Saturday, July 6, 2013

RUHELKHAND EXPRESS : LUCKNOW

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

रुहेलखंड एक्सप्रेस से एक सफर 

 लखनऊ की एक शाम 



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    हालाँकि मैं पूरी रात का जगा हुआ था सो ऊपर वाली सीट पर सो गया और जब उठा तो देखा ट्रेन लखनऊ शहर में दौड़ रही थी, रास्ते में कुछ स्टेशन पड़े। ट्रेन शाम को 4:30 बजे ट्रेन ऐशबाग स्टेशन पहुंची, मेरा रूहेलखंड एक्सप्रेस से सफ़र यही पर समाप्त हो गया। ट्रेन को अकेला छोड़कर मैं ऐशबाग से चारबाग की ओर चल दिया , और रूहेलखंड एक्सप्रेस खड़ी रही सुबह फिर किसी मेरे जैसे मुसाफिर को ले जाने के लिए कासगंज की ओर।



    ऐशबाग से आगे भी मीटर गेज की लाइन सीधे गई हुई थी, मैं उसके साथ साथ आया और यह लाइन पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन स्टेशन पर आकर समाप्त हो गई। यानी कि किसी समय में ऐशबाग मीटर गेज लाइन का आखिरी स्टेशन नहीं था, आखिरी स्टेशन लखनऊ जंक्शन था, पर ये सेवा अब बंद हो गई है। जब मैं छोटा था तब मैंने मीटर गेज की आगरा एक्सप्रेस से सफ़र किया था जो आगरा फोर्ट से चलकर लखनऊ और कानपुर तक जाती थी, ये एक डबल ट्रेन थी जिसका एक हिस्सा कासगंज से कानपुर जाता था और एक हिस्सा इसी रूट पर चलता था जिस पर आज रूहेलखंड चलती है।

    आगरा फोर्ट से चलने वाली तीन मीटर गेज की एक्सप्रेस ट्रेन थी, पहली थी आगरा एक्सप्रेस जो आगरा फोर्ट से लखनऊ जंक्शन और कानपुर तक चलती थी, दूसरी थी गोकुल एक्सप्रेस जो आगरा फोर्ट से गोंडा के बीच चलती थी जो आज भी कासगंज से गोंडा के बीच चलती है और तीसरी थी कुमायूं एक्सप्रेस जो आगरा फोर्ट से लालकुँआ तक चलती थी जो आज कासगंज से बरेली तक चलती है ।

   कुमायूँ एक्सप्रेस को लोग काठगोदाम भी कहते थे, शायद पहले ये काठगोदाम तक जाती हो पर मुझे पता नहीं है। चलो अब चलते हैं चारबाग स्टेशन, यह भारत का सबसे व्यस्ततम स्टेशन है जहाँ हर एक मिनट पर ट्रेन कहीं ना कहीं से आकर रुकती है। मेरे मुहं में छाले बड़ा जोर मार रहे थे, मैंने एक पोदीने का जलजीरा पिया, वो मुझे इतना स्वादिष्ट लगा कि दो गिलास और पी गया। 

   आज मैं नहाया भी नहीं था सो बाहर बने एक सुलभ में नहाने चला गया, नहाने के भी मुझे दस रुपये चुकाने पड़े। नहा धोकर पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशन पर जन आहार रेस्टोरेंट में खाना खाया और प्लेटफोर्म पर एक पंखे के नीचे सो गया, सामने एलसीडी चल रही थी, वैसे बेशक चारबाग एक बड़ा स्टेशन हैं पर साफ़ सफाई और एक अच्छा स्टेशन मुझे लखनऊ जंक्शन ही लगा, यह एक टर्मिनल स्टेशन है पर जंक्शन कहलाता है। 

     मेरी आगरा के लिए ट्रेन रात को साढ़े ग्यारह बजे थी पटना मथुरा कोटा एक्सप्रेस। जंक्शन स्टेशन के टिकट घर पर काफी भीढ़ थी सो मैं चारबाग के स्टेशन पर गया और एक बिना सुपरफास्ट की टिकट मांगी, कम्बखत ने जबरदस्ती सुपरफास्ट की टिकट हाथ में थमा दी। रात को गाडी आई और मुझे आराम से एक सीट मिल गई। पर बैठे बैठे ही आगरा तक आया। 

                                                                                           
बक्शी का तालाब स्टेशन 

मोहिबुल्लापुर रेलवे स्टेशन 

डालीगंज जंक्शन 

लखनऊ सिटी स्टेशन 

ये भी 

ऐशबाग पहले किसी समय में जंक्शन स्टेशन था , आज यह केवल ऐशबाग है 


लखनऊ स्टेशन के बाहर बना एक खूबसूरत मंदिर का एक दृश्य 

और अंत में चारबाग स्टेशन 

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