Thursday, April 13, 2017

BHENT DWARIKA 2017

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

भेंट द्धारिका की तरफ 


आखिरी रेलवे स्टेशन - ओखा 



इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

         द्धारिका के नाम से ही काफी शानदार रेलवे स्टेशन बना हुआ है जितने भी तीर्थयात्री हमारे साथ द्धारिका आये थे वे सभी यहीं उतर गए और ट्रेन एकदम खाली हो चुकी थी। परन्तु मेरे रूट के अनुसार हमें द्धारिका से पहले भेंट द्धारिका जाना था और वहां जाने के लिए नजदीकी और आखिरी स्टेशन ओखा था। भारत के कोने कोने से द्धारिका आने वाली ट्रेनों का आखिरी स्टेशन ओखा है, इससे आगे जाने के लिए अब भूमि नहीं बची थी, था तो सिर्फ अथाह सागर और चारों तरफ नीले आसमान के नीचे नीला समुद्री जल।
      ओखा के वेटिंग रूम में नहा धोकर हमने यहीं स्टेशन पर बने एक स्टाल से पैकेटबंद एक पराठा खरीदा जो खाने में इतना स्वादिष्ट था कि एक लेने के बाद हमने उसी से नाश्ता किया और स्टाल वाले के पास जितने भी ऐसे पराठे थे वो सभी समाप्त कर दिए इसके बाद हम एक ऑटो द्वारा यहाँ से 1 किमी से भी कम दूर जेट्टी पहुंचे। जेट्टी से भेंट द्धारिका जाने के लिए एक बड़ी नाव के जरिये जाया जा सकता है। जेट्टी से सामने दूसरे टापू पर भेंट द्धारिका दिखाई दे रही थी।

      हम भी एक नाव द्वारा भेंट द्धारिका की तरफ चल दिए, हमारी नाव का कप्तान एक मुसलमान व्यक्ति था जो हिन्दू श्रद्धालुओं को बड़ी श्रद्धा से उनके भगवन की चौखट तक ले जाता और लाता था। मेहनत कभी धर्म देखकर नहीं की जाती बल्कि अपने कर्म पर की जाती है। कुछ ही देर में हम भारत के एक टापू से दुसरे टापू पर थे और ये टापू बहुत पावन था क्योंकि यह साक्षात् ईश्वर के घर का द्धार था। कहा जाता है भगवन श्री कृष्ण के परिवार के सभी महल यहीं भेंट द्धारिका में थे। एक ठेले में माँ को बिठाकर मैं भी भगवान् के द्धार पहुंचा और उनके दर्शन कर अपने आप को धन्य महसूस किया।

भेंट द्वारिका पृथ्वी से अलग समुद्र एक टापू पर स्थित है, माना जाता है भगवान् कृष्ण के परिवारीजनों के माहल यहीं भेंट द्वारका में ही स्थित थे और श्री कृष्ण के परम मित्र सुदामा जी की भेंट भी उनसे यहीं हुई थी शायद इसीकारण इसे भेंट द्वारिका भी कहते हैं। मेरा मानना है कि द्वारिका आने वाले हर यात्री को सबसे पहले भेंट द्वारिका ही आना चाहिए और भगवान् से भेंट करने के पश्चात ही उनके मंदिर द्वारिका जाना चाहिए। 



ओखा  रेलवे स्टेशन पर मेरे सहयात्री 

भेंट द्वारिका जाने के लिए जेट्टी 

भेंट द्धारिका की तरफ 





भेंट द्धारिका की तरफ 


भेंट द्वारिका में 

भेंट द्वारिका में कुछ पल 

लौटने की प्रतीक्षा में 

वापस द्वारिका की ओर 





इसी यात्रा के दुसरे भाग 

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