काठगोदाम से मथुरा की ओर
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रात को काफी देर से सोने के बाद भी मेरी आँख सुबह जल्दी खुल गई, वेटिंग रूम से बाहर निकलकर देखा तो यात्रियों का आना शुरू हो चुका था। मैंने जल्दी ही अपनी बाइक प्लेटफोर्म से हटाकर बाहर खड़ी कर दी और फिर वापस आकर कल्पना को जगाया। घड़ी में सुबह के पांच बज चुके थे। हम तैयार होकर साढ़े पांच बजे तक फ्री हो गए और मैंने सही साढ़े पांच बजे अपनी बाइक काठगोदाम से मथुरा के लिए रवाना कर दी। काठगोदाम के बाद हल्द्वानी उत्तराखंड का प्रमुख नगर है। यहाँ मैंने इस स्टेशन के भी कुछ फोटो लिए और फिर आगे बढ़ चला।
इसके बाद हम लालकुआँ पहुंचे जो पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्य जंक्शन स्टेशन है। यहाँ एशिया की सबसे बड़ी कागज उद्दोग कंपनी सेंचुरी स्थित है। लालकुआँ के बाद पंत नगर यहाँ का प्रमुख हवाई अड्डा है। पंत नगर के बाद हम किच्छा पहुंचे। यहाँ से रेलवे लाइन हम से दूर हो गई, यहाँ मैंने अपने सिर की थोड़ी तेल मालिश कराई क्योंकि सुबह से ही मेरे सिर में अत्यधिक दर्द सा हो रहा था और मुझे बाइक चलाने में असुविधा भी महसूस हो रही थी। तेल मालिश के बाद मुझे कुछ राहत सी महसूस हुई, इसके अलावा एक मेडिकल से सारिडॉन की टेबलेट भी ले ली। एक नल से हाथ मुँह धोकर मैं फिर से आगे की तरफ रवाना हो चला।
किच्छा के बाद हम उत्तराखंड की सीमा से निकल उत्तर प्रदेश की सीमा आ चुके थे। रेलवे लाइन हमारे साथ ही साथ थी और रास्ते में आने वाले हर रेलवे स्टेशन का मैं फोटो अपने मोबाइल में खींचता जा रहा था। देवरनियां मुझे इस लाइन का खास स्टेशन लगा जहाँ मेरा बैग मेरी बाइक के सायलेंसर की वजह से थोड़ा जल गया था। कुछ देर आरामकर मैं भोजीपुरा होते हुए बरेली पहुंचा और यहाँ बिना रुके सीधे अपनी मंजिल की ओर बढ़ता ही रहा। बरेली से मथुरा की तरफ यह मेरी दूसरी बाइक यात्रा थी, इससे पहले में अपनी पुरानी बाइक CD डीलक्स से पिताजी और मौसाजी यात्रा कर चुका था। रास्ते में एक स्थान पर मैंने कुछ देर रुककर कोल्ड्रिंक पी और फिर आगे बढ़ चला। मुझे इस बाइक यात्रा में सबसे ज्यादा परेशानी बदायूँ शहर में आई जिसमे मैं अपना मार्ग भटक गया और जल्द ही सही राह की पहचान कर मैंने बदायूँ शहर को भी पीछे छोड़ दिया।
बदायूँ से निकलते ही यह रास्ता सिंगल लेन का हो गया था। यहाँ से कुछ आगे एक बालाजी का आश्रम आता है जहाँ हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थित है। मैं जब पिताजी और मौसाजी के साथ यहाँ आया था तब हमने कुछ देर यहाँ रूककर आराम किया था। अब पिताजी नहीं हैं बस उनकी यादों को कुछ पल मैंने यहाँ महसूस किया। मानो ऐसा लगा जैसे वो साक्षात न होकर भी हमारे साथ ही थे।
मैं अपने पिताजी से अत्यधिक प्रेम करता हूँ और समय से पहले ही मैंने उन्हें खो भी दिया परन्तु आज जहाँ भी जाता हूँ अपने पिताजी को अपने साथ ही पाता हूँ। यह मेरे दिल का उनसे नाता ही है जो मुझे उनसे हमेशा जोड़े रखता है और वो भी हरकदम पर मेरी रक्षा करते हैं जिसके कारण ही मैं अपनी प्रत्येक यात्रा को सफल बना पाता हूँ।
मैं अपने पिताजी से अत्यधिक प्रेम करता हूँ और समय से पहले ही मैंने उन्हें खो भी दिया परन्तु आज जहाँ भी जाता हूँ अपने पिताजी को अपने साथ ही पाता हूँ। यह मेरे दिल का उनसे नाता ही है जो मुझे उनसे हमेशा जोड़े रखता है और वो भी हरकदम पर मेरी रक्षा करते हैं जिसके कारण ही मैं अपनी प्रत्येक यात्रा को सफल बना पाता हूँ।
यहाँ से आगे चलकर उझानी नाम का एक नगर आया, मैं यहाँ न रुककर सीधे गंगाजी के घाट पर ही रुकना चाहता था जो अब यहाँ से कुछ ही दूर था। कल्पना भी यही चाहती थी इसलिए हम उझानी में नहीं रुके और सीधे गंगा जी की तरफ कछला घाट को रवाना हो गए।
यह यात्रा बेशक बाइक से की गई है किन्तु नीचे दिए गए फोटुओं को देखकर आपको यही लगेगा कि ये एक बाइक यात्रा नहीं, रेल यात्रा है। एक में दो का मजा इसे ही कहते हैं।
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KATHGODAM RAILWAY STATION |
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HALDWANI SIGN RAILWAY BOARD |
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HALDWANI STATION |
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HALDWANI |
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HALWANI RAILWAY STATION |
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A VIEW OF SHIVALIK RENGE FROM HALDWANI |
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HALDWANI RAILWAY STATION |
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WELCOME TO LALKUAN |
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LALKUAN JUNCTION |
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LALKUAN RAILWAY STATION |
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LUCKNOW - KATHGODAM EXPRESS REACHED ON LALKUAN STATION |
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PANT NAGAR RAILWAY STATION |
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DEORANIYAN RAILWAY STATION |
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SUDHIR UPADHYAY ON DEORANIYAN |
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ATAMANDA |
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ATAMANDA RAILWAY STATION |
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VIEW OF BHOJIPURA RAILWAY STATION FROM OVER BRIDGE |
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BAREILLY CLOCK TOWER |
श्रीमान जी आपकी यात्रावृत्तांत पढ़ कर मुझे मालूम हुआ कि आप बदायूं में रास्ता भटक गये। आपको बताना चाहता हूं कि बदायूं में प्रवेश करने से पहले नवादा चौराहा एक स्थान है यदि आप या अन्य कोई भी व्यक्ति इस चौराहे पर मुरादाबाद, फर्रुखाबाद, मथुरा, वृन्दावन, आगरा आदि जाने के लिए रास्ता पूछता है तो इस चौराहे पर मौजूद कोई भी स्थानीय व्यक्ति आपको शहर से बाहर जाने का रास्ता बता और समझा देगा। भविष्य में कभी मथुरा से बदायूं होकर गुजरना हो तो आप मेडिकल कॉलेज से बाईपास रोड हो कर बरेली रोड़ पर आ जाएंगे।
ReplyDeleteजी धन्यवाद , जी अवश्य
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