Thursday, June 28, 2018

Nainital



नैनीताल की सैर



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       उत्तराखंड राज्य के कुमाँयू मंडल में समुद्र तल से 1938 मीटर की ऊँचाई पर स्थित नैनीताल विश्व पर्यटन के मानचित्र पर एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहाँ सबसे अधिक झीलें हैं। नैनीताल उत्तराखंड का एक काफी बड़ा जिला है जिसकी स्थापना 1891 ईसवी में हुई। नैनीताल नगर तीन ओर से टिफिन टॉप, चाइनापीक, स्नोव्यू आदि ऊँची इंची पहाड़ियों से घिरा है। नैनीताल का ऊपरी भाग मल्लीताल और निचला भाग तल्लीताल कहलाता है।  वर्ष 1990 में नैनीताल के मल्लीताल में राजभवन या सचिवालय भवन की स्थापना की गई जिसका उत्तर प्रदेश की ग्रीष्म कालीन राजधानी के रूप में उपयोग किया जाता था। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद 9 नवंबर 2000 को इस भवन को उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के रूप में परवर्तित कर दिया गया। 


       नैनीताल का मुख्य आकर्षण यहाँ स्थित नैनी झील है जो 7 पहाड़ियों से घिरी है, जिनमे सबसे ऊँची पहाड़ी नैना या चाइना पीक है। नैनी झील की खोज 1841 में सी. पी. बैरन ने की थी।  नैनी झील के किनारे पर 51 शक्तिपीठ धामों में से एक शक्तिपीठ माँ नैना देवी का मंदिर भी स्थित है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव देवी सती के मृत शरीर को ले जा रहे थे तो उनकी एक आँख यहाँ गिरी और झील का निर्माण हो गया। नैनी झील को गौर से देखने पर पता चलता है कि इसका आकर एक आँख की तरह ही है जो सती की दाहिनी आँख कहलाती है। बाईं आँख हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर नामक स्थान के पास गिरी और वहां भी नैना देवी के नाम से एक शक्तिपीठ स्थापित है।  

       सबसे पहले हम ठहरने के लिए कोई उपयुक्त और सस्ता होटल तलाश करने लगे किन्तु सीजन के चलते मुझे कहीं भी कोई होटल नहीं मिला और मैंने नैनीताल में रुकने का इरादा त्याग दिया। परन्तु हमें नहाधोकर अपने कपडे तो बदलने ही थे जो कल से बाइक पर चलते हुए काफी मैले हो चुके थे और जब अब हम अपनी मंजिल पर पहुँच ही गए थे तो कपडे बढ़ाकर घूमना लाजमी था।

     काफी देर तक जब नहाने धोने की व्यवस्था  तो मैं तल्लीताल में बस स्टैंड से थोड़ा आगे होटल की तलाश करते हुए एक स्नानागार पर पहुँचा।  मैंने सोचा जब मुझे यहाँ रात को रुकना ही नहीं है तो क्यों न इसी स्नानागार में नहा धोकर तैयार हो लिया जाये और फिर हमने वही किया, उसी स्नानागार में मात्र तीस रूपये के खर्चे में हम नहा धोकर तैयार हो गए और वापस मल्लीताल की तरफ आ गए।

    मैंने अपनी बाइक को झील के किनारे एक सड़क पर खड़ा कर दिया फिर मैं और कल्पना नैनीझील में नौका विहार का आनंद लेने लगे।  नैनीताल में इस समय ग्रीष्मकालीन सीजन चल रहा था इसलिए यहाँ हमारे अलावा अनेको पर्यटक यहाँ आये हुए थे। करीब एक घंटे की नौका विहार करने के बाद मैं और कल्पना नैना देवी जी के मंदिर पहुंचे। यह एक काफी शानदार मंदिर है जहाँ नैना देवी जी के शानदार दर्शन कर मन खुश हो गया।

    मौसम भी काफी सुहावना हो गया था, बादलों ने नैनी झील और पहाड़ियों को अपने अधीन इस कदर कर लिया कि अब तक हरी भरी दिखने वाली वादियाँ सफ़ेद चादर में लिपटी नजर आ रही थीं। नैनीताल के खुशनुमा मौसम को देखने के लिए ही हज़ारों सैलानी हर वर्ष यहाँ आते हैं और गर्मियों की छुट्टियों का लुफ्त उठाते हैं। नैना देवी के मंदिर के बाहर बने रेस्टोरेंट में खाना खाकर हम नैनीताल का बाजार घूमने निकले।  

     नैनीताल देखने के बाद मैं अब पर्वतीय फल बाजार भुवाली और वहां से कैंचीधाम की ओर निकल पड़ा। 

नैनीताल में सुधीर उपाध्याय 

कैमरा, मैं और नैनी झील  

नैनीताल में पहली बार कैमरे से फोटोग्राफी 

दो मुसाफिर नैनीताल में 

हमारा नौका चालक 

नैनीताल 

NAINI LAKE, NAINITAL

NAINI LAKE, NAINITAL

NAINI LAKE, NAINITAL 

नैनीताल का एक अद्भुत दृश्य 

THE VIEW OF NAINITAL CITY

NAINI OR CHAINA PIK

शानदार नैनीताल 

नैनीताल की शानदार झील नैनी झील 

NAINITAL


झील के दूसरी तरफ एक मंदिर 

नैनीताल का नजारा 

ऐसी नौकाएं ही नैनीताल का आकर्षण हैं 

NAINA DEVI TEMPLE, NAINITAL

NAINA DEVI TEMPLE, NAINITAL

NAINA DEVI TEMPLE, NAINITAL

KALPANA IN NAINA DEVI TEMPLE, NAINITAL

नैनी झील के समीप भोलेनाथ और कल्पना 

KALPANA UPADHYAY MY WIFE

कल्पना उपाध्याय 

MY FIRST DSLR PIC


NAINA DEVI TEMPLE, NAINITAL


जय माँ नैनादेवी, नैनीताल 


NAINA DEVI TEMPLE, NAINITAL

CLOCK TOWER IN NAINITAL

NAINITAL MOSQUE

PARKING STAND IN NAINITAL 
       

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