Wednesday, April 8, 2020

KAILASH TEMPLE : ELLORA



कैलाश मंदिर : एलोरा गुफाएँ 




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5 जनवरी 2020 

    एलोरा गुफाओं का निर्माण राष्टकूट शासक कृष्ण प्रथम के शासनकाल में अजंता की गुफाओं को बनाने वाले कारीगरों के वंशजों ने किया था। एलोरा गुफाओं में के केवल बौद्ध ही नहीं अपितु हिन्दू और जैन धर्म से सम्बंधित अनेकों गुफाएं स्थित हैं। यह सभी गुफाएं अजंता की तरह ही चट्टानों को काटकर बनाई गईं हैं। 8वीं शताब्दी के मध्य एलोरा राष्ट्रकूट शासकों की राजधानी का मुख्य केंद्र रहा है जहाँ राष्ट्रकूट शासकों ने अनेकों गुफाओं का निर्माण कराया और हिन्दू होने के कारण उन्होंने यहाँ पहाड़ को काटकर एक ऐसे मंदिर का निर्माण कराया जिसका वर्णन भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से युक्त है। इस मंदिर की शिल्पकारी और मूर्तिकारी को देखकर ही इसकी भव्यता का अनुमान लगाया जा सकता है और यह मंदिर है एलोरा का कैलाश मंदिर। 


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   राष्टकूट शासक कृष्ण प्रथम ने एलोरा के कैलाश मंदिर का निर्माण कराया जिसमें भव्य चित्रकलाओं, मूर्तिकलाओं और भवनों का उत्कृष्ट निर्माण हुआ है। यहाँ एक विशाल गज की प्रतिमा इस मंदिर के दोनों और निर्मित कराई गई जो राष्ट्रकूट वंश की मुख्य पहचान थी। इसके अलावा यहाँ एक कीर्तिस्तंभ भी देखने को मिलता है जिसे संभवतः ध्वजास्तम्भ भी कहते है। 

    कैलाश मंदिर गुफा क्रमांक 16 में एक विशाल गुफा में स्थित है जहाँ एक विशाल शिवलिंग रूप में भगवान शिव के दर्शन होते हैं। मंदिर के गर्भगृह के सामने ही बैठे हुए नंदी की मूर्ति दर्शनीय है। एलोरा की गुफाएं विश्व धरोहर के रूप में भारत की ऐतिहासिक विरासत हैं। चूँकि कैलास मंदिर पर्वत को काटकर बनाया गया है इसलिए सर्वप्रथन इसके कलश का निर्माण हुआ और बाद में इसके नीचे के गर्भगृह का निर्माण हुआ। 

  आश्चर्य से भरपूर यह उस समय की अचूक और बेजोड़ शिल्पकला का शानदार उदहारण है। एक पर्वत को काटकर मंदिर का स्वरूप देना सचमुच राष्ट्रकूट शासकों की दूरदर्शिता और कला के प्रति उनके अटूट प्रेम को दर्शाती है। कैलाश मंदिर में उत्कीर्ण हर मूर्ति कोई न कोई गाथा अवश्य कहती है।  

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    एलोरा में कुल 34 गुफाएं बनी हुई हैं जिनमें शुरुआती 12 गुफाएँ क्रमशः बौद्ध गुफाएँ हैं जिनका निर्माण एलोरा की अन्य गुफाओं की तुलना में सबसे पहले हुआ था। अनुमानित यह गुफाएं अजंता की गुफाओं के निर्माण काल के समय की जान प्रतीत होती हैं। 

    बौद्ध गुफाओं के बाद गुफा क्रमांक 13 से 30 तक की सभी गुफाएं हिन्दू धर्म को समर्पित हैं जिनमें अधिकतर गुफाएं भगवान शिव को समर्पित हैं इसके अलावा भगवान विष्णु के दशावतारों में से मुख्य सात अवतारों का वर्णन इन्हीं गुफाओं में मिलता है। भगवान राम और श्री कृष्ण से संबंधित कथाओं का यहाँ सुन्दर अवलोकन किया गया है। 

    इसके अलावा आदिशक्ति माँ दुर्गा को भी महिषासुर का वध करते हुए यहाँ दिखाया गया है। देवताओं के राजा इंद्र और उनकी सभा का भी सुन्दर चित्रण किया गया है। गुफा क्रमांक 31 से 34 तक सभी गुफाएं जैन धर्म को समर्पित हैं इन गुफाओं में महावीर स्वामी, पार्श्वनाथ, गोमतेश्वर आदि की मूर्तियां सुशोभित हैं। कुल मिलाकर एलोरा की गुफाएं भारत के महान तीन धर्मों का संगम स्थल है जो अत्यंत कहीं देखने को नहीं मिलता। 

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    मैं पिछली बार जब यहाँ आया था तब यह गुफा बंद हो चुकी थीं और मैं अकेला ही इसकी बौद्ध गुफाओं को देखकर जा चुका था। किन्तु आज अपने सहयात्रियों के साथ यहाँ आकर मैंने सबसे पहले गुफाओं के प्रवेश द्वार के सम्मुख स्थित कैलाश मंदिर को देखा जिसे मैं अपनी पिछली यात्रा में नहीं देख पाया था।

    मेरे सहयात्री  ऐतिहासिक जगहों और ऐसी गुफाओं को देखकर ऊब गए थे जिसकारण अब उन्हें गुफाएं देखने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। इसलिए केवल कैलाश मंदिर को देखने के बाद ही उन्होंने एलोरा से निकलने का निश्चय कर लिया। अब हम अपनी यात्रा के अंतिम चरण में थे और एलोरा के साथ ही हमारी ऐतिहासिक यात्रा समाप्त हो गई। 

    समय अभाव के कारण और सहयात्रियों की अरुचि को देखते हुए मैं एलोरा से बाहर निकल आया। एलोरा की समस्त गुफाओं को देखने के लिए यहाँ महाराष्ट्र परिवहन की रोड़वेज शटल बस भी चलती है। एलोरा की गुफाएं एक बहुत ही बड़े भूभाग पर विस्तृत हैं जिन्हें पैदल घूमने के लिए कम से कम एक दिन तो अवश्य चाहिए। अन्यथा यहाँ पहले दिन बौद्ध गुफाएं, दुसरे दिन हिन्दू गुफाएं और तीसरे दिन जैन गुफाएं घूमकर यात्रा को पूर्ण किया जा सकता है जो एलोरा के अध्ययन करने वालों के लिए विशेष लाभकारी सिद्ध होगा। 

WELCOME TO ELLORA
WELCOME TO ELLORA CAVES



SHUTTLE BUS FOR ELLORA CAVES

KAILASH TEMPLE - ELLORA CAVES

KAILASH TEMPLE - ELLORA CAVES

HISTORY BOARD - KAILASH MANDIR ELLORA

KAILASH TEMPLE - ELLORA CAVES

कमल के पुष्प पर विराजमान यह देवी लक्ष्मी हो सकती हैं। 

 तालाब में खिलते कमल के पत्तों के बीच देवी लक्ष्मी जी 


महिषासुर मर्दिनी माँ दुर्गा 



कीर्ति या ध्वजा स्तम्भ 


नटराज की अवस्था में भगवान शिव 




मंदिर के अंदर 

गर्भ गृह - कैलाश मंदिर एलोरा 

कैलाश मंदिर का शिवलिंग - एलोरा 

शानदार चित्रकारी एलोरा 

गर्भ गृह के सामने विराजमान नंदी 


सम्भतः इसी कलश का निर्माण सर्वप्रथम हुआ 


ध्वजा स्तम्भ 

मंदिर के दूसरी तरफ के हाथी की टूटी हुई मूर्ति 





KAILASH TEMPLE - ELLORA CAVES

KAILASH TEMPLE - ELLORA CAVES

KAILASH TEMPLE - ELLORA CAVES

KAILASH TEMPLE - ELLORA CAVES

KAILASH TEMPLE - ELLORA CAVES


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 अगली यात्रा - श्री घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग 2020

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2 comments:

  1. I have read all your travelling blogs related to Nasik,aurangabad, ellora,etc.recently i had also visited to all these places along with my family in October 2019.shirdi was my base station and booked cab to visit all these places it was 5 days tour from delhi.you have recold all memories again.
    K.R.singh

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    1. THANKS YOUR VISIT SIR, YOUR ALWAYS WELCOME ON THIS BLOGSITE

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