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Tuesday, January 26, 2021

RANEH WATER FALL

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

 खजुराहो के आसपास के दर्शनीय स्थल 



विश्व धरोहर के रूप खजुराहो पूर्ण रूप से पर्यटन स्थल तो है ही, इसके आसपास के दर्शनीय स्थल भी पर्यटकों को खजुराहो में रुकने के लिए बाध्य करने में कम नहीं हैं। खजुराहो के निकट अनेकों ऐसे स्थल हैं जो यहाँ आने वाले सैलानियों को हर तरह के रोमांच से अवगत कराते हैं। इनका विवरण निम्नलिखित है -

  • रानेह जल प्रपात 
  • केन घड़ियाल अभ्यारण्य 
  • पांडव जलप्रपात 
  • पन्ना टाइगर रिज़र्व 
  • कूटनी बाँध 
  • छतरपुर के राजमहल 
  • मस्तानी का महल 

खजुराहो के पूर्वी समूह के मंदिर देखने के बाद मैं और कुमार खजुराहो से लगभग 20 किमी दूर, रानेह जलप्रपात को देखने के लिए निकल पड़े। मुख्य रास्ते को छोड़कर आज हम इस किराये की प्लेज़र को लेकर बुंदेलखंड के दूरगामी ग्रामों में से होकर गुजर रहे थे। रास्ते के मनोहारी दृश्यों को देखने में एक अलग ही आनंद आ रहा था। कुछ समय बाद जब गाँव का संकीर्ण रास्ता समाप्त हो गया और रास्ते की जगह खेतों की ओर जाने वाली छोटी छोटी पगडंडियों ने ले ली तो कुमार के मन में शंका उत्पन्न होने लगी। उसने मुझसे कहा कि हम रास्ता भटक चुके हैं और मुझे नहीं लगता कि आगे कोई रास्ता रानेह जलप्रपात की ओर जायेगा, परन्तु मुझे अपने गूगल मैप पर पूरा भरोसा था जो अब भी हमें आगे बढ़ने का इशारा देते हुए रास्ता दिखाता चल रहा था। 

काफी देर बाद जब हम एक गाँव को पार करके पगडंडियों को भी खो बैठे तो अब मेरे मन में भी शंका उत्पन्न होने लगी क्योंकि रास्ता और पगडंडियां लगभग समाप्त चुकी थीं और अब हमारी गाडी खेतों में होकर गुजर रही थी जो कि कई बार चलते चलते स्लिप होकर गिर भी जाती थी। रास्ता तो अब कहीं हमें दिखाई नहीं दे रहा था, रास्ता पूछने के लिए दूर दूर तक कोई मानव भी हमें दिखाई नहीं दे रहा था परन्तु गूगल अब भी हमें रास्ता दिखाते हुए आगे बढ़ने पर विवश करने पर लगा हुआ था और गूगल की बात मानने के सिवा हमारे पास कोई रास्ता भी नहीं था। हम आगे बढ़ते रहे और आखिरकार हम खेतों में से होकर मुख्य रास्ते तक पहुँच ही गए। 

Thursday, November 20, 2014

NANGAL DAM 2014

UPADHYAY TRIPS PRESENTS

भाखड़ा बाँध का एक दृशय 


नांगल डैम रेलवे स्टेशन 


        अभी एक साल ही हुआ था शिमला गए हुए जब पवन भाई का चंडीगढ़ में रेलवे का टेस्ट था और मैं उनके साथ गया था, चंडीगढ़ से हम लोग शिमला और कुफरी तक गए थे। इसबार मेरा रेलवे का टेस्ट था चंडीगढ़ में पर इसबार मेरे साथ मेरी पत्नी कल्पना थी। मैंने यात्रा का प्लान कुछ इस प्रकार बनाया था कि जिसमे केवल चंडीगढ़ और शिमला ही शामिल न हो। 

       मैं और कल्पना जनरल का टिकट लेकर इंदौर - चंडीगढ़ एक्सप्रेस में बैठ लिए, दिल्ली के बाद सोने के लिए बड़े आराम से जगह मिल गई क्योंकि ट्रेन पूरी खाली हो चुकी थी। सुबह हम अम्बाला कैंट जंक्शन स्टेशन उतरे और एक शटल में बैठ गए, अम्बाला सिटी पर हमने ये शटल भी छोड़ दी क्योंकि हमे इसमें बैठने बाद पता चला कि ये अमृतसर की तरफ जा रही थी और जबकि हमें नांगल डैम जाना था। कुछ देर बाद अम्बाला सिटी स्टेशन पर नांगल डैम की शटल आई और इसका उचित टिकट लेकर नांगल डैम की तरफ रवाना हो गए।