UPADHYAY TRIPS PRESENT'S
स्वतंत्रता सैनानी एक्सप्रेस से एक सफर
अयोध्या की यात्रा के पश्चात् इस बार मेरा मन मिथिला की ओर जाने का था। मिथिला भगवान श्री राम की ससुराल तथा माता सीता की जन्मस्थली है। मिथिला का आधा भाग आज भारत में है और आधा भाग नेपाल में। मिथिला राजा जनक के राज्य का नाम था, तथा अवध राजा दशरथ के राज्य का नाम था। मिथिला की राजधानी जनकपुर थी जो आज नेपाल में स्थित है। तो बस इसबार नेपाल की तरफ ही जाना था। सहयात्री के रूप में इसबार माँ को चुना और स्वतंत्रता सैनानी एक्सप्रेस में नई दिल्ली से जयनगर तक रिजर्वेशन करवा लिया। जयनगर नेपाल के सीमा पर स्थित आखिरी भारतीय रेलवे स्टेशन है और बिहार के मधुबनी जिले के अंतर्गत आता है।
मथुरा जंक्शन से हमने अपनी यात्रा प्राम्भ की और स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस से हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पहुंचे और यहाँ से एक लोकल शटल द्वारा नईदिल्ली। यहाँ हमारी ट्रेन स्वतंत्रता सैनानी एक्सप्रेस थी जो रात को 8:20 बजे रवाना होगी। अभी ट्रेन के जाने में वक़्त था इसलिए मैं माँ को प्लेटफार्म पर बिठाकर स्टेशन से बाहर अपनी यात्रा के लिए आवश्यक वस्तुएं लेने आ गया। यहाँ मैंने एक वोडका भी लिया और स्प्राइट में मिलाकर पी गया। शाम का मौसम बनाने के बाद मैं वापस स्टेशन पहुंचा। ट्रेन प्लेटफार्म पर लगाई जा चुकी थी। हमने अपनी सीटें ग्रहण की और मिथिला की ओर प्रस्थान किया।
मेरी सहयात्री - मेरी माँ |
ज्ञानपुर रोड स्टेशन |
औंडिहार जंक्शन - पहले मीटर गेज का स्टेशन था अब ब्रॉडगेज का है । |
मिथिला यात्रा का एक नज़ारा |
मंडुआडीह |
रजवाड़ी रेलवे स्टेशन |
नंदगंज रेलवे स्टेशन |
नंदगंज रेलवे स्टेशन |
नंदगंज रेलवे स्टेशन |
नंदगंज रेलवे स्टेशन |
ट्रेन में मेरी माँ |
बलिया रेलवे स्टेशन |
स्वतंत्रता सैनानी एक्सप्रेस |
गौतम स्थान रेलवे स्टेशन |
ट्रेन में थम्सअप |
सोनपुर रेलवे स्टेशन |
सोन नदी |
हाजीपुर जंक्शन |
हाजीपुर पर एक्सप्रेस |
भगवानपुर रेलवे स्टेशन |
मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन |
जयनगर रेलवे स्टेशन |
मिथिला यात्रा का अगला भाग - जनकपुर धाम की ओर
मिथिला यात्रा के अन्य भाग :-
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