UPADHYAY TRIPS PRESENT'S
कोंकण V मालाबार की मानसूनी यात्रा पर - भाग 14
सेंट ऑगस्टीन गिरिजाघर और उसके खंडहर - ओल्ड गोवा
1 JULY 2023
प्राचीन मंदिर और उनके खंडहरों के अवशेष तो मैंने अब तक अपनी अनेकों यात्राओं में देखे थे, किन्तु आज पहलीबार मैंने अपनी इस गोवा की एक दिवसीय यात्रा के दौरान एक पुरानी चर्च के खंडहरों और उसके अवशेषों को देखा। यह चर्च ओल्ड गोवा में एक ऊँचे टीले पर स्थित थी, जब मैं यहाँ पहुंचा तो जाना यह सेंट ऑगस्टीन चर्च थी जो प्रकृति के कहर और पुर्तगाली शासन की उपेक्षाओं का शिकार हुई।
इस चर्च का निर्माण सोलहवीं शताब्दी के प्रारम्भ में सेंट ऑगस्टीन भिक्षुओं ने करवाया था, वर्तमान में यह जिस टीले पर स्थित है, उस टीले को पवित्र पहाड़ी माना जाता है। अठाहरवीं शताब्दी में शहर में महामारी फैलने के बाद पूरा शहर वीरान हो गया, शहर के साथ साथ तत्कालीन सरकार और यहाँ के लोगों ने इस चर्च को भी त्याग दिया जिसके बाद बिना देख रेख के यह जीर्ण अवस्था को प्राप्त होने लगी, अंतत सन 1931 में इसका मुख्य द्वार आधी मीनार के साथ ध्वस्त हो गया। इसके ध्वस्त होने से पूर्व ही यहाँ लगी घंटी को पणजी की आवर लेडी ऑफ़ था इमेक्यूलेट कॉन्सेप्शन चर्च में स्थानांतरित कर दिया गया था जो वर्तमान में उपलब्ध है।
आज यहाँ वर्तमान में यह खंडहरों के रूप में दिखाई देती है जिसके अवशेष के नाम पर सिर्फ एक तरफ की मीनार का आधा भाग ही बचा हुआ है। मैं इस चर्च के सम्मुख खड़ा होकर इसके वास्तविक स्वरूप की कल्पना कर रहा था कि यह अपने समय में कितनी भव्य रही होगी। मैंने इसके प्रत्येक स्थल के अवशेषों को देखा और पाया कि यह सचमुच सोलहवीं शताब्दी में ओल्ड गोवा की सबसे बड़ी चर्च रही होगी।
इसके अलावा यहाँ से जॉर्जियाई रानी केतवन के शरीर के अवशेष भी प्राप्त हुए थे जो वर्तमान में निकट के संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
वर्तमान में वह यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल है
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कोंकण V मालाबार की मानसूनी यात्रा के अन्य भाग
- भाग 1 - मथुरा से पनवेल - तिरूवनंतपुरम सुपरफ़ास्ट एक्सप्रेस
- भाग 2 - कोंकण रेलवे की एक यात्रा ( पनवेल से मंगलुरु )
- भाग 3 - मैंगलोर से तिरुवनंतपुरम - केरला रेल यात्रा
- भाग 4 - शंखुमुखम बीच - तिरुवनंतपुरम का एक सुन्दर समुद्री किनारा
- भाग 5 - श्री अनंत पद्यनाभस्वामी मंदिर - तिरुवनंतपुरम
- भाग 6 - तिरुवनंतपुरम से निलंबूर रोड - केरल में रेल यात्रा
- भाग 7 - निलंबूर रोड से माही - केरला में एक रेल यात्रा
- भाग 8 - माहे - पश्चिमी पुडुचेरी का एक सुन्दर नगर
- भाग 9 - मंगलुरु सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर एक रात
- भाग 10 - मंगलूरु सेन्ट्रल से मुर्देश्वर : कोंकण रेलवे में पैसेंजर रेल यात्रा
- भाग 11 - श्री मुर्देश्वर मंदिर - समुद्री तट पर अलौकिक शिव धाम
- भाग 12 - मत्सयगंधा एक्सप्रेस और मडगांव स्टेशन पर एक रात
- भाग 13 - गोवा में एक दिवसीय यात्रा
- भाग 14 - सेंट ऑगस्टीन गिरिजाघर और उसके खंडहर - ओल्ड गोवा
- भाग 15 - केरला संपर्क क्रांति एक्सप्रेस - मडगांव से मथुरा
















