तमिलनाडू की ऐतिहासिक धरती पर… भाग - 10
कोयंबटूर की एक शाम और चेरान एक्सप्रेस
कोयंबटूर नगर और ईशा कोविल का प्लान
शाम को करीब पांच बजे मैं कोयंबटूर पहुंचा, मैं यहाँ से ईशा कोविल जाना चाहता था जहाँ भगवान शिव की शानदार मूर्ति के दर्शन होते हैं किन्तु अब ईशा कोविल जाना मुश्किल था क्योंकि मैंने अपने जीजाजी बासुदेव को फोन किया जो कुछ ही समय पहले यहाँ से अपने गाँव गए थे। वे कोयंबटूर शहर में ही रहते हैं और यहीं कार्यरत हैं किन्तु छुटियों में वे इगलास अपने गाँव चले जाते हैं, उन्हें कोयंबटूर शहर के बारे में अच्छी जानकारी है।
उन्होंने ही मुझे बतलाया कि अगर मैं इस समय ईशाकोविल जाऊँगा तो सुबह से पहले नहीं लौट पाउँगा जबकि रात को चेन्नई के लिए मेरी ट्रेन है वो निकल जाएगी। अतः बिना देर किये मैं ईशा कोविल जाने वाली बस में से उतरा और वापस रेलवे स्टेशन पहुंचा।
रेलवे स्टेशन के बाहर ही काफी बड़ा और अच्छा बाजार है। मैं खाना खाने से पहले आज की सारी थकान दूर करना चाहता था इसलिए मुझे जाम की आवश्यकता थी। जाम की दुकान स्टेशन से कुछ ही मिनट की दुरी पर थी, मैं वहां पहुंचा और कुछ मूल्य देने के बाद मुझे एक बियर की बोतल प्राप्त हुई। जाम पीने के बाद मैं वापस स्टेशन पहुंचा और अपना बैग लेकर स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचा।
मैं और चेरान एक्सप्रेस
चेरान एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म 3 पर, चेन्नई जाने के लिए तैयार खड़ी हुई थी। ट्रेन में मुझे आरएसी में सीट मिली थी जो फ़िलहाल खाली पड़ी थी। मैं सीट पर पहुँचते सो गया, हालांकि मैं जाम के सुरूर में था और पिछली रात का जगा भी था इसलिए मुझे सीट पर लेटते ही शानदार नींद आ गई।
रात्रि में मेरी सीट पर दूसरा सहयात्री एक लड़की थी, जो रात्रि में किसी स्टेशन से सवार हुई और मुझे जगाने आई किन्तु मुझे जागने के अपने असफल प्रयास के बाद कहाँ चली गई मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। बस इतना पता था कि चेन्नई पहुँचने तक मैं बड़े इत्मीनान से RAC की सीट पर सोते हुए ही आया। इस तरह मेरी चेरान एक्सप्रेस की यात्रा पूर्ण हुई।
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A Mosque near Coimbatore Railway Station |
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Coimbatore Railway Station |
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Coimbatore Railway Station |
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Coimbatore Railway Station |
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Coimbatore Railway Station |
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