नौगँवा किला - एक पुश्तैनी रियासत
अटेर किला न जा पाने के कारण अब हमने बाह की तरफ अपना रुख किया। पिनाहट से एक रास्ता सीधे भिलावटी होते हुए बाह के लिए जाता है। इस क्षेत्र में अभी हाल ही में रेल सेवा शुरू हुई है जो आगरा से इटावा के लिए नया रेलमार्ग है। इस रेल लाइन का उद्घाटन भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई के समय में हुआ था किन्तु कुछ साल केंद्र में विपक्ष की सरकार आने की वजह से इस रेल मार्ग को बनाने का काम अधूरा ही रहा। अभी हाल ही में ही रेल लाइन पर रेल सेवा शुरू हुई है। यह रेल मार्ग अब हमारे सामने था, जिसे पार करना हमें मुश्किल दिखाई दे रहा था। रेलवे लाइन के नीचे से सड़क एक पुलिया के जरिये निकलती है जिसमे अभी बहुत अत्यधिक ऊंचाई तक पानी भरा हुआ था इसलिए मजबूरन हमें बाइक पटरियों के ऊपर से उठाकर निकालनी पड़ी और हम भिलावटी गांव पार करते हुए बाह के रेलवे स्टेशन पहुंचे।
बाह का रेलवे स्टेशन अभी नया बना है और यह बाह कस्बे से काफी दूर है। मैं और राजकुमार भाई कुछ देर यहाँ रुके तभी गाय चरा रहे एक व्यक्ति ने हमें बताया कि यहाँ से कुछ दूर यमुना नदी के किनारे एक विशाल किला जिसमे हमें देखने के बहुत कुछ मिल सकेगा। उक्त व्यक्ति की बात सुनकर हमें एक नई मंजिल मिल चुकी थी जिस पर अब हम रवाना हो लिए। कचौरा घाट से कुछ पहले हमें एक बोर्ड दिखाई दिया जिस इस किले की लोकेशन लिखी थी जो यहाँ से 9 किमी दूर था। हमें यहाँ इटावा स्थित लायन सफारी जाने के लिए साइकिल हाईवे मिला जो इस किले के बराबर से गुजरता है। हम इस साइकिल हाइवे पर चल दिए। यह हाईवे उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने इटावा में लायन सफारी तक पहुँचने के लिए बनाया है जो यमुना के भयानक बीहड़ों के बीच से होकर गुजरता है।
हम इस रास्ते पर बढे चले जा रहे थे, रास्ते के सन्नाटे और वीराने को देखकर एक बार को हमें डर सा भी लगा। परन्तु मंजिल तक पहुँचने का जुनून अब भी हमारे अंदर वैसा ही था जैसा घर से निकलते वक़्त था, इसलिए हम रास्तों के नज़ारों का आनंद लेते हुए बस चलते ही जा रहे थे। कई आकर्षक गाँवों के बीच से होते हुए कुछ समय बाद हमें यह विशाल किला दिखाई देने लगा। यह किला शहर के जनजीवन से बहुत दूर यमुना नदी के किनारे आज भी अपनी विशाल दीवारों के साथ गुमनाम खड़ा हुआ है, इस किले का इतिहास भी भदावर राजाओं की सल्तनत में शामिल है, यह आज भी एक निजी रियासत है जिसके रियासतदार आगरा में कहीं रहते हैं। यहाँ खेल रहे बच्चों ने हमारे लिए यह किला खुलवाया और अंदर से हमें इसे देखने का मौका मिला।
यह किला यमुना नदी के किनारे बना हुआ था परन्तु गुजरते वक़्त के हिसाब से यमुना अब इससे थोड़ी दूर चली गई है, किले के बाहर बने पुराने मंदिर और घाट इस बात की पुष्टि करते हैं कि एक समय यमुना इन मंदिरों के किनारे से होकर गुजरती थी। नौगांवा का किला वाकई देखने में अत्यधिक विशाल लगता है, यहाँ एक तोप भी रखी हुई थी साथ ही राजशाही रथ और कैदियों को ले जाने वाली गाड़ियाँ भी यहाँ देखने को मिलीं। यहाँ बह रही यमुना के एक किनारे इटावा जिला और दूसरी तरफ आगरा जिला है और हम अभी आगरा जिले में ही थे। शाम नजदीक थी और मुझे रात तक घर भी लौटना था इसलिए हम अब यहाँ से अपनी अगली विजिट बटेश्वर धाम के लिए रवाना हो लिए।
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बाह रेलवे स्टेशन |
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स्टेशन पर राजकुमार भाई |
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बाह रेलवे स्टेशन |
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बाह स्टेशन पर एक बोर्ड |
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सुधीर उपाध्याय और बाह रेलवे स्टेशन |
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किले की एक लोकेशन |
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साईकिल हाईवे |
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यमुना के बीहड़ों में घुमक्क्ड़ी का आनंद |
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रास्ते में एक एडवेंचर विलेज |
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विलेज में होकर |
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दूर दिखाई देती यमुना |
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किले की ओर चम्बल के बीहड़ों में से एक रास्ता |
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किले का इतिहास बताती एक माता |
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किले का प्रथम दर्शन |
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नौगाँवा किला |
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किले के नजदीक |
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नौगाँवा किला |
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नौगाँवा किला |
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नौगाँवा किला |
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नौगाँवा किला |
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नौगाँवा किला |
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नौगाँवा किला |
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नौगाँवा किला |
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नौगाँवा किला |
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नौगाँवा किले की तोप |
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नौगाँवा किला और प्राचीन तोप |
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नौगाँवा किला |
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नौगाँवा किला |
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प्राचीन तोपखाना |
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राजकुमार भाई के साथ नौगाँवा के निवासी |
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नौगाँवा किला |
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किले की एक प्राचीन पानी की टंकी |
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नौगाँवा किला |
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प्राचीन पानी की टंकी |
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यमुना नदी |
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यमुना नदी |
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नौगाँवा, आगरा |
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नौगाँवा किला, भदावर, आगरा |
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नौगाँवा किला, आगरा |
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नौगाँवा किले के मुख्य घाट मंदिर |
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नौगाँवा किले के मुख्य घाट मंदिर |
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मेरी बाइक एवेंजर और यमुना |
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कभी यहाँ यमुना बहती थी आज जहाँ बाइक खड़ी है |
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राजकुमार भाई और नौगाँवा किला |
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नौगाँवा किले के मुख्य घाट मंदिर और सुधीर उपाध्याय |
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नौगाँवा किले के मुख्य घाट मंदिर |
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नौगाँवा किले के मुख्य घाट मंदिर |
THANKYOU
चित्र लाजवाब हैं। कंटेंट कम है। शुरू होते ही खत्म हो गया।
ReplyDeleteअगर किले के इतिहास के बारे में भी कुछ जानकारी मिलती तो चार चांद लग जाते।
उम्मीद है अगले लेख में आप इसका ध्यान रखेंगे।
इस तरीके से नए नए भीतरी भागो के हिस्सों से के दर्शन करा रहे है आप धन्य है...बाह की जानकारी वाकई काबिले तारीफ है सर..
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