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Saturday, October 7, 2017

Pagalbaba Temple


पागलबाबा मंदिर 



     मेरी माँ बचपन से ही हर अमावस्या को श्री ठाकुर जी के दर्शन करने आगरा से वृन्दावन जाती थीं, मथुरा से वृन्दावन जाते समय एक बहुमंजिला मंदिर पड़ता था जिसे देखकर मैं माँ से पूछता था कि माँ यह मंदिर किसका है, माँ जवाब दे देती थी पागल बाबा का। भच्पन बहुत ही चंचल होता है जानने की बड़ी  इच्छा होती थी कि  इन्हे पागलबाबा क्यों कहते हैं।  धीरे धीरे समय गुजर गया और मैं बड़ा हो गया, आज जब ठाकुरजी की कृपा से अपना आशियाना और नौकरी ब्रज में ही है तो क्विड लेकर मांट से सीधे कालिंदी के किनारे पहुँचा एक पीपों से बने हुए पल को पारकर मैं वृन्दावन पहुँचा और मथुरा रोड पर स्थित पागलबाबा के दर्शन किये।  और वहां जाकर जाना कि पागलबाबा कौन थे। गूगल पर जाकर आपको इनकी कहानी पढ़ने को मिल जाएगी। हम तो घुम्मकड़ हैं बस अपनी यात्रा का विवरण ही दे सकते हैं। 

Sunday, September 3, 2017

Ramtal




रामताल - एक पौराणिक स्थल 



        अभी कुछ ही दिनों पहले सुर्खियों में एक खबर आई थी कि वृन्दावन के सुनरख गाँव के पास एक कुंड मिला है जिसका नाम रामताल है , बताया जाता है कि ये 2500 बर्ष से भी पुराना है और उसी समय की काफी वस्तुएं भी पुरातत्व विभाग को वहां खुदाई के दौरान मिली। पुरातत्व विभाग ने यहाँ उत्खनन सन 2016 में शुरू कराया तो एक प्राचीन और पौराणिक धरोहर के रूप में रामताल को जमीन के अंदर पाया। यह खबर सुनकर मेरा मन भी बैचैन हो उठा और आखिरकार मैं भी रामताल देखने निकल पड़ा। हालाँकि ड्यूटी पर ही था किसी काम से कंपनी की गाडी लेकर मैं और नीरज वृन्दावन आये और यहीं से हम रामताल पहुंचे।