UPADHYAY TRIPS PRESENT'S
माँ ताराचंडी देवी शक्तिपीठ धाम
इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
मैं रात दो बजे सासाराम स्टेशन उतर गया था, यहाँ आकर स्टेशन पर बने एक बोर्ड पर मैंने देखा कि यहाँ ताराचंडी देवी का शक्तिपीठ धाम है। सासाराम के बारे में कहा जाता है कि यह महान ऋषि परशुराम की भूमि है। सहस्रराम, सहसराम, सासाराम = परशुराम। रात को तो स्टेशन पर बने ब्रिज पर मैं सो गया परन्तु सुबह पांच बजे में उठकर देवी ताराचंडी की तरफ निकल गया। स्टेशन से इस दिव्यधाम की दूरी मात्रा पांच किमी ही है सोचा था पैदल ही नाप दूंगा।
स्टेशन के बाहर पुराने जीटी रोड पर आकर मैंने चाय पी और मंदिर का रास्ता पूछ कर आगे की तरफ रवाना हो लिया। सासाराम की गलियों में होते हुए मैं सागर नामक एक गांव पहुंचा। अब दिन भी निकल आया था और सूर्य निकलने के साथ ही मुझे कैमूर की पहाड़ियां भी दिखने लगीं थी। मैं ऐसे गांव से होकर निकल रहा था जिसे अब तक हम कलेंडरों और पोस्टरों में ही देखते आ रहे थे मतलब प्राकृतिक वातावरण से भरपूर गांव।
मुझे अब यहाँ आकर मंदिर की दूरी ज्यादा लगने लगी थी। इसलिए एक ऑटो में बैठकर मैं मंदिर तक पहुँच गया । यह मंदिर नेशनल हाईवे 2 पर स्थित है। यह वही हाईवे है जिसके किनारे यहाँ से हजारों किमी दूर मथुरा में मेरा घर भी पड़ता है। माँ ताराचंडी देवी का यह शक्तिपीठ धाम अति सुन्दर और प्राकृतिक वातावरण से भरपूर है। सुबह सुबह दुकान वाले अपनी दुकानों को खोल रहे थे। यहाँ आज एक दो भक्त ही दर्शन करते हुए मुझे मिले।
मैं भी अपने बैग को बाहर रखकर देवी माता के दर्शन करने को गया। देवी माता के साक्षात् दर्शन कर बैग उठाकर मैं पास में बह रही एक नदी के किनारे पहुंचा। इस नदी में कमल के सफ़ेद व् गुलाबी फूल लगे हुए थे। अपने राष्ट्रीय पुष्प को देखकर मेरा मन काफी आनंदित हो उठा। कहा जाता है कि इस शक्तिपीठ की स्थापना सती की दाहिनी आँख के यहाँ गिरने के कारण हुई थी, भगवान परशुराम जब कैमूर में निवास कर रहे थे तो वह प्रतिदिन देवी की पूजा अर्चना करने यहाँ आते थे। उन्ही की पूजा अर्चना के कारण कैमूर की पहाड़ियों में स्थित यह धाम आज लोकप्रिय शक्तिपीठ धाम बन चुका है। नवरात्रों के दौरान यहाँ विशाल मेला भी लगता है और काफी दूर से भक्त माता के दर्शन करने के लिए यहाँ आते हैं।
हाईवे पर कुछदेर खडे रहने के बाद स्टेशन के लिए मुझे एक मैजिक मिल गई। मैजिक शेरशाह सूरी के मकबरे के सामने से गुजर रही थी जो की सासाराम की मुख्य ईमारत है। मकबरा के नजदीक पहुंचकर मैं वहीँ उतर गया।
|
ताराचंडी देवी मुख्य प्रवेश द्धार |
|
ताराचंडी देवी मंदिर |
|
ताराचंडी देवी मंदिर |
|
ताराचंडी देवी मंदिर |
|
माँ ताराचंडी देवी |
|
कैमूर स्थित ताराचंडी मंदिर |
|
कैमूर स्थित ताराचंडी मंदिर |
|
कैमूर स्थित ताराचंडी मंदिर |
|
कैमूर स्थित ताराचंडी मंदिर |
|
कमल के पुष्प |
|
कैमूर स्थित ताराचंडी मंदिर |
|
एक नदी |
|
जय माँ ताराचंडी देवी |
|
नेशनल हाईवे स्थित कैमूर पर्वत |
|
कैमूर पहाड़ियां |
मुझे भी अपनी पुरानी सासाराम यात्रा याद आ गई वह बहुत अच्छा लिखते हो लेकिन कम लिखते हो अपनी पोस्ट को थोड़ा सा बड़ा कीजिए ताकि पाठक ज्यादा देर तक उसे पढ़ें और कुछ और जानकारियां प्राप्त कर सकें । जानकारियों के लिए आप इंटरनेट का सहारा भी ले सकते हो ।
ReplyDelete