Thursday, April 13, 2017

NAGESHWAR JYOTIRLING 2017

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S


दारुका वन नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 


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    द्धारिकाधीश जी के दर्शन के बाद हमने एक ऑटो किराये पर लिया और नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर प्रस्थान कर दिया। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, द्धारिका से करीब 25 किमी दूर है और एक जंगली क्षेत्र में स्थित है इसे ही दारुका वन कहते हैं। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग ने प्रवेश करते ही हमें भगवान शिव विशाल मूर्ति के दर्शन होते हैं। यहाँ हमारी मुलाकात मेरे गांव के चाचाजी व उनके पुत्र ध्रुव से हो गई। ध्रुव भी मेरी तरह अपने पिता जी को बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन करा रहा था। फेसबुक के जरिये उसे पता चल गया कि मैं भेंट द्धारिका के दर्शन करके लौटा हूँ उस समय वो सोमनाथ जी के दर्शन करके लौटा था।
             
     उसने मुझे फोन पर मेरी लोकेशन ली मैंने उसे बताया कि मैं द्धारिका में हूँ और वो भेंट द्धारिका के दर्शन करके लौट रहा था तब हमने नागेश्वर में मिलने का फैसला किया। नागेश्वर जी के बिना किसी असुविधा के दर्शन कर हम वापस द्धारिका वापस आ गए। रास्ते में रेलवे फाटक हमें बंद मिला, फाटक खुलने के बाद हम रुक्मणि मंदिर के दर्शन करने गए।


नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 

द्वारिका क्षेत्र से कुछ दूर स्थित दारुका वन में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। यह भगवान् शिव का नवां ज्योतिर्लिंग है।यहाँ भगवान् शिव की विशाल प्रतिमा भी स्थापित है। नागों के ईश्वर को ही नागेश्वर कहा जाता है अतः भगवान् शिव समस्त नागों और सर्पों के स्वामी हैं। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का प्रांगण बहुत ही बड़ा और भव्य है। 

     

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 


जय नागेश्वर 

जय भोलेनाथ 

मेरे चाचाजी और माँ एवं निधि 


मैं और ध्रुव 

नागेश्वर धाम 

सुधीर उपाध्याय और नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 

रुक्मणि मंदिर 

द्वारिका में द्वारिकाधीश श्री कृष्ण की पत्नी रुक्मणि देवी का एक सुन्दर मंदिर नगर से बाहर बना हुआ है। देवी रुक्मणि, माता लक्ष्मी का ही अवतार हैं अतः यह मंदिर माता लक्ष्मी को समर्पित है।  द्वारिका से दूर रुक्मणि मंदिर की एक अलग ही छटा है, काफी लोग यहाँ दर्शन करने आते हैं। रुक्मणि जी के दर्शन करने के बाद हम भड़केश्वर महादेव जी के दर्शन करने गए। 



एक रेलवे फाटक 

रुक्मणि मंदिर 

शानदार रुक्मणि मंदिर 

सुधीर उपाध्याय और रुक्मणि मंदिर 

माँ , निधि और रुक्मणि मंदिर 

भड़केश्वर महादेव 

भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर अरब सागर के किनारे स्थित है। मंदिर तक पहुँचने का मार्ग समुद्र के बीच से होकर गुजरता है जो कभी कभी समुद्र में डूब भी जाता है। इस मंदिर को देखकर मुंबई स्थित हाजी अली की दरगाह का स्मरण हो आता है क्योंकि वह दरगाह भी अरब सागर के किनारे कुछ इसी तरह स्थित है।  


भड़केश्वर महादेव 

सुधीर उपाध्याय और भड़केश्वर महादेव 




जय द्धारिकाधीश  

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