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Friday, June 29, 2018

Soron Sookar Kshetra


काठगोदाम से मथुरा - सोरों शूकर क्षेत्र




इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।


     गंगा स्नान के बाद हमारा अगला पड़ाव सोरों शूकर क्षेत्र था।  इस क्षेत्र को शूकर क्षेत्र इसलिए कहते हैं क्योंकि यहाँ भगवान विष्णु के दूसरे अवतार श्री वराह भगवान का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। भगवान विष्णु ने पृथ्वी को दैत्यराज हिरण्याक्ष से बचाने के लिए ब्रह्मा जी की नाक से वराह के रूप में प्रकट होकर पृथ्वी की रक्षा की थी। जब दैत्यराज हिरण्याक्ष पृथ्वी को समुद्र के रसातल में छुपा आया तब भगवान वराह ने अपनी थूथनी की सहायता से पृथ्वी का पता लगाया और समुद्र में जाकर हिरण्याक्ष का वध करके पृथ्वी को अपने दाँतों पर रखकर बाहर आये।