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Saturday, April 2, 2016

PASHUPATI NATH TEMPLE : KATHMANDU




पशुपतिनाथ मंदिर- काठमांडू 

मेरी माँ और पशुपतिनाथ मंदिर 



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     शाम को जनकपुर के रामानंद चौक से काठमांडू के लिए मैंने डीलक्स बस में सीट बुक करवा दिया । और शाम को चौक पहुंचकर बस के इंतज़ार मे बैठे रहे। यहाँ से या बस पूरी रात पहाड़ो में चलकर सुबह नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंची, काठमांडू में पशुपतिनाथ के मंदिर के पास बस ने हमें उतार दिया। काफी तलाश करने के बाद हमें एक होटल में कमरा मिल गया, कमरे में नहा धोकर मैं और माँ पशुपतिनाथ के दर्शन करने पहुंचे। 

Friday, April 1, 2016

JANAKPUR 2016

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

जनकपुर धाम मिथिला 



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     शाम ढलने तक ट्रेन दरभंगा पहुँच चुकी थी, पहले इस ट्रैन का यही आखिरी स्टॉप था, अब इसे दरभंगा से आगे जयनगर तक बढ़ा दिया गया है। दरभंगा पर ट्रेन लगभग खाली हो चुकी थी, शेष जो कुछ यात्री बचे थे वे मधुबनी पर उतर गए, मधुबनी से थोड़ा आगे ही जयनगर है जो भारत - नेपाल की सीमा पर स्थित है। यह पूरा क्षेत्र मिथिला कहलाता है। यहाँ का रहन सहन, यहाँ की भाषा मैथिली है।

Wednesday, March 30, 2016

SWATANTRTA SAINANI EXP : NDLS TO JYG

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

स्वतंत्रता सैनानी एक्सप्रेस से एक सफर 



      अयोध्या की यात्रा के पश्चात् इस बार मेरा मन मिथिला की ओर जाने का था। मिथिला भगवान श्री राम की ससुराल तथा माता सीता की जन्मस्थली है। मिथिला का आधा भाग आज भारत में है और आधा भाग नेपाल में। मिथिला राजा जनक के राज्य का नाम था, तथा अवध राजा दशरथ के राज्य का नाम था। मिथिला की राजधानी जनकपुर थी जो आज नेपाल में स्थित है। तो बस इसबार नेपाल की तरफ ही जाना था। सहयात्री के रूप में इसबार माँ को चुना और स्वतंत्रता सैनानी एक्सप्रेस में नई दिल्ली से जयनगर तक रिजर्वेशन करवा लिया। जयनगर नेपाल के सीमा पर स्थित आखिरी भारतीय रेलवे स्टेशन है और बिहार के मधुबनी जिले के अंतर्गत आता है। 

Monday, February 1, 2016

M.G. PASSENGER : NEPALGANJ TO PILIBHIT

                                                UPADHYAY TRIPS PRESENT'S     


                                                 
  नेपालगंज  - पीलीभीत पैसेंजर ट्रेन यात्रा



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     नानपारा से हम मैलानी ओर चल दिए, यह सफर मीटर गेज ट्रेन का एक अदभुत सफर है जो सरयू नदी के ऊपर बने बाँध के किनारे होता हुआ नेपाल की तराई में दुधवा नेशनल पार्क के बीच से होकर गुजरता है। मेरी बचपन की पसंदीदा ट्रेन गोकुल एक्सप्रेस इसी रास्ते से होकर गोंडा आगरा फोर्ट पहुंचती थी और आज यह ट्रेन केवल पीलीभीत तक ही सीमित है क्योंकि पीलीभीत से आगे की लाइन अब ब्रॉड गेज में कन्वर्ट हो चुकी है जल्द ही यह ट्रेन गोंडा से मैलानी रह जाएगी।

Sunday, January 31, 2016

M.G. PASSENGER : GONDA TO NEPALGANJ


गोंडा से नेपालगंज पैसेंजर यात्रा 

NEPALGANJ ROAD


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     सुबह करीब तीन बजे मैं वेटिंग रूम में नहा धोकर तैयार हो गया और बाहर जाकर गर्मागर्म चाय पीकर आया और कृष्णा को जगाया। मोबाईल भी अब चार्ज हो चुका था। सुबह चार बजे गोंडा से मीटर गेज की ट्रेन नेपालगंज के लिए रवाना होती है , हम इसी ट्रेन में आये और खली पड़ी सीट पर सो गए। मुझे बहराइच स्टेशन देखना था इसलिए सोया नहीं और वैसे भी नहाने के बाद मुझे नीँद नहीं आती है। अभी दिन निकलने में काफी समय था, ट्रेन गोंडा के बाद अगले स्टेशन पर रुकी यह गंगागढ़ स्टेशन था मैंने ट्रेन से बाहर देखा तो घने कोहरे के अलावा मुझे बड़ी लाइन के स्लीपर दिखाई दिए जिसका मतलब था कि जल्द ही ये लाइन भी बड़ी लाइन में बदल जाएगी।