UPADHYAY TRIPS PRESENT'S
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अजबगढ़ की ओर
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AJABGARH FORT |
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नारायणी मंदिर से निकलते ही मौसम काफी सुहावना हो चला था। आसमान में बादलों की काली घटायें छाई हुईं थीं। बादल इसकदर पहाड़ों को थक लेते थे कि उन्हें देखने से ऐसा लगा रहा था जैसे हम अरावली की वादियों में नहीं बल्कि हिमालय की वादियों में आ गए हों। घुमावदार पहाड़ी रास्तों पर बाइक अपने पूरे वेग से दौड़ रही थी, यहाँ से आगे एक चौराहा मिला जहाँ से एक रास्ता भानगढ़ किले की तरफ जाता है और सामने की ओर सीधे अजबगढ़, जो यहाँ से अभी आठ किमी दूर था।