Friday, April 16, 2010

BAIJNATH PAPROLA : 2010

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S



बैजनाथ मंदिर और नगरकोट धाम वर्ष 2010



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     सुबह एक बार फिर चामुंडा माता के दर्शन करने के पश्चात् मैं, माँ और निधि चामुंडा मार्ग रेलवे स्टेशन की तरफ रवाना हो गए। सुबह सवा आठ बजे एक ट्रेन चामुंडा मार्ग स्टेशन से बैजनाथ पपरोला के लिए जाती है जहाँ बैजनाथ जी का विशाल मंदिर स्थित है। इस मंदिर के बारे कहाँ जाता है कि यहाँ स्थित शिवलिंग लंका नरेश रावण के द्वारा स्थापित है, रावण के हठ के कारण जब महादेव ना चाहते हुए भी उसकी भक्ति के आगे विवश हो गये तब उन्होंने रावण से उसका मनचाहा वर मांगने को कहा तब रावण के शिवजी को कैलाश छोड़कर लंका में निवास करने के लिए अपना वरदान माँगा। 

      शिवजी ने एक शिवलिंग के रूप में परवर्तित होकर रावण के साथ लंका में रहने का वरदान तो दे दिया किन्तु साथ ही उससे यह भी कह दिया कि इस शिवलिंग को जहाँ भी धरती पर रख दोगे यह वहीँ स्थित हो जायेगा। रास्ते में रावण को लघुशंका लगी जिसकारण वह इसे एक गड़रिये के बच्चे  में थमाकर लघुशंका के लिए चला गया। वह बच्चा इस भरी शिवलिंग को ना थम सका और उसने इसे धरती पर रख दिया।  वापस आकर रावण ने इस शिवलिंग को उठाने की बहुत कोशिश की किन्तु वह असफल रहा और आज भी यह शिवलिंग बैजनाथ के नाम से पपरोला में स्थित है।

Thursday, April 15, 2010

CHAMUNDA DEVI : 2010

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

                                                 

चामुंडा देवी के मंदिर में 


 

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      हमने पहले सीधे चामुंडा जाने का प्लान बनाया । सुबह 10 बजे ट्रेन पठान कोट से रवाना हुई और धीरे धीरे धरती से पहाड़ो की गोद में आ गई। सफ़र बड़ा ही रोमांचक था और मज़ेदार भी, छोटी सी ट्रेन और छोटे छोटे स्टेशन, हिमालय की वादियाँ और व्यास नदी का अद्भुत नजारा वाकई मन को मोह लेने वाला था। मेरा तो मन कर रहा था कि आगरा वापस ही न जाऊं यहीं रह जाऊं ,पर अपना घर अपना ही होता है ,चाहे कहीं भी चले जाओ असली सुकून तो अपने घर में ही मिलता है। शाम तलक हम चामुंडा मार्ग स्टेशन पहुँच गए। यह एक सुन्दर और रमणीक स्टेशन है । 

      मुझे यहाँ के स्थानीय लोगो ने बताया कि पुरानी चामुंडा का मंदिर ऊपर पहाड़ो में है, वहां आने जाने में कम से कम दो दिन लगेंगे। माँ और बहिन की तरफ देखते हुए मैंने वहां जाने का विचार त्याग दिया पर आगे भविष्य में जाने का प्रण जरुर कर लिया। हम नई चामुंडा देवी के मंदिर पर पहुंचे। यह एक सुन्दर और बड़ा मन्दिर है धार्मिक दृष्टि से भी और पर्यटन की दृष्टि से भी। यहाँ बाणगंगा नदी एक सामान्य धारा के रूप में बहती है या यूँ कहिये कि पहाड़ो से निकलकर धरती पर जा रही है। मंदिर को और रमणीक बनाने हेतु इस नदी पर एक पुल भी बनाया गया है ।

      देवी माँ के दर्शन करने के बाद हम नीचे वाले शिव मंदिर में भी गए। रात होने को थी अब खाने का ठहराने का प्रबंध भी करना था। हमे मंदिर ट्रस्ट की तरफ से एक बड़े हॉल में जगह मिल गई जहाँ हमने अपना आसन लगाया। पास में ही लेटे हुए कुछ श्रद्धालु कही जाने लगे, उन्ही में से एक बुजुर्ग ने हमसे कहा कि खाना खा लिया या नहीं, गर नहीं तो चलो हमारे साथ लंगर का समय हो गया है। मंदिर से आधा किमी दूर लंगर भवन है जहाँ रात्रि नौ बजे लंगर चलता है। लंगर में हमें दाल चावल मिले। मैंने भरपेट भोजन किया और हॉल में आकार सो गया। सुबह उठकर हम मलां स्थित रेलवे स्टेशन पहुंचे। 

चामुंडा मार्ग का रेलवे स्टेशन भी कम रमणीय नहीं है। यहाँ एक ही रेलवे लाइन है जो अर्धवृत्ताकार रूप में होने के कारण बहुत शानदार लगती है, स्टेशन भी छोटा सा ही है इसलिए यह स्थान रमणीय होने के साथ साथ प्राकृतिक वातावरण से भरपूर भी है। स्टेशन के ठीक सामने पहाड़ है और उस पहाड़ से ठीक पहले नदी की एक धारा नहर के रूप गुजरती है। स्टेशन के आसपास काफी अच्छे हिमाचली घर भी बने हैं जिनमें बेहद शानदार और खुशबू बिखेरने वाले गुलाब के पौधे लगे हैं। इन गुलाबों की सुगंध से यहाँ आने वाले हर सैलानी का मन बस यहीं का होकर रह जाना चाहता है। 

कुछ ही समय बाद पठानकोट की तरफ से इस रेलवे लाइन की छोटी वाली ट्रेन आ गई। दूर से हॉर्न देती ट्रेन का संकेत पाकर सभी यात्री अपने अपने सामान के साथ सचेत हो जाते हैं। यह पाँच छः डिब्बों वाली नेरो गेज की ट्रेन है जो स्वछन्द वातावरण में हिमालय की वादियों में अपना सफर तय करती है। अपनी अगली यात्रा के लिए हम इसी ट्रेन में सवार हो गए और चामुंडा धाम से बैजनाथ धाम की ओर बढ़ चले। 

CHAMUNDA MARG RAILWAY STATION

RAILWAY STATION OF CHAMUNDA MARG

CHAMUNDA MARG

RIVER IN CHAMUNDA


CHAMUNDA TAMPLE

CHAMUNDA TAMPLE

CHAMUNDA TAMPLE


CHAMUNDA DEVI TEMPLE IN 2010

CHAMUNDA DEVI TEMPLE

CHAMUNDA DEVI TEMPLE

CHAMUNDA DEVI TEMPLE

CHAMUNDA DEVI TEMPLE 2010

CHAMUNDA DEVI TEMPLE 2010


CHAMUNDA DEVI 2010

CHAMUNDA DEVI 2010

CHAMUNDA DEVI TEMPLE 2010

Chamunda Marg railway station

Tuesday, April 13, 2010

PTK TO CMMG : 2010

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

काँगड़ा घाटी में रेल यात्रा - 2010



 मैंने दिल्ली से पठानकोट के लिए 4035 धौलाधार एक्सप्रेस में रिजर्वेशन करा रखा था। तारीख आने पर हम आगरा से दिल्ली की ओर रवाना हुए। मेरे साथ मेरी माँ और मेरी छोटी बहिन थी। हम थिरुकुरल एक्सप्रेस से निजामुद्दीन स्टेशन पहुंचे और एक लोकल शटल पकड़ कर सीधे नई दिल्ली। नईदिल्ली से हम मेट्रो पकड़ सीधे चांदनी चौक पहुंचे और वहां जाकर गोलगप्पे खाए । सुना चाँदनी चौक के गोलगप्पे काफी मशहूर हैं। चाँदनी चौक के पास ही पुरानी दिल्ली स्टेशन है जहाँ से हमें पठानकोट की ट्रेन पकडनी थी। हम स्टेशन पर पहुंचे तो ट्रेन तैयार खड़ी थी हमने अपना सीट देखी। मेरी बीच वाली सीट थी। उसे ऊपर उठा अपना बिस्तर लगा कर मैं तो सो गया और ट्रेन चलती रही।