Thursday, March 15, 2018

Laakhnu Fort



लाखनूं किले के अवशेष और रियासत

        हाथरस उत्तर प्रदेश का एक छोटा शहर है परन्तु यह शहर अनेक छोटी छोटी रियासतों के कारण इतिहास में काफी योगदान रखता है।  पर्यटन दृष्टि से देखा जाए तो हाथरस में आज सबसे ऊँची चोटी पर स्थित दाऊजी महाराज का भव्य मंदिर है जहाँ देवछठ के दौरान विशाल मेला लगता है। कई बड़े बड़े राजनीतिक लोग, बॉलीवुड सितारे इस मेले के दौरान यहाँ देखे जा सकते हैं। दाऊजी महाराज का मंदिर अंग्रेजों के समय का बना हुआ है उस समय यहाँ हाथरस का विशाल किला स्थित था, किला तो अब नष्ट हो चुका है किन्तु  इसमें बना दाऊजी का विशाल मंदिर आज भी ज्यों का त्यों खड़ा है। यह दाऊजी की ही शक्ति है कि इस मंदिर को गिराने के लिए अंग्रेजों ने अनेक तोपों से गोले दागे परन्तु वह गोले मंदिर की दीवारों में जाकर धँस जाते थे। परन्तु मंदिर का बालबांका भी न कर सके। अंग्रेज भी हार गए दाऊजी की शक्ति के आगे और अपनी हार मानकर चलते बने। आज भी इस मंदिर की दीवारों पर तोपों के गोलों के निशान स्पष्ट देखे जा सकते हैं।



        इसी मंदिर के बाहर उत्तर रेलवे का एक पुराना रेलवे स्टेशन है - हाथरस किला। अंग्रेजों के ज़माने में यह काफी आबाद था, हाथरस एक बड़ा बाजार है यहाँ की हींग तो विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहीं से काफी माल, मालगाड़ियों में भरकर भारत के अन्य जगहों पर पहुँचाया जाता था। हाथरस किला रेलवे स्टेशन का यार्ड काफी बड़ा है और एक टर्मिनल स्टेशन है। आज यहाँ केवल एक ही ट्रेन चलती है जो दिल्ली से रात को यहाँ आती है और सुबह वापस चली जाती है। पूर्वोत्तर रेलवे का मीटर गेज रेलवे स्टेशन हाथरस सिटी बन जाने के बाद हाथरस किला स्टेशन का महत्त्व कम होता चला गया। अब चलते हैं हाथरस से बाहर की रियासतों की ओर जिनके अवशेष देखकर लगता है कि अपने समय में यह कितने भव्य रहे होंगें।

         मैं अपनी पत्नी को लेकर बाइक से हाथरस के घंटाघर होते हुए जलेसर रोड पर आ गया। यही रास्ता लाखनूं रियासत की ओर जाता है। गर्मी बढ़ चली है जगह जगह गरीबों का जूस ( गन्ने का रस ) मिलता दिखाई देता है। एक छायादार वृक्ष के नीचे बाइक को रोककर मैंने और कल्पना ने दो दो गिलास गन्ने का रस पिया।  शरीर की आत्मा तृप्त हो गई और फिर आगे बढ़ चले। एक बड़ा क़स्बा लाडपुर आया यहाँ से एक रास्ता लाखनू की तरफ चला जाता है। यहाँ सड़क थोड़ी दूर तक ख़राब है लेकिन उसके बाद शानदार सड़क आ जाती है। कुछ ही देर बाद लाखनूं के किले के अवशेष हमारे सामने थे। इस किले के दीवारों के पत्थर कभी के उखड चुके थे और मिटटी की ढाय ही आज उस किले की भव्यता को दर्शाती है। लाखनूं एक प्राइवेट रियासत है जिस कारण यह भारतीय पुरातत्व विभाग के अंतर्गत नहीं आती है।  किले के नजदीक ही बनी एक सैयद बाबा की दरगाह है जहाँ हर गुरुवार को माथा टेकने दूर दूर से लोग आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने की दुआ मांगते हैं।

        लाखनूं किले से थोड़ी दूर सूरजपुर रियासत है, सूरजपुर का किला आज भी अपने मूल रूप में है। जब अंग्रेजों ने लाखनूं रियासत पर हमला किया उससे पहले ही यहाँ के शासकों ने लाखनूं किले से सूरजपुर किले के लिए एक सुरंग बना ली। अंग्रेजों ने यहाँ हमला किया और लाखनूं किले पूरी तरह नष्ट कर दिया। सूरजपुर किला उस समय अस्तित्व में नहीं था इसलिए यह आज भी सुरक्षित खड़ा हुआ है। लाखनूं किले से थोड़ी दूरी पर ही यहाँ के शासकों की छतरी भी बनी हुई है। बड़े दुःख की बात है कि इतिहास की इतनी अनमोल जगह आज भी गुमनामी के बीच सुनसान खड़ी हुई है। यहाँ की देखरेख के लिए कोई बंदोबस्त नहीं है और पर्यटन तो नाम मात्र को भी नहीं। मैं जब दुबारा यहाँ गया तो मेरा बड़ा चचेरा भाई नीटू भी मेरे साथ था वह मेरा भाई कम बचपन का दोस्त ज्यादा है।
आइये अब नजर डालते हैं इस स्थान के नज़ारों की ओर। ... 

ENTRANCE GATE OF DAUJI TEMPLE, HATHRAS

ANCIENT TEMPLE OF DAUJI, HATHRAS

HATHRAS FORT

HATHRAS FORT

DAUJI TEMPLE, HATHRAS

DAUJI TEMPLE, HATHRAS

MY COUSIN YATESH ( NITU ) IN DAUJI TEMPLE, HATHRAS

ANCIENT WATER TANK IN HATHRAS FORT

ANCIENT TEMPLE OF HATHRAS, DAUJI MAHARAJ

THIS GATE IS SITUATED IN HATHRAS FORT FROM LAAKHNOO KINGDOM

HATHRAS KILA RAILWAY YARD

HATHRAS KILA RAILWAY STATION

HATHRAS KILA IS OLD RAILWAY STATION

CLOCK TOWER IN HATHRAS CITY

KALPANA STAND ON SUGARCANE JUICE SHOP

MY WIFE AND MY BIKE

FIRST VIEW OF LAAKHNU FORT

LAAKHNU FORT

LAAKHNU FORT, HATHRAS

RUINS OF LAAKHNU FORT

LAAKHNU FORT RUINS

DARGAH OF SAIYAD BABA AT LAAKHNU FORT

LAAKHNU FORT RUINS

IN LAAKHNU FORT, HATHRAS

OLD RUINS OF LAAKHNU FORT

LAAKHNU FORT, HATHRAS

ENTERENCE  GATE OF LAAKHNU FORT, HATHRAS

A VIEW OF LAAKHNU FORT, HATHRAS

LAAKHNU FORT, HATHRAS

KALPANA STAND ON WALL OF LAAKHNU FORT, HATHRAS

LAAKHNU FORT WALL

CHHATARI OF LAAKHNU KING'S KUNWAR SATYENDRA SINGH JI

MAIN GATE OF SURAJPUR FORT, HATHRAS

SURAJPUR FORT, HATHRAS

WALL OF SURAJPUR FORT, HATHRAS

LAAKHNU ROAD, HATHRAS



 THANK'S FOR VISIT



   कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दर्ज करें।  धन्यवाद।




















           


7 comments:

  1. आपका ब्लॉग पढ़कर नया नया लगता हौ....ऐसी जगह के बारे में आप लिखते हो जिसके बारे में कही पढ़ने को न मिले....हाथरस से करीबी दिल का रिश्ता है...मुझे आपकी पोस्ट बहुत पसंद आई भाई जी

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद प्रतीक जी, दिल छू लेने वाली बात कही आपने।

      Delete
  2. आज भी बहुत सी इतिहास के महत्व की जगहें नष्ट हो रही है । आपने एक नई जगह की जानकारी दी । अच्छा लगा ।

    ReplyDelete
  3. सुधीर जी अपना मोबाइल नंबर बताएं मेरा ७०५५६०५५०४ है। मैं मुकेश चतुर्वेदी दैनिक जागरण अलीगढ़ से हू

    ReplyDelete
  4. जी अवश्य मेरा मोबाइल नम्बर 9897259898 है, आप मुझे कभी भी कॉल कर सकते हैं।

    ReplyDelete

Please comment in box your suggestions. Its very Important for us.