काठगोदाम से मथुरा - सोरों शूकर क्षेत्र
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गंगा स्नान के बाद हमारा अगला पड़ाव सोरों शूकर क्षेत्र था। इस क्षेत्र को शूकर क्षेत्र इसलिए कहते हैं क्योंकि यहाँ भगवान विष्णु के दूसरे अवतार श्री वराह भगवान का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। भगवान विष्णु ने पृथ्वी को दैत्यराज हिरण्याक्ष से बचाने के लिए ब्रह्मा जी की नाक से वराह के रूप में प्रकट होकर पृथ्वी की रक्षा की थी। जब दैत्यराज हिरण्याक्ष पृथ्वी को समुद्र के रसातल में छुपा आया तब भगवान वराह ने अपनी थूथनी की सहायता से पृथ्वी का पता लगाया और समुद्र में जाकर हिरण्याक्ष का वध करके पृथ्वी को अपने दाँतों पर रखकर बाहर आये।
समस्त देवी देवताओं और ऋषि मुनियों ने उनकी श्रद्धा पूर्वक स्तुति की। इसके बाद भगवान वराह ने अपने खुरों से जल स्तंभित कर पृथ्वी को स्थापित किया। कहते हैं सोरों ही वह स्थान है जहाँ देवताओं और ऋषि मुनियों ने उनकी स्तुति की और साथ ही विनती की कि वह सदा के लिए उनके इस स्थान पर निवास करें। तभी से यह स्थान शूकर क्षेत्र ने नाम से विख्यात हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार सृष्टि के आदि में सर्वप्रथम पृथ्वी का आविर्भाव यहीं हुआ था। यहाँ वराह भगवान् की पुण्य स्मृति में मेला विशाल मेला भी लगता है।
हम जब यहाँ पहुंचे तब तक वराह भगवन का मंदिर बंद हो चुका था। सोरों शुरू से ही धार्मिक तीर्थ स्थल रहा है यहाँ अनेकों ऋषि मुनि तपस्या में लीन रहते थे। यह स्थान गंगा के निकट होने के कारण शुरू से ही हरा भरा और प्राकृतिक वातावरण से भरपूर रहा है। गंगा की कई धाराएं यहाँ से होकर गुजरती जिनमें बूढी गंगा या हाड़ गंगा प्रमुख हैं इसी कारण लोग यहाँ गंगा की धारा में स्नान कर अपने पितरों का श्राद्ध तर्पण भी करते हैं। यहाँ महाप्रभु वल्लभाचार्य जी की बैठक भी दर्शनीय है। अनेकों मंदिरों से भरपूर सोरों एक प्रमुख नगर और दर्शनीय तीर्थ स्थल है।
कुछ देर घूम फिर कर मैं और कल्पना वापस मथुरा की रतफ रवाना हो चले। दोपहर के २ बज चुके थे और अब भूख लगने का समय भी हो चला था। मैंने कल्पना से इस बारे में राय ली तो उसका उत्तर हाँ में था। अब हमें किसी अच्छे ढाबे की तलाश थी जहाँ कुछ देर रूककर आराम किया जा सके।
GOD VARAH |
OLD GANGA IN SORON |
SORON KUMBH STHAL |
MY WIFE KALPANA UPADHYAY |
BHAGIRATH TEMPLE IN SORON |
ANCIENT SORON |
RUINS OF SORON FORT |
SORON FORT |
GOD VARAH TEMPLE |
SORON |
GANGA IN SORON |
GANGA IN SORON |
SORON TEMPLE |
GOD VARAH CIRCLE IN SORON |
SHRI VARAH BHAGWAN |
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