Friday, March 27, 2020

RAWAL


राधारानी का जन्मस्थल - ग्राम रावल 



 गोकुल से 6 किमी दूर यमुना नदी के किनारे रावल ग्राम स्थित है जिसके बारे में प्रचलित है कि यह ब्रज की अधिष्ठात्री देवी श्री राधा रानी जन्म स्थल है। यह स्थान राधारानी का ननिहाल है जहाँ महाराज वृषभान की पत्नी कीर्ति प्रतिदिन यमुना स्नान करने के बाद सूर्यदेव की आराधना करती और एक पुत्री होने कामना करतीं। एक दिन यमुना में खिलने वाले कमल पर उन्हें एक सुन्दर कन्या की प्राप्ति हुई। यही कन्या आगे चलकर राधारानी के नाम से जानी गई और भगवान श्री कृष्ण की प्रिय बनी।



   जनश्रुतियों की माने तो इसी ग्राम में राधारानी का बचपन व्यतीत हुआ, यहीं की भूमि पर उन्होंने घुटनन चलना सीखा, जिसकी एक सुन्दर सी प्यारी मूर्ति यहाँ बने मंदिर में दर्शनीय है जिसके दर्शन के पश्चात मन का रोम रोम आनंदित हो उठता है और ब्रज आने की सम्पूर्ण थकान पल में चूर हो जाती है। जब तक भगवान श्री कृष्ण का   बचपन गोकुल में बीता तब तक श्री राधारानी ने भी अपना समय रावल में बिताया और किशोरावस्था में जब श्री कृष्ण समस्त गोकुलवासियों सहित नंदगांव जाकर बस गए तब महाराज वृषभान भी राधारानी को लेकर बरसाना में बस गए। तभी से राधारानी बरसाने वाली कहलाने लगीं।

   मैं भी सन 2016 में अपनी पत्नी कल्पना के साथ यहाँ श्री राधारानी के दर्शन करने पहुँचा। ज्येष्ठ की तपती दोपहरी में जब यहाँ पहुँचा तो यहाँ के प्राकृतिक वातावरण को देखकर मन प्रफुल्लित हो उठा। सबसे पहले पीपल और बरगद के वृक्षों की छाँव में कुछ देर बैठकर यहाँ लगे नल से शीतल जल को पीकर अपनी आत्मा को तृप्त किया।

   कुछ समय बाद जब मंदिर के द्वार खुले तो रही कसी बचत श्री राधारानी के बालस्वरूप के दर्शन करके पूरी हो गई। कल्पना ने भी यहाँ बैठकर काफी समय व्यतीत किया और दुनियादारी के कामकाज भूलकर अपने आराध्य में अपने मन को रमाये रखा।

   यहाँ से थोड़ी ही दूरी पर यमुना नदी है जिसका बहाब प्राचीनकाल में इस मंदिर तक था परन्तु वक़्त के धारों के साथ यह रावल गांव से दूर होती चली गई। यहाँ के ग्रामवासियों ने यहाँ के पौराणिक इतिहास और इसे  राधारानी के जन्मस्थान होने की वजह से कई बार इसे धार्मिक मान्यता और पर्यटन मान्यता का अधिकार दिलाने की कोशिश की। सन 2014 में भारत में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद श्रीमती हेमामालिनी जी को मथुरा की सांसद बनाया गया और सांसद बनने के बाद उन्होंने ब्रज के विकास और योगदान के लिए इस गाँव को गोद लिया।

   मैं जब भी कभी इस ग्राम के नजदीक से गुजरता हूँ तो अनायास ही श्री राधारानी के दर्शन करने यहाँ चला आता हूँ और कुछ देर यहाँ बैठकर अपने मन को आनंदित करता हूँ। अब  ब्रज घूमने आने वाले अधिकतर यात्री यहाँ  राधारानी के दर्शन करने अवश्य आते हैं और रावल ग्राम से होकर ही अपनी आगे की यात्रा पूर्ण करते हैं।

मथुरा - गोकुल मार्ग 

राधारानी के जन्मस्थान की तरफ 


ग्राम रावल प्रवेश द्वार  

ग्राम रावल स्थित श्री राधारानी जी का जन्मस्थान 


रावल धाम में कल्पना 
श्री राधारानी की बालस्वरूप छवि के सुन्दर दर्शन 



श्री राधाबिहारी जी - रावलधाम 

रावल धाम 

रावल धाम 

सुकून के पल - रावल धाम 

नल से जल पीती कल्पना - रावल धाम 

जय श्री राधे 




कंपनी के दौरान रावल धाम में एक बार 

रावल धाम 

रावल धाम 





यहाँ आपका आगमन प्रार्थनीय है।  जय श्री राधारानी 

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