमरकंटक :- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों की सीमा तथा मैकाल पर्वत श्रृंखला पर स्थित प्राकृतिक वातावरण से भरपूर भगवान शिव और उनकी पुत्री श्री नर्मदा देवी जी का दिव्यधाम है। यहीं से श्री नर्मदा नदी का उद्गम हुआ है और साथ ही सोन तथा जाह्नवी नदी का भी यह उद्गम स्थल है। प्राकृतिक वातावरण से भरपूर और एक पर्वतीय स्थल होने के कारण यह स्थान प्राचीनकाल से ही साधू संतो तथा ऋषि मुनियों केलिए साधना एवं तप करने योग्य उचित स्थान है और आज भी यहाँ अनेकों ऋषि मुनि अपनी तप और साधना में लग्न रहते हैं। यहाँ अनेकों आश्रम स्थित हैं जिनमें अच्छी सुविधा के साथ ठहरने की उचित व्यवस्था है। कुल मिलकर अमरकंटक एक दिव्य और पुण्य धाम तथा हिन्दुओं का धार्मिक केंद्र है।
अमरकंटक में दर्शनीय स्थल :- हालांकि समस्त अमरकंटक धाम दर्शनीय है किन्तु यहाँ अनेकों प्राचीन स्थान ऐसे हैं जिन्हें देखने के लिए दूर दूर से अनेकों तीर्थयात्री प्रतिदिन यहाँ आते हैं और कुछदिन यहाँ रहकर अपनी प्रतिदिन के व्यस्त जीवन और भागदौड़ से थोड़ा आराम पाते हैं। यहाँ के दर्शनीय स्थल निम्न प्रकार हैं -
- श्री नर्मदा जी का मंदिर तथा उद्गम स्थल
- कल्चुरी काल के ऐतिहासिक मंदिर जिनमे सबसे प्रमुख कर्ण मंदिर है।
- माई की बगिया
- माई का मंडप
- सोनमुड़ा ( सोन नदी का उद्गम स्थल )
- श्री यंत्र महामेरु मंदिर
- श्री मार्कण्डेय आश्रम
- श्री गायत्री मंदिर
- कपिल धारा
- दूध धारा
- श्री आदिनाथ जैन मंदिर
- श्री जालेश्वर मंदिर
- कबीर चबूतरा
- मैकाल पार्क
अमरकंटक कैसे पहुंचे :- अमरकंटक धाम मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में मैकाल पर्वत पर छत्तीसगढ़ की सीमारेखा पर स्थित है। यहाँ ट्रेन द्वारा पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पेण्ड्रा रोड है जो कटनी से बिलासपुर रेलमार्ग पर स्थित है। स्टेशन के बाहर से ही अमरकंटक जाने के लिए टैक्सियां उपलब्ध रहती हैं जो 80 रूपये पर व्यक्ति के हिसाब से किराया लेती हैं। नजदकी एयरपोर्ट बिलासपुर में स्थित है।