Monday, July 22, 2024

SURAT TO JUNAGARH : RAILWAY TRIP

 गुजरात की एक अधूरी यात्रा - भाग 3 

सूरत से जूनागढ़ रेल यात्रा 

यात्रा दिनाँक :- 4 MAR 2023 TO 5 MAR 2023 

वघई आने के बाद मेरी यह नेरो गेज रेल यात्रा तो पूरी हो गई किन्तु मुझे अभी मीटर गेज की भी रेल यात्रा करनी थी जिसके लिए मुझे सुबह जल्दी जूनागढ़ पहुंचना होगा और इसके लिए सौराष्ट्र जनता एक्सप्रेस सबसे बेस्ट ट्रेन है जो शाम को साढ़े पांच बजे सूरत से चलकर अगली सुबह चार बजे जूनागढ़ उतार देगी और वहां से सुबह सात बजे मीटरगेज ट्रेन देलवाड़ा के लिए चलती है। 

देलवाड़ा, दीव का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है अतः अब यात्रा दीव तक प्रस्तावित है। इसप्रकार हमारी मीटर गेज रेल यात्रा भी हो जायेगी और दीव शहर भी घूम लिया जायेगा जोकि एक केंद्र शासित प्रदेश है। 

Sunday, July 7, 2024

BILIMORA TO WAGHAI : NG RAIL TRIP

 

बिलिमोरा से वघई नेरोगेज रेल यात्रा 
 

4 MAR 2023

बिलिमोरा से वघई रेल लाइन, पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल की एकमात्र नेरोगेज रेल लाइन है। यह गुजरात के एकमात्र हिल स्टेशन सापुतारा रेंज की तरफ सैर कराती हुई ले जाती है। वघई इस रेल लाइन का अंतिम स्टेशन है जो गुजरात के डांग जिले में स्थित है। वघई से 50 किमी दूर गुजरात और महाराष्ट्र राज्य की सीमा के नजदीक सापुतारा, एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। वघई रेलवे स्टेशन के नजदीक ही बस स्टैंड है जहाँ से सापुतारा जाने के लिए बस और अन्य साधन उपलब्ध मिलते हैं। रेल शौकीन, इस रेल यात्रा का लुफ्त उठाने के लिए एकबार इसमें अवश्य यात्रा करते हैं। 

तत्कालीन बड़ौदा राज्य के शासक सयाजी राव गायकवाड के निर्देशानुसार सन 1913 में अंग्रेजों ने इस रेल लाइन का शुभारम्भ किया और इसकी शुरुआत बिलिमोरा से रन्कुवा रेलवे स्टेशन के बीच की गई। इस रेलमार्ग की कुल लम्बाई 63 किमी है जोकि बिलिमोरा से वघई तक है। वघई तक का रेलमार्ग 1926 में बनकर तैयार हुआ।  बड़ौदा स्टेट रेलवे के अंतर्गत शामिल इस रेल लाइन को बनाने का मुख्य उद्देश्य जंगल से सागौन की लकड़ियों की ढुलाई करना था, तत्पश्चात इन लकड़ियों को बिलिमोरा बंदरगाह से अन्य देशों को भेजा जाता था। देश की आजादी के बाद इस रेल लाइन का भारतीय रेलवे में विलय कर दिया गया। 

सन 2020 में पश्चिम रेलवे ने इस रेल लाइन को अनिश्चित काल के लिए बंद करने का फैसला लिया किन्तु कुछ समय पश्चात ही यहाँ के स्थानीय लोगों ने इसे बंद करने के चलते भारतीय रेलवे और स्थानीय राजनीती का विरोध करना शुरू कर दिया। अंततः गुजरात के राजनीतिक दबाब के चलते भारतीय रेलवे ने इसका पुनः सुचारु रूप से सञ्चालन करना शुरू कर दिया और आज वर्तमान में यह हेरिटेज सेवा के रूप में स्थानीय यात्रियों और पर्यटकों हेतु पूर्ण रूप से संचालित है। इसमें पर्यटकों हेतु एक वातानुकूलित विस्टाडैम कोच भी लगाया गया है जिसमें कि सापुतारा रेंज के साथ साथ पूर्णा वन्यजीव अभयारण्य के शानदार नजारों को देखते हुए सफर का आनंद लिया जा सकता है। 

Thursday, July 4, 2024

GARIBRATH EXPRESS : MTJ TO SURAT

 गुजरात की यात्रा पर - भाग 1 

गरीबरथ एक्सप्रेस और सूरत रेलवे स्टेशन 

3 MARCH 2023

    भारतीय रेलवे बहुत ही शीघ्रता के साथ आमान परिवर्तन का कार्य कर रही है, जिसका मतलब है कि देश की पुरानी मीटर गेज और नेरो गेज की पटरियों को उखाड़कर उन्हें ब्रॉड गेज में बदलना, जिसके बाद ब्रिटिश काल में बिछाई गई सभी पटरियां और उसी समय में बनाये गए रेलवे स्टेशन एक इतिहास बनकर रह जायेंगे और उनकी जगह आधुनकिता ही सिर्फ देखने को मिलेगी। 

अभी भी देश में कुछ ऐसी पुरानी मीटर गेज और नेरो गेज की रेलवे लाइन बची हैं जो आज भी संचालित और भविष्य में कभी भी आमान परिवर्तन हेतू हमेशा के लिए बंद हो जाएँगी। अधिकतर ये रेलवे लाइन गुजरात में संचालित है जहाँ किसी समय केवल मीटर गेज और नेरो गेज का ही राज था। इसलिए इस बार इन रेल लाइन पर यात्रा करने हेतु मैंने गुजरात की यात्रा का प्लान किया।