तमिलनाडू की ऐतिहासिक धरा पर भाग - 8
रॉकफोर्ट मंदिर और त्रिची की एक शाम
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तमिलनाडू के मध्य भाग में स्थित त्रिची एक बड़ा और सुन्दर नगर है। यह नगर कावेरी नदी के किनारे स्थित है। प्राचीनकाल में यह चोल शासकों की प्रथम राजधानी भी रहा है जिसे उरैयूर के नाम से जाना जाता था। चोल सभ्यता के अलावा यहाँ पल्लवकालीन सभ्यता के अवशेष भी देखने को मिलते हैं।
नगर के बीचोबीच एक ऊँची चट्टान पर रॉकफोर्ट स्थित हैं जहाँ से अनेक पल्लवकालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं। चट्टान के सबसे ऊपरी शिखर पर श्री गणेश जी का मंदिर स्थित है जहाँ गणेश जी को दूब ( घास ) चढाने का विशेष महत्त्व है। यहाँ से समूचे नगर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है और साथ ही कावेरी की अविरल धाराएं भी यहाँ से स्पष्ट नजर आती हैं।
कावेरी के मध्य में स्थित भगवान विष्णु का धाम श्री रंगम जी का मंदिर भी दिखलाई पड़ता है।
त्रिची को तिरुच्चिरापल्ली के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ के रेलवे स्टेशन का नाम तिरुच्चिरापल्ली ही है जो कि एक मुख्य जंक्शन पॉइंट है और दक्षिण रेलवे का मुख्य मंडल है। यह स्टेशन काफी साफ़ सुथरा और आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है। स्टेशन के नजदीक ही दक्षिण रेलवे का संग्रहालय भी दर्शनीय है।
मैं त्रिची शहर में दो दिन रुका था और आज शाम रॉकफोर्ट देखने के बाद मेरा यहाँ से आगे बढ़ने का समय हो चला था। देर शाम में रॉकफोर्ट के गणेश जी के मंदिर पर बैठा समूचे नगर को देख रहा था जो रात के अँधेरे में चकाचौंध दिखाई दे रहा था।
यहाँ मैंने अपनी माँ और बहिन से बात की क्योंकि आज घर से निकले मुझे पाँचवा दिन था और मुझे उनकी अब याद सी आने लगी थी। रॉकफोर्ट मंदिर के निचले भाग में पल्लव शासकों के अनेकों अभिलेख दीवारों पर उकरे हुए हैं और यहाँ आज भी तमिल सभ्यता के अनुसार पूरे विधिविधान से हिन्दू देवी देवताओं की पूजा अर्चना होती है।
रॉकफोर्ट के आसपास बहुत बड़ा बाजार है जहाँ जरुरत का हर सामान उचित मूल्य पर मिलता है। एक सॉफ्टी आइसक्रीम खाने के बाद मैं स्टेशन की तरफ बढ़ चला क्योंकि अब मुझे अपनी अगली यात्रा पर निकलना था। रात को कोयंबटूर जाने के लिए मुझे एक ट्रेन मिली जिसमें मेरा रिजर्वेशन नहीं था।
बिना रिजर्वेशन आज मुझे इस ट्रेन में बहुत परेशानी उठानी पड़ी क्योंकि मेरा सफर पूरी रात का था और सोने के लिए मुझे सीट नहीं मिली जबकि मैं पूरे दिन का थका हुआ था और मुझे बहुत जोरों से नींद भी आ रही थी। ट्रेन कावेरी नदी के समानांतर चल रही थी।
मैं चोलों राज्य से निकलकर अब चेर राज्य की ओर बढ़ रहा था।
इरोड स्टेशन पर यह ट्रेन काफी देर खड़ी रही इसलिए इसे छोड़कर मैंने दूसरी ट्रेन पकड़ ली और अगली सुबह मैं कोयंबटूर में था।
त्रिची की सुबह - एक चाय |
इडली सांभर, सुबह का नाश्ता - त्रिची |
सेंट मैरी चर्च - त्रिची |
रॉक फोर्ट मंदिर - त्रिची |
त्रिची शहर और कावेरी नदी |
श्री गणेश मंदिर , रॉक फोर्ट - त्रिची |
श्री गणेश मंदिर , रॉक फोर्ट - त्रिची |
रॉक फोर्ट टेम्पल |
ऐतिहासिक अभिलेख - रॉक फोर्ट, त्रिची |
जनवरी में एक आइस क्रीम का आनंद लेते हुए |
कॉरिडोर - तिरुचिरापल्ली जंक्शन |
तिरुच्चिरापल्ली जंक्शन - तमिलनाडु |
बस स्टैंड - त्रिची |
त्रिची यात्रा समाप्त
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