UPADHYAY TRIPS PRESENT'S
अजबगढ़ की ओर
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AJABGARH FORT |
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नारायणी मंदिर से निकलते ही मौसम काफी सुहावना हो चला था। आसमान में बादलों की काली घटायें छाई हुईं थीं। बादल इसकदर पहाड़ों को थक लेते थे कि उन्हें देखने से ऐसा लगा रहा था जैसे हम अरावली की वादियों में नहीं बल्कि हिमालय की वादियों में आ गए हों। घुमावदार पहाड़ी रास्तों पर बाइक अपने पूरे वेग से दौड़ रही थी, यहाँ से आगे एक चौराहा मिला जहाँ से एक रास्ता भानगढ़ किले की तरफ जाता है और सामने की ओर सीधे अजबगढ़, जो यहाँ से अभी आठ किमी दूर था।
हम एक नल से हाथ मुहँ धोकर अजबगढ़ की तरफ रवाना हो गए। एक छोटा सिंगल सा रास्ता है घने जंगलों के बीच होकर जो सीधे अजबगढ़ होते हुए अलवर को जाता है। यहाँ दोनों तरफ पहाड़ियां हैं इसलिए यह रास्ता जंगली है। अजबगढ़ पहुँच कर एक तरफ की पहाड़ियां समाप्त हो जाती है और रास्ता पहाड़ की तलहटी में बसे अजबगढ़ किले के बीच से होकर गुजरता है। सड़क के दोनों तरफ किले में बसी बस्तिओं और मकानों के अवशेष, खण्डरों के रूप में आज भी देखे जा सकते हैं। पहाड़ की तलहटी में निर्मित इस किले का एक मात्र मंदिर काफी देखने लायक है। मैं और उदय भी इस मंदिर को देखने गए, मंदिर के कपाट बंद थे, खोलकर देखा तो भगवान श्रीराम की एक तस्वीर रखी हुई थी।
माना जाता है जब श्राप के कारण भानगढ़ किले का विनाश हुआ, ठीक उसी वक़्त उस श्राप का सबसे अधिक असर अजबगढ़ किले में देखने को मिला। भानगढ़ किले से पहले ही अजबगढ़
एक समय में यह मंदिर इस किले की शान होता होगा, राजा - रानियां और अन्य लोग इस किले में स्थापित इस मंदिर में किसी मूर्ति के दर्शन करने आते होंगे। क्या जीवन होता होगा वो जो इस किले ने देखा है, और आज यहाँ सिर्फ वीरानियाँ ही चारों तरफ थीं। अरावली की इन वादियों में सिवाय सन्नाटे के अब है ही क्या। मंदिर से किले में बसी बस्तियों के खंडहर साफ़ दिखाई दे रहे थे और पहाड़ के ऊँचे टीले पर बना राजमहल भी साफ़ दिख रहा था। समय के अभाव के कारण हम वहां नहीं जा पाए क्योंकि हमें आज ही वापस मथुरा भी लौटना था। मानसूनी मौसम में यह किला अत्यधिक डरावना सा प्रतीत होता है। कुछ देर रुकने के बाद हम यहाँ से भानगढ़ की तरफ रवाना हो गए।
कुछ दूर चलने के बाद एक और मंदिर रास्ते में हमे देखने को मिला। यह सरसा माता का मंदिर है, यहाँ भी आज काफी भीड़ थी, नारायणी माता के दर्शन करने वाले श्रद्धालु यहाँ भी दर्शन करने आ रहे थे। यहाँ से सीधे हम गोला का बास जाकर रुके जो कि भानगढ़ किले की सीमा पर बसा एक नया गांव है।
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ARAVALI VAILLY'S, AJABGARH |
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ARAVALI VAILLY'S, AJABGARH |
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AJABGARH |
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DARGAAH, AJABGARH |
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AJABGARH |
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AJABGARH |
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अजबगढ़ |
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AJABGARH |
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AJABGARH |
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अजबगढ़ |
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AJABGARH |
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AJABGARH |
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अजबगढ़ |
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AJABGARH, RAJSTHAN |
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AJABGARH |
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अजबगढ़ |
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SHRI RAM TAMPLE, AJABGARH |
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AJABGARH FORT , RAJSTHAN |
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AJABGARH, RAJSTHAN |
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AJABGARH, RAJSTHAN |
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TEMPLE DOOR, AJABGARH |
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अजबगढ़ |
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अजबगढ़ |
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AJABGARH RUINS, RAJSTHAN |
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A TEMPLE RUINS IN AJABGARH FORT, RAJSTHAN |
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BHANGARH AND AJABGARH CROSSING |
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AJABGARH LOCATION |
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SARSA MATA TAMPLE, RAJSTHAN |
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