Thursday, July 4, 2024

GARIBRATH EXPRESS : MTJ TO SURAT

 गुजरात की यात्रा पर - भाग 1 

गरीबरथ एक्सप्रेस और सूरत रेलवे स्टेशन 

3 MARCH 2023

    भारतीय रेलवे बहुत ही शीघ्रता के साथ आमान परिवर्तन का कार्य कर रही है, जिसका मतलब है कि देश की पुरानी मीटर गेज और नेरो गेज की पटरियों को उखाड़कर उन्हें ब्रॉड गेज में बदलना, जिसके बाद ब्रिटिश काल में बिछाई गई सभी पटरियां और उसी समय में बनाये गए रेलवे स्टेशन एक इतिहास बनकर रह जायेंगे और उनकी जगह आधुनकिता ही सिर्फ देखने को मिलेगी। 

अभी भी देश में कुछ ऐसी पुरानी मीटर गेज और नेरो गेज की रेलवे लाइन बची हैं जो आज भी संचालित और भविष्य में कभी भी आमान परिवर्तन हेतू हमेशा के लिए बंद हो जाएँगी। अधिकतर ये रेलवे लाइन गुजरात में संचालित है जहाँ किसी समय केवल मीटर गेज और नेरो गेज का ही राज था। इसलिए इस बार इन रेल लाइन पर यात्रा करने हेतु मैंने गुजरात की यात्रा का प्लान किया। 

   गुजरात के प्रसिद्ध नगर सूरत से आगे बिलीमोरा नाम का एक जंक्शन रेलवे स्टेशन है, यह मुंबई सेन्ट्रल डिवीज़न में शामिल है और इस मंडल की एकमात्र नेरोगेज बिलीमोरा से वघई के बीच चलती है, मुझे इस नेरो गेज ट्रेन में यात्रा करनी थी इसलिए मैंने बिलीमोरा पहुँचने का प्लान बनाया। 

मथुरा से बिलिमोरा अनेकों ट्रेनें जाती हैं किन्तु इनमें से अधिकतर ट्रेनों का स्टॉप बिलीमोरा स्टेशन पर नहीं है, इसलिए सूरत रेलवे स्टेशन तक मैंने मथुरा से यात्रा का प्लान तैयार किया। मथुरा से सूरत तक अनेकों ट्रेनें थीं किन्तु इनमें सबसे बेस्ट मुझे गरीबरथ ट्रेन लगी जो मथुरा से शाम को पांच बजे चलकर अगली सुबह तीन बजे सूरत पहुँच जाती है। 

गरीबरथ एक्सप्रेस, ट्रेन तो बहुत ही शानदार है क्योंकि यह बहुत ही कम समय में आपको आपकी मंजिल तक पहुँचा देती है किन्तु इसमें चेयरकार वाला कोच लम्बे सफर के लिए बिल्कुल भी सुविधाजनक नहीं है। इसकी सीटें बस के जैसी हैं अतः आपको चाहकर भी यह अनुभव नहीं होगा कि आप एक सुपरफास्ट ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं। 

… 

गरीबरथ ट्रेन की शुरुआत 5 अक्टूबर 2006 को तत्कालीन रेलमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव जी ने अपने अपने कार्यकाल के दौरान की थी। इस ट्रेन का नाम गरीबरथ रखने का मुख्य उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए किफायती परिवहन सेवा उपलब्ध कराना था। अन्य वातानुकूलित ट्रेनों के मुकाबले इस ट्रेन के किराये में काफी रियायत मिलती है और सुविधा लगभग उन्हीं की तरह पूरी मिलती है। 

गरीबरथ एक्सप्रेस में यह मेरा पहला सफर था, मैं अपने सही समय पर रेलवे स्टेशन पहुँच गया और कुछ ही समय ही बाद ट्रैन भी स्टेशन पहुँच गई। चूँकि इस ट्रेन में यह मेरा पहला सफर था अतः मैं इसके कोच की जानकारी से अनभिज्ञ था। मुझे खिड़की के साइड वाली बस के जैसी बैठने वाली सीट मिली जहाँ मुझे बैग रखने की जगह भी नसीब नहीं हुई। मुझे अपने बैग को अपनी गोद में ही रखकर सफर करना पड़ा। 

मुझे मथुरा से सूरत पहुंचना था जिसकी पूरी यात्रा एक रात्रि की थी किन्तु इसतरह से बैठे बैठे यात्रा करना मेरी फितरत से अलग था, मुझे अपने अगले सफर के लिए रात्रि विश्राम की आवश्यकता थी, किन्तु फ़िलहाल अभी मेरे पास लेटने या सोने का कोई विकल्प नहीं था। 

… 

4 MARCH 2023

जैसे तैसे करके मैंने इस सफर को पूरा किया और सुबह तड़के साढ़े तीन बजे सूरत पहुँच गया। गरीबरथ से यात्रा करने का मुझे बस यही संतोष रहा कि कम समय में मैं अपनी मंजिल पर था। किन्तु असली मंजिल अभी दूर थी और मुझे अभी सूरत से आगे जाना था। 

मैं पहलीबार सूरत स्टेशन पर उतरा था। यह गुजरात राज्य का महत्वपूर्ण नगर है जहाँ की साड़ियाँ बहुत ही प्रसिद्ध हैं। दिन निकलने के पश्चात मैं स्टेशन के बाहर गया तो एक पुराने डीजल इंजन को देखा जो सूरत रेलवे स्टेशन पर  अपने कार्यकाल से निर्वृत्त होकर स्टेशन की शोभा बनकर खड़ा था। इसके आगे एक बोर्ड पर इसका इतिहास भी लिखा था जिसे आप नीचे फोटो में देख सकते हैं। 

स्टेशन के बाहर ही नगरीय बसें भी आ जा रही थीं जो सूरत नगर के अलग अलग स्थानों के लिए अपनी सेवाएं दे रही थीं किन्तु मुझे अभी स्टेशन के अलावा कहीं नहीं जाना था अतः यह मेरे लिए अभी उपयोगी नहीं थीं। स्टेशन के पास ही एक साइकिल वाला मुझे दिखाई दिया जो सुबह के नाश्ते के रूप में अपनी साइकिल पर गुजरात के प्रसिद्ध ढोकले बेच रहा था। मैंने भी 20 रूपये के ढोकले इससे लिए, पर यह बहुत ही कम मात्रा में थे इससे ज्यादा तो हमारे गृहनगर में ही मिल जाते हैं जबकि ढोकला तो गुजरात का मुख्य आहार है। मेरा यह गुजरात यात्रा का दूसरा अनुभव भी बेकार साबित हुआ। 

… 

रेलवे स्टेशन पर वेटिंग रूम की सुविधा अच्छी नहीं थी अतः स्नान का कार्यक्रम भी रद्द करना पड़ा, कुल मिलाकर सूरत स्टेशन का अनुभव मुझे रास नहीं आया और जल्द ही मैं  बिलिमोरा जाने के लिए दहानु रोड जाने वाली एक ट्रेन में सवार हुआ। मुझे अगली यात्रा बिलिमोरा से वघई के बीच नेरोगेज ट्रैन से करनी थी जो मेरी आज का यात्रा का मुख्य उद्देश्य था। 

यह नेरोगेज ट्रैन बिलिमोरा से सुबह दस बजे चलती है अतः मुझे वहां दस बजे से पहले पहुंचना ही था। ट्रैन सूरत से रवाना हुई और आगे जाकर खड़ी हो गई, यह उधना स्टेशन के आउटर पर आधे घंटे से ज्यादा खड़ी रही और मेरी बेचैनी को बढाती रही क्योंकि अगर मैं लेट हो गया तो वह नेरोगेज वाली ट्रेन निकल जाएगी और मेरा यहाँ तक आने का उद्देश्य भी विफल हो जायेगा। 

यात्रा क्रमशः   

   




MATHURA JUNCTION

IM IN GARIBRATH EXP

GARIBRATH EXP STAND ON SURAT

SURAT


SURAT SELFI POINT


HISTORY OF ENGINE

SURAT RAI STATION BUILDING


PEOPLES OF SURAT 

DHOKLA

PORTER CAR

AN EMU SHUTTEL





VANDE BHARAT IN GUJRAT

MAHI RIVER

MAHI RIVER

WELCOME TO BILIMORA

अगली यात्रा - बिलिमोरा से वघई नेरोगेज रेल यात्रा 

🙏




















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