श्री शनिदेव धाम - कोकिलावन
आज शनिवार है और 25 फरवरी भी। आज मेरी ऑफिस की छुट्टी थी और कल मेरी शादी की सालगिरह थी इसलिए कल तो कहीं जा न सका पर आज की इस छुट्टी को बेकार नहीं जाने देना चाहता था। कल्पना ने और मैंने श्री राधारानी के दरबार में जाने का विचार बनाया और हम चल दिए अपनी एवेंजर बाइक लेकर ब्रज की एक अनोखी सैर पर।
सबसे पहले हम माँ नरी सेमरी के द्वार पहुंचे, यह ब्रज की कुलदेवी हैं और नगरकोट वाली माँ का ही दूसरा रूप हैं यह यहाँ कैसे पधारीं इसका वरन आपको जल्द ही अगले ब्लॉग में जानने को मिल जायेगा। यहाँ आगे से हम सीधे कोसीकलां पहुंचे यह उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा पर स्थित मथुरा जनपद का आखिरी क़स्बा है यहीं से एक रास्ता कोकिलावन, नंदगाँव, बरसाना होते हुए गोवर्धन को जाता है।
इसी रास्ते पर हम भी कोकिलावन पहुंचे, मुख्य सड़क से कोकिलावन की दूरी 1 किमी है, परन्तु प्रवेश द्वार पर ही भगवान श्री शनिदेव जी की एक विशालकाय मूर्ति के हमें दर्शन होते हैं। श्री कृष्ण के शनिदेव का यह अनोखा मिलान कोकिलावन में ही देखने को मिलता है इसलिए प्रत्येक शनिवार हज़ारों की संख्या में काफी श्रद्धालु दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों से यहाँ आकर शनिदेव जी के दर्शन करते हैं साथ ही कोकिलावन की परिक्रमा लगाते हैं।
कोकिलावन की सम्पूर्ण परिक्रमा 5 किमी की है। ब्रज के 12 वनों कोकिलावन का एक अलग ही माहात्म्य है क्योंकि यह भूमि भगवान श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं से अछूती नहीं रही है इसलिए श्रद्धालु शनिदेव के साथ साथ कोकिला बिहारी ( श्री कृष्ण ) के दर्शन करके अपने को धन्य महसूस करते हैं।
यहाँ कल्पना को अपनी बचपन की एक सहेली मिल गई पति और बच्चे के साथ शनिदेव जी के दर्शन करने आई थी।
कोकिलावन से हम अब बरसाना की तरफ रवाना हो गए, रास्ते में नंदगाँव भी आया परन्तु अभी मंदिर खुलने में काफी समय था इसलिए यहाँ न रूककर हम सीधे बरसाना के रंगीली महल पहुंचे। यह रंगीली महल जगद्गुरु कृपालु महाराज द्वारा निर्मित है और देखने में काफी रमणीक लगता है, प्रेम मंदिर की तरह रंगीली महल में भी भगवन श्री कृष्ण और राधा के दर्शन हैं। रंगीली महल के पश्चात् हम लाड़िली जी के मंदिर की तरफ चल दिए इसे श्रीजी मंदिर भी कहते हैं और यह बरसाने का मुख्य मंदिर है। श्री राधारानी का यह दिव्य धाम और उनका प्रसिद्ध मंदिर एक ऊँचे पहाड़ पर है जहाँ जाने के लिए या तो आप सीढ़ियों द्वारा जा सकते हो अथवा गोल पहाड़ चढ़कर भी पहुँच सकते हो।
उ. प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी द्वारा यहाँ रोपवे के निर्माण की घोषणा हुई और उद्घाटन भी हुआ परन्तु अन्य सरकारी प्रोजेक्टों की तरह यह भी ठन्डे बस्ते में चला गया। हमारे यहाँ पहुंचनेपर हमने देखा यहाँ पहले से काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे और श्रीजी के दर्शन करने की प्रतीक्षा में थे, कोई यहाँ अपना जन्मदिन मानाने आता है और कोई कुछ और बहाना लेकर परन्तु लाड़िलीजी के दरबार में आने के बाद मानव अपने हर दुःख को भूल जाता है और राधेरानी का गुणगान करने लग जाता है। जो यहाँ एक बार आया बस यहीं का होकर रह गया।
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कोसीकलां से एक लोकेशन |
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जय शनिदेव जी महाराज |
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कोकिलावन प्रवेश द्धार |
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कोकिलबिहारी जी मंदिर |
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कोकिलावन |
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कोकिलावन धाम में कल्पना |
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शनिदेव मंदिर, कोकिलावन |
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नंदगाँव का एक दृशय |
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रंगीली महल, बरसाना |
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बरसाना से दूर दिखाई नंदगाँव |
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श्रीजी मंदिर खुलने की प्रतीक्षा में |
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बरसाना की गलियां |
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बरसाना में कल्पना |
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श्रीजी मंदिर |
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एक चेतावनी |
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