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काँगड़ा दुर्ग
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मंदिर के ठीक सामने से एक रास्ता काँगड़ा के किले के लिए भी जाता है, यहाँ से किला तीन किमी दूर है । मैं, कुमार, बाबा और मंजू चल दिए काँगड़ा के किले को देखने के लिए, शुरुआत में रास्ता चढ़ाई भरा है फिर बाद में एक सड़क आती है जो सीधे पुराने काँगड़ा की ओर गई है और वही पर है काँगड़ा का किला, रास्ता बिलकुल सुनसान था, रास्ते में हमें एकाध गाडी देखने को मिली और एक या दो लोग जिनसे हमने किले की दूरी भी पूछी। मैं चलता ही जा रहा था, वाकी तीनो मेरे काफी पीछे ही रह गए थे, मेरा तेज चलने का कारण था जल्दी वापद भी लौटना, हमें आज ही ज्वालादेवी के लिए भी निकलना था ।
थोड़ी देर में हम किले में पहुँच गए, किले में प्रवेश करने की टिकट थी पांच रुपये थी जो बाबा ने ले ली थी। किले में अन्दर जाने पर हमें उसके गुलजार रहे दिनों का आभास हो रहा था, कहीं घोड़ों का अस्तबल था तो कहीं सैनिकों की आरामगाह, किले के अन्दर देवी माँ की एक मंदिर भी है और ठीक उसके सामने हैं लक्ष्मी नारायण मंदिर के अवशेष, जो आज भी इस किले में मौजूद थे, इनकी दीवारों पर मंदिरों के सजीव चित्र बने हुए थे, यह किला शुरू से ही अनेको आक्रमण झेलता रहा है, और 1905 में आये विनाशकारी भूकंप से ये किला भी न बच सका और खंडहरों में तब्दील हो गया।
मुझे काफी दुःख होता है जब ऐसे ऐतिहासिक स्थानों के देखकर जिनका कभी गौरवशाली इतिहास रहा है और आज गर वो मुझे देखने को मिलते हैं तो खंडहरों के रूप में। पुराने शिल्पकारों ने कभी बड़ी मेहनत से इस किले के एक एक पत्थरों को सजाया था और आज ये पत्थर खंडहर से ज्यादा कुछ भी नहीं, एक समय वो था जब इस किले में आम इंसान तो क्या, बड़े से बड़े इंसान का भी प्रवेश वर्जित था और आज यह किला सभी के लिए सदैव खुला रहता है। इसलिए कहा भी गया है की समय से बलवान कोई नहीं है, समय अच्छे अच्छों को मिटटी में मिला देता है।
काँगड़ा के किले का इतिहास नीचे लिए गए एक फोटो में वर्णित है जिसे ज़ूम करके पढ़ा जा सकता है ।
KANGRA FORT |
HISTORY OF KANGRA FORT |
KANGRA FORT ENTRY GATE |
WAY TO KANGRA FORT |
GANGA YAMUNA GATE |
RUINS OF KANGRA FORT |
ART OF MAHATMA BUDHA IN KANGRA FORT |
RUINS OF LAXMI NARAYAN TAMPLE |
KANGRA FORT GARDENS |
यहाँ कभी जीवन था |
BEUTIFUL KANGRA FORT |
यात्रा का अगला भाग - टेड़ा मंदिर
काँगड़ा यात्रा 2013 के अन्य भाग :-
- काँगड़ा यात्रा - 2013
- पठानकोट की तरफ
- काँगड़ा वैली पैसेंजर ट्रेन यात्रा
- चामुंडा के मंदिर में
- जोगिन्दर नगर की ओर
- बैजनाथ धाम में इस बार
- नगरकोट धाम 2013
- मैक्लोड़गंज
- ज्वालादेवी धाम
- छिन्नमस्तिका धाम
- होशियारपुर रेलवे स्टेशन
- अमृतसर - एक ऐतिहासिक शहर
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