तमिलनाडु की ऐतिहासिक धरा पर - भाग 1
मथुरा से चेन्नई - ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस

30 DEC 2022
आख़िरकार एक लम्बे समय के बाद वो वक़्त आ ही गया जब मैं फिर से अपनी दक्षिण भारत की ऐतिहासिक यात्रा के लिए एकदम से तैयार था। पिछली बार कर्नाटक की ऐतिहासिक यात्रा करने के बाद मैंने इस बार तमिलनाडू राज्य को अपनी यात्रा के लिए चुना क्योंकि तमिलनाडु राज्य भी प्राचीन काल से ही हिन्दू धर्म का ऐतिहासिक केंद्र रहा है जहाँ चोलों ने अपनी वास्तुकला और स्थापत्य के ऐसे उदाहरण छोड़े हैं, जिन्हें देखने भर से उनकी महानता और सर्वोच्चता के साथ साथ भविष्य को लेकर उनकी दूर दृष्टि का बोध होता है।
चोल साम्राज्य के साथ साथ तमिलनाडु की भूमि चेर, पांडय और पल्लवों के महान साम्राज्य और उनकी विजयों का भी गुणगान करती है। बस इन्ही राज्यों से मिलने की तमन्ना लिए मैंने ब्रजभूमि से तमिल भूमि की ओर प्रस्थान किया।
आँग्ल नववर्ष आने में अब दो दिन ही शेष बचे थे, मेरी तमिलनाडु यात्रा की सभी तैयारियाँ लगभग पूर्ण हो चुकी थीं, नई साल का पहला दिन तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में मनाने का पूरा प्रबंध किया हुआ था।
30 दिसंबर की शाम, मथुरा से चेन्नई के लिए मैंने ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस से अपनी यात्रा शुरू की।
चूँकि मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक पलट पर निर्भर थी इसलिए मैंने इस यात्रा को शुरू करने के लिए ट्रेन भी ऐतिहासिक ही चुनी। जी हाँ, ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस जिसे शार्टकट में जीटी एक्सप्रेस भी कहते हैं, वर्तमान में नईदिल्ली से चेन्नई के बीच अपनी सेवा देती है। इस ट्रेन की शुरुआत देश में ब्रिटिश काल के दौरान हुई।
सन 1929 में ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस पेशावर ( अब पाकिस्तान ) से मैंगलोर के बीच चली जो उस समय मद्रास प्रान्त का एक हिस्सा था। यह सबसे लम्बी दूरी तय करने वाली ट्रेन थी जिसे पेशावर से मैंगलोर तक पहुँचने में 104 घंटे का समय लगता था।
बाद में इसे लाहौर से मेट्टुपालयम के बीच चलाया गया और अंत में देश की आजादी के बाद इसका मार्ग नई दिल्ली से मद्रास निश्चित हो गया जो आज भी जारी है। कुल चालीस स्टॉपों के साथ ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस दिल्ली से चेन्नई पहुँचने में 35 घंटे का समय लेती है।
इस समय को कम करने के लिए भारतीय रेलवे ने हूबहू इसी मार्ग पर एक और सुपरफ़ास्ट एक्सप्रेस गाडी का सञ्चालन शुरू किया जिसे तमिलनाडू एक्सप्रेस का नाम दिया गया।
हालांकि तमिलनाडु एक्सप्रेस एक सुपरफास्ट ट्रेन है और आज जीटी एक्सप्रेस की अपेक्षा नई दिल्ली से चेन्नई के बीच कम समय लेती है और कम स्टोपेजों पर रूकती है, फिर भी इसकी वजह से ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस की शान में कोई कमी नहीं आई और आज भी ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस का नाम प्रत्येक भारतीय को जुबाँ पर रटा रहता है।
12615 - 12616 ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस आज भी सुचारु रूप से उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ती है और देश की राजधानी को तमिलनाडू की राजधानी से। सन 2015 में रेलवे ने इसका टर्मिनल नई दिल्ली से दिल्ली सराय रोहिल्ला कर दिया था किन्तु 2018 में पुनः इसे नई दिल्ली से ही संचालित किया जाने लगा।
पहले यह शाम को साढ़े आठ बजे नई दिल्ली से मथुरा जंक्शन आती थी परन्तु अब कोरोना काल के बाद से इसके समय में परिवर्तन किया गया और अब यह साढ़े पांच बजे मथुरा पहुँचती है।
ट्रेन का समय नजदीक आते ही मैं अपनी बाइक लेकर रेलवे स्टेशन पहुँचा और बाइक अपने साले लखन को देकर मैं प्लेटफॉर्म पर पहुंचा। अपने सही समय से ट्रेन मथुरा पहुंची और मैं इसमें सवार हो गया।
मेरी साइड लोअर सीट थी जिसपर पहले से ही कोई बैठा आ रहा था, बाद में पता चला उसे भी चेन्नई जाना है इसप्रकार मुझे इस सफर में एक अनजान सहयात्री मिल गया। रात को कल्पना और निधि के द्वारा बनाई पूड़ियाँ खाकर मैं अपनी सीट पर लेट गया और सुबह जब मेरी आँख खुली तो देखा ट्रेन मध्य प्रदेश के घोडा डूंगरी स्टेशन पर खड़ी हुई थी, यहीं से इसके लेट होते जाने का सिलसिला शुरू हो गया।
चूँकि अन्य ट्रेनों के मुकाबले इसके ऐतिहासिक ट्रेन होने की वजह से इसके अनेकों स्टॉपेज भी हैं, बैतूल, आंवला, मुलताई, नरखेड़ के बाद नागपुर है। महाराष्ट्र के नागपुर के बाद सेवाग्राम होते हुए चंद्रपुर, बल्लारशाह से यह तेलंगाना के रामगुंडम पहुँची जहाँ इसने खड़े होकर अपने पीछे आने वाली नवजीवन एक्सप्रेस को निकाला और उसके बाद और भी दो ट्रेनों को जाने दिया तब कहीं अपना सफर आगे शुरू किया।
शाम हो चली थी, ट्रेन में आज मेरी दूसरी रात थी, अभी ट्रेन तेलंगाना प्रदेश में दौड़ रही है और सुबह यह अपने प्रदेश तमिलनाडू को स्पर्श करेगी तब तक मैं भी सो गया। अगली सुबह जब आँख खुली तो तमिलनाडू अभी भी दूर था और ग्रैंड ट्रक आंध्रा प्रदेश में धीमी गति से चल रही थी। जहाँ सुबह 4 बजे इसे चेन्नई पहुँच जाना चाहिए वहां अभी सुबह के दस बजे तक यह चेन्नई तो क्या तमिलनाडु के करीब भी नहीं पहुंची थी।
आज अपनी पसंदीदा सुपरफास्ट एक्सप्रेस की ऐसी हालत देखकर मुझे बहुत दुःख हुआ, रेलवे ने ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस की गरिमा को ख़त्म सा कर दिया था, इस ट्रेन के साथ ऐसा सलूक किया जा रहा था जैसे यह आज भी पाकिस्तान से ही आ रही हो।
देश की ऐसी हेरिटेज ट्रेन की रफ़्तार आजकल की नई नई रेलगाड़ियों से भी कम कर दी गई थी, छोटे छोटे स्टेशनों पर जहाँ यह नहीं रूकती है, उनपर भी इसे खड़ा करके दूसरी गाड़ियों को इससे आगे निकाला जा रहा था। भारतीय रेलवे को ना इस ट्रेन के हेरिटेज होने की कोई चिंता थी और ना ही इससे सफर करने वाले यात्रियों के समय की।
ट्रेन के लेट होने और बार बार रुकने के कारण इसमें सवार यात्री भी बेचारे इसी ट्रेन को कोस रहे थे जैसे यह ट्रेन जानबूझकर इन यात्रियों को समय से इनके गंतव्य तक नहीं पहुँचाना चाहती थी।
यात्रियों के मुंह पर, दूसरी ट्रेनों की तारीफें थी और ग्रैंड ट्रक के लिए केवल गालियां। अब इन्हें कौन समझाए दोष ट्रेन का नहीं था, यहाँ तो गलती केवल प्रशासन की थी जो अब केवल ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस को सुपरफास्ट दिखाकर आम जनता से पूरा किराया वसूलती है और सेवा के रूप यात्रियों को केवल देरी और प्रतीक्षा देती है।
प्रशासन को ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस के यात्रियों के समय की कोई चिंता नहीं थी, चिंता थी तो उन अन्य ट्रेनों की जो ग्रैंड ट्रक की वजह से कहीं लेट ना हो जाएँ क्योंकि उनके पास इसके जैसी सुपरफ़ास्ट तमिलनाडु एक्सप्रेस जो थी जिसे प्रशासन ने हमेशा समय से ही अपने गंतव्य तक पहुँचाया है।
खैर दोपहर एक बजे आख़िरकार ट्रेन चेन्नई पहुंची और इसके साथ ही मेरा और ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस का ये सफर पूरा हुआ, हालांकि ग्रैंड ट्रक तो प्रतिदिन अपना यह सफर पूरा करती है किन्तु मुझे तो अभी इसके आगे और भी सफर तय करने हैं।
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सफर की शुरुआत - ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस के साथ |
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अपनी सीट पर अपना बिस्तर
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मध्य भारत पहुँचते ही गर्मी का एहसास शुरू
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चंद्रपुर रेलवे स्टेशन
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बल्हारशाह रेलवे स्टेशन
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रामगुंडम स्टेशन - जहाँ अनेक ट्रेनों को आगे निकाला गया \ |
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रामगुंडम पर मेरा एक फोटो
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रामगुंडम की एक शाम, ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस के साथ
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ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस
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विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन पर ग्रैंड ट्रक एक्सप्रेस
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विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन
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रास्ते में एक नदी - WARDHA
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हालांकि इस स्टेशन पर जीटी का स्टॉपेज नहीं था फिर भी इसे यहाँ रोककर दूसरी ट्रेनों को निकाला गया |
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नाइदुपेटा रेलवे स्टेशन |
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NAIDUPETA RAILWAY STATION
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ARAMBAKKAM RAILWAY STATION |
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VIEW OF SEA FROM TRAIN |

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A HOSPITAL |
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KAVARAIPETTAI RAILWAY STATION |

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CURVE SEEN OF GT EXPRESS |
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मेरा सहयात्री ट्रेन में
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MGR CHENNAI CHENTRAL
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CHENNAI CENTRAL |
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CHENNAI CENTRAL |
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SUDHIR UPADHYAY ON CHENNAI CENTRAL |
NEXT PART :-
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