UPADHYAY TRIPS PRESENT'S
कर्नाटक की ऐतिहासिक यात्रा पर भाग - 5, यात्रा दिनांक - 02 JAN 2021
बेंगलूर शहर में इतिहास की खोज
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पूरा दिन बीदर शहर साइकिल चलाकर घूमने के बाद जब शाम को मैं बीदर स्टेशन पहुंचा, तो बेंगलुरु जाने वाली ट्रेन प्लेटफॉर्म पर तैयार खड़ी थी। हालाँकि मेरी यात्रा का उद्देश्य केवल उत्तर कर्नाटक की यात्रा का था किन्तु रात व्यतीत करने के लिए कोई स्थान तो चाहिए इसलिए मैंने होटल के स्थान पर ट्रेन को पसंद किया जिसमें मैं रात को आराम से सो भी जाऊँगा और सुबह बेंगलुरु भी पहुँच जाऊँगा। सही समय के साथ ट्रेन बीदर से रवाना हो चली, और मैंने ऊपर वाली सीट पर अपना बिस्तर लगाया और सो गया। सुबह जब मेरी आँख खुली तो ट्रेन बेंगलोर पहुँच चुकी थी। ट्रेन में से बेंगलोर शहर की ऊँची ऊँची इमारतें और बड़ी बड़ी सड़कें दिखाई दे रही थीं। कर्नाटक के एक छोटे से शहर से मैं अब कर्नाटक की राजधानी बेंगलोर पहुँच चुका था।
बीदर से आने वाली यह ट्रेन बेंगलोर के यशवंतपुर स्टेशन पहुंची। बहुत नाम सुना था मैंने इस स्टेशन का, आज देख भी लिया। बहुत ही साफ़ सुथरा और बड़ा स्टेशन है। यहीं बने एक जन सुविधा केंद्र में नहा धोकर मैं तैयार हो गया और स्टेशन के बाहर निकला। बेंगलोर का मौसम मुझे बीदर की अपेक्षा बहुत अलग मिला। ना ज्यादा यहाँ सर्दी थी और ना ही गर्मी। आसमान में बादल से हो रहे थे इसलिए सूर्य भी दिखाई नहीं दे रहा था। स्टेशन के ठीक सामने बेंगलोर मेट्रो का यशवंतपुर नाम से स्टेशन है। बेंगलोर की मेट्रो नम्मा मेट्रो के नाम से प्रसिद्ध है। कन्नड़ भाषा में नम्मा का मतलबा हमारी या हमारा होता है इसलिए बेंगलोर वासियों के लिए यह उनकी मेट्रो है। मैंने मेट्रो का कार्ड लिया और प्लेटफार्म पर पहुंचा।
मुझे बेंगलोर के मुख्य स्टेशन पहुँचना था जहाँ मुझे अपना बैग भी क्लॉक रूम में देना था और बेंगलोर सिटी का वह स्टेशन भी देखना था जहाँ हमारी नई दिल्ली से आने वाली कर्नाटक एक्सप्रेस भी आती है। दो - तीन मेट्रो स्टेशन निकलने के बाद मैं बेंगलोर स्टेशन पहुंचा। मैट्रो से स्टेशन के बीच पहुँचने पर बस स्टैंड के ऊपर बने फुट ओवर ब्रिज से होकर गुजरना होता है जहाँ एक तरफ गोलाकार डिज़ाइन में लोकल बस का अड्डा है और दूसरी तरफ अंतर्राज्यीय बस स्टैंड है। ठीक सामने बेंगलोर का मुख्य रेलवे स्टेशन है क्रांतिवीर संगोल्ली रायन्ना बेंगलोर। स्टेशन पर क्लॉकरूम में बैग जमा करने के बाद मैं लोकल बस स्टैंड पहुंचा परन्तु उससे पहले मैंने एक फल बेचने वाली से कुछ केले लिए और वीडियो कॉल पर अपनी पत्नी कल्पना से घर के हाल चाल जाने।
हालांकि मैं कर्नाटक की ऐतिहासिक यात्रा पर था इसलिए मैंने बेंगलोर में भी वही स्थान देखने के लिए चयनित किये थे जो ऐतिहासिक हों। इसलिए मैं बेंगलोर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिर श्री सोमेश्वर स्वामी के दर्शन करने लिए बंगलौर की सिटी बस में बैठा। यह मंदिर बेंगलोर के हालसूरु नामक जगह पर स्थित है इसके बाद मैंने अन्य जगह भी देखि जो निम्नलिखित हैं
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YASHWANTPUR RAILWAY STATION |
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YASHWANTPUR METRO STATION |
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SUDHIR UPADHYAY AT BENGLURU METRO |
BREAKFAST TIME - BANANA AT BENGLURU CITY RAILWAY STATION
बेंगलोर के ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल
श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर - हालसूरु
बेंगलोर के पूर्व में उल्सूर या हालसूरु नामक झील के नजदीक यह प्राचीन मंदिर स्थित है जो चोल राजाओं द्वारा निर्मित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और सुन्दर शिवलिंग के रूप में भगवन शिव के यहाँ गर्भगृह में दर्शन होते हैं। चूँकि यह मंदिर बेंगलोर शहर में घनी आबादी के बीच में स्थित है परन्तु फिर भी यहाँ का वातावरण प्राकृतिक है। नारियल के वृक्षों के अलावा अन्य और भी वृक्ष इस मंदिर के चारों तरफ लगे हैं और इसकी शोभा बढ़ाते हैं। श्री सोमेश्वर स्वामी के अलावा यहाँ माता पार्वती, हनुमान जी और गणेश जी का मंदिर भी दर्शनीय है। मंदिर का प्रांगण और गर्भगृह के ऊपर कोई गुम्बद नहीं है, यह मंदिर चोलकालीन है और चौकोर मंडप के साथ बना हुआ है।
माना जाता है कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार यहलंका के राजा कैम्पे गौड़ा ने तब कराया जब वह शिकार खेलते समय उल्सूर झील के किनारे प्राकृतिक सुरम्य वातावरण के बीच इस मंदिर के स्थान पर आराम कर रहा था तो उसे भगवान् शिव ने स्वप्न में दर्शन देकर मंदिर का पुर्नोद्धार करने को कहा। स्वप्न से जागकर जब उसने यहाँ भगवन शिव का यह प्राचीन शिवलिंग देखा तो तुरंत यहाँ प्राचीन भग्नावेशों को मिलकर एक नए मंदिर का निर्माण कराया जो आज समस्त भक्तों के लिए दर्शनीय है। मंदिर के ठीक बाहर हालसूरु नामका मेट्रो स्टेशन है जहाँ से मैं मैट्रो पकड़कर लालबाग़ पहुंचा।
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SHRI SOMESHWAR SWAMI TEMPLE |
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SHRI SOMESHWAR SWAMI TEMPLE
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SHRI SOMESHWAR SWAMI TEMPLE
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SHRI SOMESHWAR SWAMI TEMPLE
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SHRI SOMESHWAR SWAMI TEMPLE
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SHRI SOMESHWAR SWAMI TEMPLE
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SHRI SOMESHWAR SWAMI TEMPLE
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SHRI SOMESHWAR SWAMI TEMPLE
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ENTRY GATE OF SHRI SOMESHWAR SWAMI TEMPLE
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लालबाग़ बोटानिकल गार्डन
लालबाग़ गार्डन फूलों का शानदार बगीचा है जो बेंगलोर शहर का प्राचीन ऐतिहासिक बगीचा है। कहा जाता है इस बगीचे का निर्माण टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली ने कराया था। इस बगीचे को देखने के लिए या इसमें प्रवेश करने के लिए उचित टिकट लगती है। मुझे अपना समय बगीचे में घूमकर नहीं गुजारना था इसलिए मैं इसे बाहर से ही देखकर वापस लौट गया। लालबाग़ गार्डन, लालबाग़ नामके मेट्रो स्टेशन के नजदीक स्थित है।
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LALBAGH BOTANICAL GARDEN - BENGALURU |
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NAMMA METRO - BENGALURU METRO |
बेंगलोर किला
बेंगलोर शहर के बीचोंबीच यह किला स्थित है। इस किले का निर्माण पंद्रहवीं शताब्दी में विजयनगर के सामंत कैम्पे गौड़ा ने करवाया था। इस दुर्ग की प्राचीर बहुत ही विशाल और भव्य हैं जो इस किले को मजबूती प्रदान करती हैं। पर्यटकों के लिए केवल इस किले का एक भाग ही खुला हुआ है जिसे देखने के लिए किसी तरह को कोई टिकट नहीं लगती है। बेंगलोर किले के नजदीक ही बेंगलोर का सरकारी अस्पताल मौजूद है।
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BENGALURU FORT |
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HISTORY OF BENGALURU FORT |
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WALL OF FORT AT BENGALURU |
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ENTRY GATE OF BENGALURU FORT |
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BENGALURU FORT |
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A TEMPLE IN BENGALURU FORT |
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OUT OF BANEGALURU FORT |
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A MARKET NEAR BENGALURU FORT |
टीपू सुल्तान का महल
बेंगलोर किले से थोड़ी दूरी पर टीपू सुल्तान का ग्रीष्मकालीन महल स्थित है। इसे देखने के लिए पुरातत्व विभाग से जारी टिकट खरीदना होता है। आज यहाँ काफी भीड़ लगी हुई थी इसलिए मैंने इस महल के बाहर से फोटो ले लिया। चूँकि टीपू सुल्तान की राजधानी मैसूर के निकट श्रीरंगपटनम में थी किन्तु बेंगलोर का मौसम हमेशा एक सा रहने और ठंडा रहने के कारण टीपू सुल्तान ने इसे अपने ग्रीष्मकालीन आवास के रूप में बनवाया था। यह महल काठ से निर्मित है जिसपर बहुत ही शानदार तरीके से पच्चीकारी की गई है, महल की इसी विशेषता को देखने के लिए यहाँ पर्यटकों का ताँता लगा रहता है।
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METRO STATION - BENGALURU |
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TIPU SULTAN PLACE - BENGALURU |
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SUMMER PLACE OF TIPU SULTAN AT BENGALURU CITY |
LUNCH TIME :- RICE WITH SAMBHAR & PAPAD
कर्नाटक की विधान सभा
चूँकि बेंगलोर, कर्नाटक की राजधानी है अतः कर्नाटक की विधान सभा बेंगलोर में स्थित है और मेट्रो स्टेशन के नजदीक स्थित है। यह भी बेंगलोर के दर्शनीय स्थलों में से एक है। विधान सभा के ऊपर लहराते तिरंगे को देखकर मुझे एहसास हुआ कि मैं भले ही घर से इतनी दूर हूँ किन्तु घर में ही तो हूँ। भारतभूमि प्रत्येक भारतीय के लिए उसका घर ही तो है जहाँ भले ही भाषा एक न हो, वेशभूषा एक न हो परन्तु देश एक है, देश का राष्ट्रीय ध्वज एक है जिसे लहराता हुआ देखकर एक आम भारतीय के मन में भी ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ती है और उसके हाथ अनायास ही राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के लिए उठ खड़े होते हैं। विधानसभा के ठीक सामने कर्नाटक का हाई कोर्ट स्थित है।
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VIDHAN SOUDHA - BENGALURU |
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VIDHAN SOUDHA - BENGALURU |
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HIGH COURT OF KARNATAKA |
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VIDHAN SOUDHA OF KARNATAKA |
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VIDHAN SOUDHA OF KARNATAKA AT BENGALURU |
फ्रीडम पार्क
देश की स्वतंत्रता से पहले की यादों को समेटे यह पार्क हमें उन दिनों की याद दिलाता है जब हमारा देश गुलामी की जंजीरों से जकड़ा हुआ था और इसे आजादी दिलाने के लिए लाखों भारतीय क्रांतिवीरों ने अनेकों यातनाएं सहीं और अपना बलिदान तक दिया। उन्हों स्वतंत्रता सेनानियों की याद में इस पार्क निर्माण हुआ है। किन्हीं कारणों से आज यह पार्क बंद था इसलिए मैं अंदर जाकर इसे देख ना सका किन्तु बाहर से भी इसे देखकर हमें हमारे देश का स्वतंत्रता का बोध कराने के लिए यह सक्षम है।
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ASHOKA PILLAR SIGN |
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FREEDOM PARK AT BENGALURU |
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CENTRAL JAIL MUSEUM IN FREEDOM PARK AT BENGALURU |
बेंगलोर रेलवे स्टेशन
पूरा दिन बेंगलोर घूमने के बाद अंत में मैं बेंगलोर स्टेशन पहुंचा, इस स्टेशन पर अमिताभ बच्चन की बहुचर्चित फिल्म कुली की शूटिंग हुई थी। मैंने स्टेशन पर उन स्थानों को देखा जहाँ जहाँ इस फिल्म की शूटिंग हुई थी और अंत में अपना बैग लेकर मैं प्लेटफार्म 10 पर पहुंचा जहाँ से अब मुझे गोलगुम्बज स्पेशल ट्रेन द्वारा अपने अगले पड़ाव बादामी के लिए प्रस्थान करना था।
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BENGALURU BUS STAND |
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BENGALURU RAILWAY STATION |
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OTHER PART OF KARNATAKA TRIPS 2021 HERE
कर्नाटक यात्रा से सम्बंधित यात्रा विवरणों के मुख्य भाग :-
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