Tuesday, April 7, 2020

AURANGZEB TOMB



खुलदाबाद - औरंगजेब का मक़बरा



इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये। 

5 जनवरी 2020 

     दौलताबाद का किला देखने के बाद हम एलोरा गुफाओं की तरफ आगे बढ़ गए। यहाँ रास्ता बेहद ही शानदार था, रास्ते के दोनों तरफ बड़े बड़े छायादार घने वृक्ष लम्बी श्रृंखला में लगे हुए थे। दौलताबाद की सीमा समाप्त होते ही, घाट सेक्शन शुरू हो जाता है और ऑटो अब अपनी पूरी ताकत से इन पहाड़ियों पर गोल गोल घूमकर चढ़ता ही जा रहा था। कुछ समय बाद हम एक मुसलमानों की बस्ती में पहुंचे। यह नगर खुलदाबाद कहलाता है जिसे मुग़ल सम्राट औरंगजेब ने बसाया था। यहां औरंगजेब का मकबरा एक साधारण सी मजार के रूप में स्थित है। इस स्थान के ऐतिहासिक महत्त्व को देखते हुए हम अपने धर्म के विपरीत इस स्थान को देखने गए।


... 
   खुलदाबाद की स्थापना औरंगजेव ने अपने दक्षिण भारत अभियान के तहत की थी। औरंगजेब एक सुन्नी मुसलमान था और अपने इस्लाम धर्म के प्रति बहुत ही सहिष्णु था। वह जितना इस्लाम धर्म का आदर करता था उतनी ही घृणा वह हिन्दुओं से करता था जिसकारण वह हिंदुस्तान में महान साम्राज्य का शासक होने के बाबजूद भी हिन्दू जनता के दिल में अपने लिए स्थान नहीं बना पाया था। उसने सदैव इस्लाम धर्म की उन्नति पर बल दिया और जबरन हिंदुयों और सिखों को इस्लाम धर्म स्वीकार करने को बाध्य किया। उसके कठोर अनुशासन और धार्मिक कट्टरता के कारण मुस्लमान भी उससे भय खाते थे। वह न तो कभी राजदरबार में हँसता था और नाही किसी को हँसने देता था। संगीत, नृत्य, मदिरापान उसके राज्य में पूर्णतः वर्जित थे।

... 
    अपने धार्मिक प्रवृति का होने के कारण वह सूफी संतों का बड़ा आदर करता था। खुल्दाबाद में उसने इस्लाम धर्म के महान संत बहिनुद्दीन से दीक्षा ली और उन्हें अपना गुरु बनाया। उसने अन्य मुग़ल सम्राटों की तरह अपना मकबरा बनबाने से मना कर दिया और संत सैयद जैनुद्दीन शिराजी  की मृत्यु के पश्चात उनके निकट ही स्वयं को मृत्युउपरांत दफ़नाने का आदेश दिया। वह शासन के दौरान भी अपने गुरु के करीब रहा और उनकी शिक्षाओं पर चलता रहा और मरने के बाद भी उसे उसके गुरु के नजदीक ही दफ़न किया गया। आज हम उसी स्थान पर पहुंचें जहाँ इतने बड़े साम्राज्य का शासक एक आम इंसान की तरह जमीन के अंदर दफ़न था।

... 
    यह स्थान एक मस्जिद है जहाँ मैं स्वयं का प्रवेश वर्जित मानता हूँ किन्तु हमारे धर्म में सभी धर्मों का आदर करना सिखाया गया है और उक्त धर्मों से जुड़े स्थलों का सम्मान करना भी। अतः अपने जूते बाहर उतार कर हमने इस मस्जिद में प्रवेश किया और औरंगजेब के कब्र पर पहुंचे। भारतीय इतिहास के इतने बड़े शासक की कब्र एक आम सूफी संत  की तरह मज़ार के रूप में दिखाई देती है। यहीं पास में ही उसके गुरु सैयद जैनुद्दीन शिराजी की दरगाह भी स्थित है।  इसके अलावा यहाँ एक स्थान पर इस्लाम धर्म के पैगम्बर मोहम्मद साहब की पवित्र दाढ़ी का बाल सुरक्षित रखा हुआ है।

... 
    औरंगजेब की मजार देखने के बाद हम मस्जिद से बाहर आ गए क्योंकि यहाँ के अन्य स्थलों में हमारी कोई रूचि नहीं थी। खुल्दाबाद में अनेकों मस्जिद और मजारें स्थित हैं। यह एक ऐतिहासिक कालीन क़स्बा है जो मुख्यतः औरंगजेब के कारण ही प्रसिद्ध है। हमारा आज का मुख्य लक्ष्य एलोरा गुफा पहुंचना था इसलिए बिना देर किये हम एलोरा की तरफ बढ़ चले।

WAY YO VELUR

WELCOME TO KHULTABAD

ENTRY GATE OF KHULTABAD

WAY TO AURANGZEB TOMB

AURANGZEB TOMB 

औरंगज़ेब की मज़ार - खुलताबाद 

GRAVE OF MOUGAL KING AURANGZEB 

AURANGZEB TOMB

ME & BHARAT AT AURANGZEB TOMB

AURANGZEB TOMB 

AURANGZEB TOMB 

TOMB OF SAIYAD ZAINUDDIN SHIRAJI

मुहम्मद साहब की पवित्र दाढ़ी के बाल यहीं सुरक्षित हैं। 





औरंगज़ेब का मकबरा 



अगली यात्रा - कैलास मंदिर, एलोरा गुफाएं।

OTHER TRIP IN THIS PART :- 




No comments:

Post a Comment

Please comment in box your suggestions. Its very Important for us.