Wednesday, February 26, 2020

Traveling and Friendship



घुमक्क्ड़ी ग्रुप और मेरी मित्रता 

     लोग कहते हैं जमाना बदल रहा है, टेक्नोलॉजी का समय आ गया है। आज के समय में सभी के हाथों में स्मार्ट फोन हैं जिन्होंने इंसान को इतना अकेला कर दिया है कि उसके पास सिवाय अपने फोन के, ना अपने परिजनों से बात करने समय है और नाही किसी रिश्तेदार या भाई बंधू का हालचाल जानने के लिए। आधुनिक युग में विज्ञान की प्रगति ने आज के मानव को इतना व्यस्त बना दिया है कि वो चाहकर भी किसी और के लिए क्या, अपने लिए भी समय नहीं निकाल पाता और यही कारण है कि अन्य वर्षों की तुलना में अपने देश में रिश्तों में भारी गिरावट देखने को मिली है। मगर वहीँ इंटरनेट पर बनी सोशल साइटों के जरिये लोगों को एक दूसरे को पहचान बनाने का मौका मिला  और साथ ही इस पहचान को दोस्ती में बदलने का भी।


    मुझे भी ऐसा ही मौका मिला जब मेरे पास भोपाल में रहने वाले मेरे बड़े भाई समान एक मित्र श्री रूप कुमार जैन साहब का मैसेज आया, और मैसेज ही मैसेज में हमारी एक दूसरे से काफी अच्छी पहचान हो गई। जैन साब दिल से अच्छे ही नहीं बल्कि अपनी वाकपटुता और धार्मिक दृष्टि से भी भले इंसान हैं। ब्रज की अधिष्ठात्री देवी श्री राधारानी और भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त हैं। श्री राधा रानी के नाम का जाप हमेशा उनके मुख से सुनने को मिलता है जो दूसरे इंसानों के मन और कर्म को भी प्रभावित करता है। इसके अलावा जैन साब घुमक्क्ड़ी के भी बेहद शौकीन हैं, देश में शायद ही कोई जगह हो जो उनसे अछूती रही हो। नीरज भाई के ग्रुप घुमक्क्ड़ी जिंदाबाद पर उन्होंने मेरा ब्लॉग देखा और पढ़ा और इसके बाद हमारी पहचान, मित्रता में तब्दील हो गई।

   एक बार जब जैन साब बेरीनाग से मथुरा आये और विश्रामघाट पर दीपदान के दौरान उन्होंने अपनी फोटो  फेसबुक पर पोस्ट की तो मुझे पता चला कि वो आज मथुरा आये हुए हैं। मैंने तुरंत उनसे सम्पर्क किया तो उन्होंने मुझे अपने पास मिलने के लिए होलीगेट बुलाया, मैं ऑफिस ख़त्म कर सीधे होलीगेट पहुंचा जहाँ पहलीबार मेरी भेंट घुमक्क्ड़ी के शौकीन और भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त श्री जैन साब से हुई। उन्होंने मुझे गले मिलकर मेरा अभिवादन किया और होलीगेट के समक्ष एक शानदार सेल्फी ली। इसके बाद हम होलीगेट के प्रसिद्ध बुलाखी चाय वाले के पास गए और एक एक कुल्ली चाय पी। यह जैन साब से मेरी पहली मुलाकात थी जिसके अनुसार मुझे लगा ही नहीं कि हम पहली बार मिले हों।

     मैं बेशक मथुरा में रहता हूँ किन्तु मथुरा की प्रसिद्ध दुकानों और क्षेत्रों की जानकारी मुझसे ज्यादा, जैन साब को थी। यहाँ मैंने जाना कि जैनसाब स्वादिष्ट चीजों के खानेपीने के भी बेहद शौकीन हैं, वह जहाँ भी जाते हैं वहां की प्रसिद्ध मिठाइयों या अन्य चीजों का स्वाद अवश्य चखते हैं। इसके अलावा उनके वस्त्र पहनने का तरीका भी सबसे निराला है, वह बेशक भोपाल में रहते हैं लेकिन इनके परिधान ब्रज शैली पर आधारित होते हैं। ब्रज की प्रसिद्ध बंदी पहनना उनकी पहली पसंद है। मैं मथुरा में रहकर अब तक इस बारे में नहीं जानता था परन्तु जैन साब से मिलने के बाद मैंने अपने ब्रज के इस परिधान के बारे में जाना। 

     जैन साब से मिलने के बाद मुझे एहसास हुआ कि इस दुनिया में सभी रिश्ते मतलब से सम्बंधित नहीं होते, प्रेम और मित्रता आज भी मानवता के रिश्ते को मजबूत बनाये हुए है। इस धरती पर ना कोई कुछ लेकर आता है और नाही कुछ लेकर जाता है, बस कुछ छोड़ जाता है तो वो हैं उसके कर्म और उसकी अच्छाइयाँ जो उसके जाने के बाद भी लोगो को याद रहती हैं। 


मैं और जैनसाब बुलाखी की चाय की दुकान पर 


जैन साब के साथ पहली सेल्फी होलीगेट पर 

श्री रूपक जैन साब एक अच्छे और हसमुख व्यक्ति 


जैन साब के साथ अगली मुलाकात उनके शहर भोपाल में ......


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