Friday, July 5, 2013

RUHELKHAND EXPRESS : KSJ TO IZN

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

रुहेलखंड एक्सप्रेस से एक सफ़र 

कासगंज से इज़्ज़त नगर 

बरेली रेलवे स्टेशन 


इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।        

       सुबह का सफ़र बड़ा ही सुहावना होता है खासतौर पर सूरज निकलने से पहले, यूँ तो गर्मी के दिन थे पर मुझे सर्दी का अनुभव होने लगा था, ट्रेन अपनी रफ़्तार से दौड़ रही थी थोड़ी देर में एक वीराने में स्टेशन आया कासगंज सिटी। यूँ तो स्टेशन का नाम कासगंज सिटी है पर मुझे यहाँ कहीं भी सिटी जैसी कोई चीज़ नजर नहीं आयी, था तो सिर्फ वीराना और खेत खलिहान। ट्रेन एक एक्सप्रेस गाड़ी थी, सो बड़ी स्पीड के साथ स्टेशन से निकली मैं फोटू ही नहीं ले पाया।



    अगला स्टेशन आया सोरों शुकर क्षेत्र। कहते हैं कि यह एक पौराणिक शहर है कोई तुलसीदासजी की जन्मस्थली बताता है कोई किसी और की, मैं तो रहा एक एतिहासिक आदमी सो इतिहास ही बता सकता हूँ, यहाँ सम्राट पृथ्वीराज चौहान और जयचंद  के बीच युद्ध हुआ था जब वो संयोगिता का अपहरण करके लाये थे।

   आगे एक स्टेशन और आया मानपुर के नाम से जहाँ ट्रेन बड़ी स्पीड से दौड़ के निकल गई, वाह जियो रूहेलखंड एक्सप्रेस। अब आई गंगा माता जिन्हें देखकर पहले तो डर ही लगता है बाद में बड़ी याद आती है, बरसात के दिन थे सो रूहेलखंड एक्सप्रेस से भी तेज स्पीड थी गंगा जी की। वैसे जब भी देखा है हमेशा इसी वेग से बहते ही देखा है। जिस पुल से होकर ट्रेन गुजर रही थी उसी पुल पर किसी समय सड़क मार्ग भी था, यानी पुल एक और मार्ग दोनों के लिए परन्तु अब सड़क का पुल अलग बना दिया गया है, यहाँ एक बड़ी लाइन का भी पुल बन रहा है, जिस दिन बन जायेगा मीटर गेज के सेवा समाप्त हो जाएगी ।

    कछला के नाम से दो स्टेशन पड़े लेकिन ट्रेन किसी पर भी नहीं रुकी, सीधे उझानी जाकर के ही खड़ी हुई वो भी एक मिनट के लिए। उससे आगे बदायूँ और फिर रामगंगा ब्रिज से होती हुई बरेली। यहाँ एक उत्तर रेलवे की बड़ी लाइन भी आकर मिल गई जो चंदौसी से आती है फिर दोनों एक दुसरे में समाकर रामगंगा नदी को पार करती हैं। यहाँ ब्रिज से नीचे कुछ बच्चे खड़े थे जो लोगो से दो रूपये गिराने की कह रहे थे, मेरे पास दो रुपये नहीं थे एक पांच का नोट था, गिरा दिया ।

    गाड़ी बरेली पहुंची यहाँ गोकुल एक्सप्रेस खड़ी हुई थी जो कासगंज जा रही थी, मैंने एक चाय पी और एक बिस्कुट का पैकेट लिया, यहाँ चाय 5 रुपये की थी जबकि और जगह 7 रुपये की हो गयी है, लेकिन थी बिलकुल पानी जैसी। पर बिस्कुट खाने के काम तो आ ही गयी।

    मैंने पहले भी बरेली देखा हुआ था पर उससे आगे कभी नहीं गया था, ट्रेन बरेली सिटी स्टेशन पहुंची, यहाँ बड़ी लाइन के लिए एक बड़ा सा प्लेटफोर्म बना दिया गया है। कुछ दिन में मीटर गेज बंद हो जाएगी। ट्रेन स्टेशन पर काफी देर खड़ी रही। मैं उतरकर पानी पी आया, ट्रेन जब भी किसी स्टेशन पर रूकती थी तो मैं स्टेशन के बोर्ड का फोटू खींच लेता था और ड्राईवर साहब मुझे बड़े गौर से देखा करते थे। शायद इसलिए कि वो नहीं जानते थे कि मैं स्टेशन बोर्ड के फोटू क्यों खींच रहा हूँ?

   अभी बरेली ख़त्म नहीं हुआ था ट्रेन सिटी से चलकर अपने गढ़ पहुंची मतलब इज्ज़त नगर। यह पूर्वोत्तर रेलवे का मंडल है यहाँ ट्रेन में टीटी महोदय टिकट चेक करने आये, मेरे पैसे वसूल हो गए। अब यहाँ से सफ़र शुरू हुआ असली रूहेलखंड का जिसके नाम पर ट्रेन का नाम भी रखा हुआ है । बरेली के आसपास के क्षेत्र को रूहेलखंड कहा जाता है , महाभारत के समय में यह पांचाल कहलाता था जहाँ की रानी द्रोपदी थी जिसने सीता जी की तरह ही अपने जीवन में कष्ट देखे थे ।

    चारों तरफ हरियाली और मौसम भी सुहावना था, कुल मिलाकर सफ़र का आनंद आ रहा था, धीमी धीमी बारिश की फुहारें मेरे मुंह पर आ रही थी, आज मैं नहाया नहीं था पर कुदरत ने खुद ही नहला दिया। ट्रेन पहुंची भोजीपुरा जंक्शन। बरेली से यहाँ तक बड़ी लाइन साथ साथ थी यहाँ से अलग हो गयी, कहाँ चली गयी जानते हो? कुमांयु की तरफ मतलब लालकुआं। पहले ये भी मीटर गेज का ही एक हिस्सा था पर अब ब्रौडगेज का हो गया है, नैनीताल जाने वाले इसी मार्ग से जाते हैं।


सोरों शुकर क्षेत्र रेलवे स्टेशन 



ये इस रेल मार्ग का सिग्नल है जब हरा होता है तो ऊपर उठ जाता है
 और लाल होने पर ऐसा ही रहता है 



गंगाजी के साथ साथ सूर्योदय के दर्शन 

गंगा नदी 

गंगा जी के पुल पर बड़ी लाइन का काम जोरों पर है ,
 जिस दिन पूरा हुआ उसदिन मीटर गेज का अंतिम दिन 

कछला ब्रिज स्टेशन 

बितरोई पूर्व केबिन , कुछ दिन और शेष है 

उझानी रेलवे स्टेशन 

बदायूं स्टेशन पर रूहेलखंड एक्सप्रेस 

मकरंदपुर रेलवे स्टेशन 

रेल पटरी पर वानर राज 


ब्रौड गेज में समाती मीटर गेज रेल लाइन 

रामगंगा भी आ गई 

रामगंगा नदी 

रामगंगा ब्रिज स्टेशन 

बरेली स्टेशन पर गोकुल एक्सप्रेस 


रूहेलखंड एक्सप्रेस का रूट 

बरेली सिटी स्टेशन 




मीटर गेज का गढ़, इज्ज़त नगर

1 comment:

  1. Achha kiya ki 5 ka note daal diya, bachhe kush ho gaye honge, aakhir wo bhagwan ka hi roop hote hain

    ReplyDelete

Please comment in box your suggestions. Its very Important for us.