UPADHYAY TRIPS PRESENT'S
कुम्भलगढ़ और परशुराम महादेव
कल हम हल्दीघाटी घूमकर आये थे, आज हमारा विचार कुम्भलगढ़ जाने की ओर था और ख़ुशी की बात ये थी कि आज धर्मेन्द्र भाई भी हमारे साथ थे। राजनगर से कुम्भलगढ़ करीब पैंतालीस किमी दूर है, भैया ने मेरे लिए एक बाइक का इंतजाम कर दिया। भैया, भाभी अपने बच्चों के साथ अपनी बाइक पर, जीतू अपनी पत्नी - बच्चों और दिलीप के साथ अपनी बाइक पर और तीसरी बाइक पर मैं और कल्पना थे।
पहाड़ी रास्तो से होकर हम कुम्भलगढ़ की तरफ बढ़ते जा रहे थे, मौसम भी काफी सुहावना सा हो गया था , जंगल और ऊँचे नीचे पहाड़ों के इस सफ़र का अलग ही आनंद आ रहा था, मैं बाइक चला रहा था और कल्पना मोबाइल से विडियो बना रही थी। यहाँ काफी दूर तक बाइक बिना पेट्रोल के ही चल रही थी, ढ़लान के रास्तों पर जो करीब तीन किमी लम्बे होते थे ।