कान्हेरी गुफाएँ
भारतवर्ष में बौद्ध धर्म का उदय होने के बाद, भारतीय लोगों की इस धर्म के प्रति आस्था को देखते हुए अनेकों मठ, विहार स्थल, स्तूप और पर्वतों को काट छाँट कर गुफाओं का निर्माण हुआ। यह स्थल बौद्ध लोगों और भिक्षुयों के लिए रहने और महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं के प्रसार प्रचार हेतु बनाये गए थे। प्राचीन भारत के सबसे बड़े साम्राज्य, मगध में मौर्य वंश के दौरान से ही इन सभी का निर्माण कार्य आरम्भ हुआ। मौर्य वंश के पतन के पश्चात भी अनेकों राजवंशों ने बौद्ध धर्म के प्रति अपनी आस्था बनाये रखी तथा इसे राजधर्म तक घोषित किया और ऐसे ही स्मारकों और गुफाओं का निर्माण होता रहा, जिनमें कुषाण और हर्षवर्धन का काल सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहा।
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इस बीच अनेकों ऐसे राजवंशों का भी उदय हुआ जिन्होंने बौद्ध धर्म को हटाकर प्राचीन ब्राह्मण धर्म का पालन किया और विष्णु एवं शिव के उपासक रहे। इन शासकों ने बौद्धकालीन स्मारकों को कोई क्षति ना पहुँचाते हुए अपने धर्म के प्रचार और प्रसार को भी इन स्मारकों में सिम्मलित कर दिया और इसके लिए इन्होने अनेकों मूर्तियों, मंदिरों और गुहालेखों का निर्माण कराया। इन राजवंशों में शुंग, आंध्र सातवाहन तथा गुप्त शासक मुख्य थे।
गुप्त काल के बाद हर्षवर्धन का काल आखिरी ऐसा काल था जिसमें बौद्ध धर्म अपने चरम पर था, हर्षवर्धन के के पश्चात् भारतभूमि में राजपूतों का उदय हुआ जो केवल हिन्दू धर्म के ही अनुयायी थे। इन्होने भी समय - समय पर अपने अस्तित्व को इतिहास में दर्शाने के लिए अनेकों मंदिर, मूर्तियों और गुफाओं का निर्माण कराया जिनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्मारक राष्ट्रकूट शासकों के रहे। राष्ट्रकूट शासकों ने बौद्ध गुफाओं का जीर्णोद्धार कराया जिनमें कान्हेरी की गुफा आज भी इस वंश के अस्तित्व का एहसास कराती है।
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मुंबई स्थित संजय गाँधी नेशनल पार्क के घने जंगलों के बीच स्थापित कान्हेरी गुफाएं एक महत्वपूर्ण स्थल है। अनेकों पर्यटक जिनमें देशी और विदेशी दोनों ही शामिल हैं भारतीय शिल्पकला के अनूठे उदाहरणों और भारतभूमि के गौरवशाली इतिहास की एक झलक देखने यहाँ आते हैं।
जनसँख्या की दृष्टि से भारत के सबसे बड़े नगर मुंबई के बीच स्थित ये गुफाएँ एक शांत और हरे भरे प्राकृतिक वातावरण के बीच बौद्ध भिक्षुयों के रहने और बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का प्रसार प्रचार करने हेतु बनाई गईं थीं। यहाँ कुल 110 गुफाएं स्थित हैं जिनमें 3, 11, 34, 41, 67, 87 और 90 देखने हेतु महत्वपूर्ण हैं। उन गुफाओं के अलावा यहाँ स्तूपों के अवशेष, पहाड़ काटकर बनाई गई सीढ़ियां, और जलकुंड भी देखे जा सकते हैं।
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कान्हेरी गुफायें संजय गाँधी नेशनल पार्क में स्थित हैं जिनके लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन बोरीवली है। हम संजय गांधी नेशनल पार्क घूम कर कान्हेरी को जाने वाली एक मात्र बस न. 188 द्वारा कान्हेरी गुफा पहुंचें। घने जंगलों के बीच यह एक शांत और स्वच्छ प्राकृतिक स्थान है। इन गुफाओं के प्राचीन विरासत होने के कारण इन्हें पुरातत्व विभाग ने अपने संरक्षण में ले रखा है अतः यहाँ प्रवेश हेतु शुल्क देकर टिकट लेना आवश्यक होता है। इन गुफाओं के संरक्षण में भारतीय पुरातत्व विभाग के अलावा देश की सबसे बड़ी ईंधन और तेल उत्पादक कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन का भी अहम् योगदान है।
यहाँ स्थित पहाड़ों के नीचे और पहाड़ों को काटकर अनेकों बौद्ध गुफाओं का निर्माण किया गया है जिनमें क्रमानुसार बौद्ध स्तूप और महात्मा बुद्ध की मूर्तियां देखने को मिलती हैं। यह एक काफी बड़ा स्थान है और इसे देखने के लिए कम से कम एक पूरा दिन होना अनिवार्य है।
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अधिकतर गुफाएँ देखने के बाद मैं और कल्पना एक ऐसे स्थान पर पहुंचे जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता से इस स्थान की ख़ूबसूरती को और भी बढ़ा देता है, और यह स्थान यहाँ बह रही एक नदी के पास है जहाँ से देखने पर हरे भरे जंगल के बीच मुंबई शहर का भव्य दृश्य दिखाई देता है, मुंबई की बड़ी बड़ी इमारतें यहां से बहुत छोटी मगर खूबसूरत दिखाई देती हैं। इस नदी पर बना लोहे का पुल भी कम शोभनीय नहीं है। यह नदी यहीं पहाड़ से नीचे भी गिरती है जिसका जलप्रपात मानसून में देखने योग्य होता है।
काफी समय यहाँ घूमने के बाद हम मुंबई के अन्य स्थानों की ओर रवाना हो गए।
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WELCOME TO KANHERI CAVES |
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BOOKING OFFICE - KANHERI CAVES |
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PARTICIPATE OF IOCL - KANHERI CAVES |
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HISTORY BOARD - KANHERI CAVES |
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MAP BOARD - KANHERI CAVES |
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WAY TO KANHERI CAVES |
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CAVE NO. 1 - KANHERI CAVES |
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KANHERI CAVES - MUMBAI |
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STOOP - KANHERI CAVE |
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SUDHIR UPADHYAY IN KANHERI CAVES |
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WATER TANK - KANHERI CAVES |
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राष्ट्रकूट शासकों की शिल्पकला का उदहारण यह मूर्ति - कान्हेरी गुफाएं |
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KANHERI CAVES - MUMBAI |
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STATUE OF MAHATMA BUDDH - KANHERI CAVES |
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STATUE OF MAHATMA BUDDH - KANHERI CAVES |
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KALPANA UPADHYAY AT KANHERI CAVES |
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KANHERI CAVES |
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KANHERI CAVES |
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STATUE OF MAHATMA BUDDH - KANHERI CAVES |
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KANHERI CAVES |
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KANHERI STOOP - KANHERI CAVES |
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STOOP CAVE TEMPLE - KANHERI CAVES |
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A RUINS OF STOOP - KANHERI CAVES |
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KANHERI CAVES - MUMBAI |
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KANHERI CAVES |
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ये क्या देखने जा रही है ? .... खाली गुफा |
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A WARNING - KANHERI CAVES |
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A RIVER & BRIDGE AT KANHERI CAVES |
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KANHERI CAVES - MUMBAI |
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OLD KANHERI CAVES - MUMBAI |
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OLD KANHERI CAVES - MUMBAI |
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WATER TANK - OLD KANHERI CAVES |
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KANHERI CAVES - MUMBAI |
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KANHERI CAVES - MUMBAI |
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KANHERI CAVES - MUMBAI |
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A VIEW OF MUMBAI & S.G.NATIONAL PARK FROM KANHERI CAVES |
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BHARAT MOHAN WITH HIS CHILDREN AT KANHERI CAVES |
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ये बाप - बेटी इस शिला को लुढ़का के ही मानेंगे |
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MY DEAR SISTER SADHANA AT KANHERI CAVES |
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कान्हेरी के घुमक्कड़ |
अगली यात्रा -
अजन्ता गुफाओं की तरफ एक रेल यात्रा
पिछली यात्रा का भाग -
मुंबई 2020 - नए साल की सैर
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