नगरोटा सूरियाँ और घर वापसी
यात्रा दिनांक - 19 अप्रैल 2019
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नगरोटा का बस स्टैंड एक बहुत सुन्दर स्थान है, यहाँ से धौलाधार श्रेणी स्पष्ट दिखाई दे रही थी। रेलवे स्टेशन भी यहाँ से आधा किमी की दूरी पर ही है। मुझे यहाँ से जल्द ही एक काँगड़ा की बस मिल गई जिससे कुछ समय बाद मैं फिर से काँगड़ा बस स्टैंड पहुँच गया। बस से उतारते ही मैंने काँगड़ा के नजदीक स्थित मशहूर शैल चट्टान मंदिर 'मशरूर' के बारे में बस वाले से पूछा किन्तु वो मुझे इसका स्पष्ट विवरण नहीं दे सका कि ये कहाँ है और मुझे यहाँ किस प्रकार पहुँचना होगा। मैंने अपने मोबाइल से गूगल मैप में चैक किया और इसके अनुसार मैं बस में बैठकर चल दिया। एक पठानकोट जाने वाली बस ने मुझे कोटला फोर्ट से पहलर बत्तीस मील नामक एक चौराहे पर उतार दिया जहाँ से लुंज तक मुझे दूसरी बस तैयार खड़ी हुई मिली।
यह बस बहुत ही धीरे धीरे नीचे से ऊपर एक ऊँचे पहाड़ पर चढ़ती हुई जा रही थी और हिमाचल के प्राकृतिक गांवों से होकर गुजर रही थी। इस बस के रास्ते में जो भी नज़ारे आते जा रहे थे वो हमें हिमाचल की प्राकृतिक ख़ूबसूरती का दर्शन करने के लिए पर्याप्त थे और एक घंटे के अंतराल के बाद यह बस लुंज पहुँची। शाम नजदीक थी और घड़ी में अब पाँच बज चुके थे लुंज से मसरूर जाने का रास्ता अलग होता है और यहाँ से मुझे तीसरी हिमाचल की रोडवेज बस खड़ी हुई मिली जो यहाँ के नजदीकी स्टेशन नगरोटा सुरियाँ जा रही थी जो अभी यहाँ से मात्र १० किमी दूर था। नगरोटा सुरियाँ के रास्ते में ही एक रास्ता अलग होकर मसरूर भी जाता है किन्तु अब मेरे पास मसरूर जाने का उपयुक्त समय नहीं बचा था इसलिए मैं इस बस से सीधे नगरोटा सुरियाँ पहुंचा।
नगरोटा सुरियाँ के नजदीक ब्यास नदी पर बना महाराणा प्रताप सागर बाँध एक खूबसूरत स्थान है। तरीन का समय हो जाने और दिन ढलने की वजह से मैं यहाँ भी नहीं जा पाया था किन्तु यह स्थान अभी मेरी लिस्ट में दर्ज रहेगा क्योंकि मुख्य एकबार फिर मशरूर तो आना ही है। बस ने मुझे नगरोटा सुरियाँ बस स्टैंड पर उतर दिया। बस स्टैंड के सामने ही सब्जी मंडी है और यहाँ का बाजार स्थित है बाजार में एटीएम को ढोढते हुए मैं एसबीआई के एटीएम तक पहुंचा और जरुरत के हिसाब से कुछ पैसे निकल लिए। शाम हो चली थी इसलिए शाम को और हसीं बनाने के लिए मैंने जाम खरीदा और रेलवे स्टेशन के नजदीक पहुंचकर पेप्सी और चिप्स के साथ हिमाचली जाम का आनंद प्राप्त किया।
कुछ देर बाद पठानकोट जाने वाली ट्रैन भी यहाँ आ पहुंची और मैं इस ट्रैन के जरिये जल्द ही रात को पठानकोट पहुँच गया। पठानकोट कैंट जिसे पहले चक्की बैंक भी कहते थे यहाँ से मेरा रिजर्वेशन दिल्ली जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में था जो कन्फर्म तो नहीं थी किन्तु आरएसी में अवश्य थी। यह मेरी जिंदगी की और इसी साल की दूसरी आरएसी की यात्रा थी। आरएसी में आपको पूरी सीट नहीं मिलती है बस साइड लोअर वाली सीट पर रेलवे दो लोगों के बैठ के जाने का प्रबंध कर देती है। मैं पठानकोट स्टेशन से कैंट वाले स्टेशन के लिए लाइन लाइन पैदल ही निकल पड़ा किन्तु यह जब मुझे बहुत दूर लगा और ट्रैन आने का समय कम रह गया तो एक आरपीएफ वाले ने मुझसे कहाँ की ऑटो से चले जाओ वही बढ़िया रहेगा, कैंट स्टेशन अभी बहुत दूर है।
मैं लाइन को छोड़कर एक कॉलोनी सी में आ गया जहाँ ना कोई ऑटो था और ना ही स्टेशन की तरफ जाने वाली कोई सड़क और इधर ट्रैन का समय बिलकुल नजदीक हो चला था। मेरी धड़कनें बढ़ने लगी थी गर मेरी यह ट्रैन निकल गई तो मुझे पूरी रात झेलम जैसी गाडी के जनरल कोच में यात्रा करनी पड़ेगी जो मैं कदापि नहीं चाहता था। मैं ऐसा सोच ही रहा था की मुझे एक बाइक वाला भाई दिखाई दिया जिसे रोककर मैंने उसे अपनी परेशानी बताई और वो मुझे अपनी बाइक पर पठानकोट स्टेशन छोड़ गया। मैंने उस बाइक वाले भाई को धन्यवाद दिया और स्टेशन पहुंचा। ट्रैन अभी आई नहीं थी और अपने निर्धारित समय काफी लेट हो गई। खैर ट्रैन लेट हो जाये तो ठीक है परन्तु हमें लेट नहीं होना चाहिए हमें हमेशा ट्रैन के आने से पहले ही स्टेशन पहुंचना चाहिए।
ट्रैन आने के बाद मैं अपनी रिज़र्व सीट पर पहुंचा जिस पर दिल्ली का एक लड़का सो रहा था। मैंने उसे जागकर अपने बैठने के लिए थोड़ी सी जगह मांगी और वो मेरे बात सुनकर बैठ गया और एक कोने में सिकुड़ गया। बाकी खाली पड़ी सीट पर मैं आराम से रात भर सोते हुए आया। पानीपत पहुंचकर मेरी आँख खुली तो देखा बाहर अभी कोहरा था और जल्द ही मैं नईदिल्ली पहुँच गया। इस ट्रेन की सेवा यहीं तक थी इससे आगे का सफर मैंने ताज एक्सप्रेस द्वारा पूरा किया और सुबह 9 बजे अपने घर पहुँच गया।
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रास्ते का एक दृश्य , हिमाचल प्रदेश |
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हिमाचल में एक लोकेशन |
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खूबसूरत हिमाचली रास्ते |
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शानदार मोड़ और घटाएँ |
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खूबसूरत पहाड़ी रास्ते |
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मनेई बस स्टैंड, हिमाचल प्रदेश |
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एक हिमाचली नदी |
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हिमाचल के गाँव |
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मसरूर की लोकेशन, लुंज, हि. प्र. |
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नगरोटा सुरियाँ में स्टेट बैंक और उसका एटीएम |
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नगरोटा सुरियाँ रेलवे लाइन |
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नगरोटा सुरियाँ रेलवे स्टेशन |
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नगरोटा सुरियाँ रेलवे स्टेशन और सुधीर उपाध्याय |
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मेरा बैग वहाँ सीढ़ियों पर रखा है और मैं यहाँ कोल्ड्रिंक पी रहा हूँ, ये दिल्ली नहीं हिमाचल है मेरा बैग जहाँ है वहीँ रहेगा, नो टेंशन |
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ट्रेन आ चुकी है |
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नगरोटा सुरियाँ रेलवे स्टेशन |
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काँगड़ा रेलवे |
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नगरोटा सुरियाँ |
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काँगड़ा रेलवे और महाराणा प्रताप सागर |
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मेघराजपुरा रेलवे स्टेशन |
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मेघराजपुरा रेलवे स्टेशन |
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मेघराजपुरा रेलवे स्टेशन |
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धौलाधार |
धन्यवाद
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