अचलपुर रेलवे स्टेशन
अचलपुर किले से निकलने के बाद ऑटो वाले भाई ने मुझे अचलपुर रेलवे स्टेशन के बाहर छोड़ दिया। ऑटो वाले भाई से काफी देर बात करने के बाद एक अपनेपन जैसा नाता सा जुड़ गया था और इसका एहसास तब हुआ जब हम दोनों एक दूसरे दूर होने लगे थे। उसके जाने से पहले ही मैंने स्टेशन पर बने टिकटघर में बैठे बाबू से पूछ लिया था कि ट्रेन कितने बजे तक आयेगी। बाबू ने कहा अभी दस बजे हैं दो घण्टे बाद, मतलब बारह बजे तक। टिकटबाबू के इतना कहते ही मेरे दिल वो सुकून प्राप्त हुआ जिसका मैं वर्णन नहीं कर सकता। अब मुझे पक्का यकीन हो गया था कि ट्रेन तो आएगी और आखिरकार मेरे यहाँ आने का मकसद पूर्ण हो गया था। ऑटो वाले भाई को विदा कर मैं स्टेशन पर आकर बैठ गया।