Friday, April 14, 2017

A Train Trip in Gir National Park: Gujrat

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S
                                           

गिर नेशनल पार्क में एक रेल यात्रा


इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।            

       सोमनाथ और उसकी आसपास के सभी दर्शनीय जगहों को देखकर हम वेरावल रेलवे स्टेशन पहुंचे। अब हमारा प्लान यहाँ से भावनगर जाने की ओर था, जिसके लिए हमें मीटर गेज की पैसेंजर ट्रैन पकड़नी थी जो वेरावल से ढसा तक जाती है। मैं रूट का पूरा रास्ता पहले ही चुका था। यह ट्रेन यहाँ से लगभग दो बजे चलेगी इसलिए सबसे पहले मैं वेरावल के बाजार में अपनी सेविंग बनबाने गया और फिर वेरावल का बाजार घूमा। जैसा सोचा था वैसा शहर नहीं था, समुद्र के किनारे होने की वजह से मछलियों की अच्छी खासी गंध आ रही थी। सड़कों पर पानी के जहाज बनकर तैयार हो रहे थे। सोमनाथ आने के लिए यह पहले आखिरी स्टेशन था परन्तु अब ट्रेन सीधे सोमनाथ तक ही जाती है, इसलिए यात्रियों का यहाँ अभाव भी था।

SOMNATH JYOTIRLING 2017

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग और भालुका तीर्थ 




इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

      शाम को द्धारिका से सोमनाथ के लिए हमारा सोमनाथ एक्सप्रेस में रिजर्वेशन था। निर्धारित समय पर ट्रैन द्धारिका से प्रस्थान कर गई, रात को करीब एक बजे मीडिल वाली बर्थ पर सो रही एक लड़की का पर्स किसी ने खिड़की में से पार कर दिया, इस पर वो बहुत घबरा गई और उसने हमारे साथ साथ और भी यात्रियों की नींद खराब कर दी और गुजरात के लोगों को भला बुरा कहने लगी। एक गुजराती से ये सहा नहीं गया और उससे कहने लगा कि मैडम आप कहाँ से आई हो तो लड़की ने जबाब दिया की कालका से।

    दरअसल वो हिमाचली लड़की थी तो गुजराती ने बड़े प्यार से उसे समझाया कि मैडम चोरों का कोई राज्य या धरम नहीं होता, वो कहीं पर भी अपना हाथ साफ़ कर सकते बस उन्हें एक मौका चाहिए। गुजरात में ऐसा नहीं है कि आप यहाँ असुरक्षित महसूस करो पर सतर्कता भी कोई चीज़ है। अगला स्टेशन जूनागढ़ आया और पुलिस में शिकायत लिखवाने हेतु वो यहाँ उतर गई तब जाकर हमने दुबारा अपनी नींद पूरी की।

Thursday, April 13, 2017

NAGESHWAR JYOTIRLING 2017

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S


दारुका वन नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 


इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

    द्धारिकाधीश जी के दर्शन के बाद हमने एक ऑटो किराये पर लिया और नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर प्रस्थान कर दिया। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, द्धारिका से करीब 25 किमी दूर है और एक जंगली क्षेत्र में स्थित है इसे ही दारुका वन कहते हैं। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग ने प्रवेश करते ही हमें भगवान शिव विशाल मूर्ति के दर्शन होते हैं। यहाँ हमारी मुलाकात मेरे गांव के चाचाजी व उनके पुत्र ध्रुव से हो गई। ध्रुव भी मेरी तरह अपने पिता जी को बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन करा रहा था। फेसबुक के जरिये उसे पता चल गया कि मैं भेंट द्धारिका के दर्शन करके लौटा हूँ उस समय वो सोमनाथ जी के दर्शन करके लौटा था।
             
     उसने मुझे फोन पर मेरी लोकेशन ली मैंने उसे बताया कि मैं द्धारिका में हूँ और वो भेंट द्धारिका के दर्शन करके लौट रहा था तब हमने नागेश्वर में मिलने का फैसला किया। नागेश्वर जी के बिना किसी असुविधा के दर्शन कर हम वापस द्धारिका वापस आ गए। रास्ते में रेलवे फाटक हमें बंद मिला, फाटक खुलने के बाद हम रुक्मणि मंदिर के दर्शन करने गए।

DWARIKA 2017

UPADHYAY TRIPS PRESENTS

गोमती द्धारिका या मुख्य द्धारिका 



 
 



 इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

     भेंट द्धारिका के दर्शन कर हम वापस ओखा रेलवे स्टेशन आ गए, शाम के साढ़े सात बज रहे थे यहाँ से मुख्य द्वारिका करीब तीस किमी दूर है। सोमनाथ जाने वाली एक्सप्रेस द्धारिका जाने के लिए तैयार खड़ी थी, हमने जल्दी से टिकट ली और द्धारिका की तरफ प्रस्थान किया, कुछ देर बाद हम द्धारिका स्टेशन पर थे। यहाँ मैंने पहले ही डोरमेट्री बुक कर रखी थी, डोरमेट्री में कुल पाँच बिस्तर थे और पाँचो बिस्तर हमने अपने लिए ही बुक कर रखे थे यानी पूरी डोरमेट्री आज हमारी ही थी।

BHENT DWARIKA 2017

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

भेंट द्धारिका की तरफ 


आखिरी रेलवे स्टेशन - ओखा 



इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

         द्धारिका के नाम से ही काफी शानदार रेलवे स्टेशन बना हुआ है जितने भी तीर्थयात्री हमारे साथ द्धारिका आये थे वे सभी यहीं उतर गए और ट्रेन एकदम खाली हो चुकी थी। परन्तु मेरे रूट के अनुसार हमें द्धारिका से पहले भेंट द्धारिका जाना था और वहां जाने के लिए नजदीकी और आखिरी स्टेशन ओखा था। भारत के कोने कोने से द्धारिका आने वाली ट्रेनों का आखिरी स्टेशन ओखा है, इससे आगे जाने के लिए अब भूमि नहीं बची थी, था तो सिर्फ अथाह सागर और चारों तरफ नीले आसमान के नीचे नीला समुद्री जल।

Wednesday, April 12, 2017

DWARIKA TRIP 2017 : MATHURA TO DWARIKA


UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

द्धारिका यात्रा 

पहला पड़ाव - जयपुर 




     चार धामों में से एक और सप्तपुरियों में से भी एक भगवान श्री कृष्ण की पावन नगरी द्धारिका की यह मेरी पहली यात्रा थी जिसमे मेरे साथ मेरी माँ, मेरी छोटी बहिन निधि, मेरी बुआजी बीना और मेरे पड़ोस में रहने वाले भाईसाहब और उनकी फेमिली थी।  मैंने जयपुर - ओखा साप्ताहिक एक्सप्रेस में रिजर्वेशन करवाया था इसलिए हमें यह यात्रा जयपुर से शुरू करनी थी और उसके लिए जरूरी था जयपुर तक पहुँचना।


मुड़ेसी रामपुर से भरतपुर जंक्शन पैसेंजर यात्रा 

     हमारे पड़ोस में रहने वाले एक भाईसाहब अपनी जायलो से हमें मुड़ेसी रामपुर स्टेशन तक छोड़ गए यहाँ से हमें मथुरा - बयाना पैसेंजर मिली जिससे हम भरतपुर उतर गए। भरतपुर से जयपुर तक हमारा रिजर्वेशन मरुधर एक्सप्रेस में था जो आज 2 घंटे की देरी से चल रही थी ,चूँकि पिछली पोस्ट में भी मैंने बताया था कि भरतपुर एक साफ़ सुथरा और प्राकृतिक वातावरण से भरपूर स्टेशन है।  यहाँ का केवलादेव पक्षी विहार पर्यटन क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है जहाँ आपको दूर देशों के पक्षी भी विचरण करते हुए देखने को मिलते हैं,|इसी की एक झलक भरतपुर स्टेशन की दीवारों पर चित्रकारी के माध्यम से हमें देखने को मिलती है।