बटेश्वर मंदिर समूह - मध्य प्रदेश
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विमल के कहे अनुसार अब हम अपने अपने घरों की तरफ बढ़ रहे थे। दोपहर के तीन बज चुके थे और कुछ ही समय बाद शाम होने वाली थी। विमल और लोकेश को आगरा निकलना था और मुझे मथुरा। पढ़ावली से निकलकर पीछे की ओर एक रास्ता जाता है जो बटेश्वर के प्राचीन मंदिर समूह तक पहुंचाता है। यह हमारा आखिरी पड़ाव था जिसके बाद हमें घर के लिए रवाना होना ही था। पढ़ावली से बटेश्वर मंदिर समूह की दूरी केवल 1 किमी है। हम जल्द ही यहाँ पहुँच गए। अपनी बाइक बाहर ही खड़ी करके हम अंदर पहुंचे तो एक खूबसूरत बगीचा हमारे सामने था और उसके सामने था प्राचीन मंदिरों का वो समूह जिसे देखने के लिए ही हम यहाँ इतनी दूर आये थे।
इतनी दूर और सुनसान पहाड़ियों की तलहटी के बीच एक से एक सुन्दर मंदिरों का निर्माण यहाँ कब और किसने कराया यह अज्ञात है किन्तु पुरातत्व विभाग के बोर्ड पर लिखे शब्दों के अनुसार इस मंदिर की स्थापत्य कला छटी शताब्दी से दशवीं शताब्दी के बीच के हैं जो परवर्ती गुप्तकाल और प्रतिहार गुजर वंश के राजाओं का समय था। काफी लम्बे समय तक यह मंदिर अपनी अवस्था में सुदृढ़ हैं परन्तु अनेकों मंदिरों को या तो वक़्त की मार ने या फिर विध्वंशकारियों ने इन्हें नष्ट कर दिया। परन्तु आधुनिक युग में पुरातत्व विभाग द्वारा इनका अति सुन्दर संरक्षण रहा है और यह स्थान आज के समय में एक सुन्दर ऐतिहासिक कालीन पर्यटन स्थल है।
बटेश्वर मंदिर समूह की ओर |
शानदार बगीचा |
मंदिरों की पहली झलक |
मंदिर प्रवेश द्धार |
बटेश्वर मंदिर समूह |
बटेश्वर मंदिर समूह |
बटेश्वर मंदिर समूह |
बटेश्वर मंदिर समूह |
बटेश्वर मंदिर समूह |
बटेश्वर मंदिर समूह |
कुंड , बटेश्वर मंदिर समूह |
बटेश्वर मंदिर समूह |
खूबसूरत मंदिर श्रृंखला |
बटेश्वर मंदिर समूह |
लोकेश सक्सेना |
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मैं भी |
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आपके आगमन का इंतज़ार रहेगा |
बटेश्वर से निकलने के बाद घर की वापसी
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मैं और विमल मुरैना में एक गन्ने की जूस की दुकान पर |
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धौलपुर के नजदीक |
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चम्बल नदी पर रेलवे का पुल |
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चम्बल नदी |
धन्यवाद
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