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तिरुपति बालाजी - तिरुमला पर्वत
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सुबह चार बजे रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में नहा धोकर हम तैयार हो गए और स्टेशन के बाहर आकर तिरुमला जाने वाली बस में बैठ लिए। यहाँ से APSRTC की बसें हर दो मिनट के अंतराल पर तिरुमला के लिए चलती हैं। तिरुमला एक ऊँचा पर्वत शिखर है जिसपर तिरुपति बालाजी का भव्य मंदिर स्थित है। कुल सात पहाड़ों की ये तिरुमला पर्वत श्रृंखला कुछ इस प्रकार है की देखने में यह भगवान् वेंकटेश्वर ( बालाजी ) के चेहरे के आकर का है। बस कुछ दूर बालाजी बस स्टैंड पर जाकर रुकी, यहाँ से हमें 96 रूपये पर सवारी के हिसाब आने जाने की टिकट मिली जो तिरुमला जाने वाली हर बस में वैध थी।
जब यहाँ से बस रवाना हुई तो कुछ दूर जाकर फिर रुक गई। यह एक टोल प्लाजा था जहाँ तिरुमला जाने वाले यात्रियों की उनके सामान की सघन जाँच होती है। आज यहाँ का मौसम काफी सुहावना था। आसमान में बादल छाये हुए थे, ठंडी हवा आत्मा को तृप्त कर रही थी और सामने तिरुमला की ऊँची पहाड़ी को देखकर दिल और भी खुश हो गया। जाँच पूरी होने के बाद हम बस से तिरुमला की तरफ आगे बढे। रास्ता पहाड़ी का है और काफी घुमावदार सड़के हैं। यह सड़क केवल तिरुमला जाने वालों के लिए ही थी वहां से लौटने वालों के लिए नहीं। मतलब यह एकतरफा रास्ता था। बस का ड्राइवर काफी अनुभवी था जो इन घुमावदार सड़कों पर बस को तेज गति से दौड़ा रहा था।
कुछ समय पश्चात हम तिरुमला पहुँच गए। बस से उतर कर मंदिर जाने के लिए एक दूसरी फ्री बस में जाना होता है जो देखने में कुछ अलग ही प्रकार की थी और एक रथ के आकर में बनी हुई थी। परन्तु हम मंदिर से आने वाली बस में बैठ गए थे जिस कारण हमें इसके अगले स्टॉप पर उतरना पड़ा और एक प्रावेट जीप से हम मंदिर तक पहुंचे। परन्तु मंदिर अभी भी हमें नजर नहीं आ रहा था। वो जीप वाला हमें वहां उतार गया जहाँ से फ्री दर्शन वाली लाइन शुरू होती है, यह स्थान तो काफी सुन्दर था, हम बादलों के बीच से होकर गुजर रहे थे पर यहाँ लगी लाइन को देखकर माँ काफी घबरा गई क्योंकि यह अत्यधिक लम्बी थी। मैं वीआईपी दर्शन की टिकट नहीं ले पाया था वर्ना हमें लाइन में नहीं लगना पड़ता। परन्तु हम और लोगों की तरह इस सर्वदर्शन की लाइन में खुश थे।
कई घंटे लाइन में लगे रहने के पश्चात हमें एक हॉल में बैठा दिया गया जहाँ हम करीब एक घंटे तक इस हॉल में बैठे रहे और उसके बाद फिर से एक लाइन में लग गए। इस लाइन में लगे रहने के बाद हम मंदिर के नजदीक तक पहुँच गए। यहाँ से मंदिर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। पर यहाँ तक आते आते मैं और माँ बहुत बुरी तरह से थक चुके थे। हम सुबह के लाइन में लगे थे और शाम को हमने बालाजी के दर्शन किये। मंदिर में कुछ देर रुकने के बाद हम बाहर आ गए। सुबह से हमने कुछ भी नहीं खाया था इसलिए भूख भी काफी तेज लगी थी। मंदिर के बाहर अन्नप्रसादम के नाम से एक हॉल बना हुआ है जहाँ निशुल्क अन्न प्रसाद वितरण होता है। माँ वहां नहीं गई पर मैं जरूर गया। यहाँ खिचड़ी और कुछ चटनी खाने को मिलती है। प्रसाद खाकर हम वापस बस स्टैंड पहुंचे और तिरुपति स्टेशन की तरफ वापस रवाना हो लिए।
तिरुपति से तिरुमला की दूरी सत्ताईस किमी है और रास्ता पहाड़ी है। यहाँ पैदल जाने के लिए भी रास्ता बना हुआ है यात्री पैदल भी तिरुपति से तिरुमला की ओर जाते हैं। तिरुपति से अगला सफर श्रीशैलम के लिए था जिसके लिए मैंने पहले ही APSRTC की बस में रिजर्वेशन करवा लिया था। बस स्टैंड पहुंचकर हमने अपनी बस में सीट देखी। हमारा अगला सफर पूरी रात का था और बस भी लक्सरी थी पर हमें यह सफर पूरी रात बैठे हुए ही तय करना था।
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तिरुमला टोल प्लाजा |
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तिरुमला दर्शन |
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तिरुपति धाम |
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तिरुमला बस स्टैंड |
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तिरुपति धाम |
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तिरुपति धाम |
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तिरुपति धाम |
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तिरुपति धाम |
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तिरुपति धाम |
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तिरुपति धाम और मेरी माँ |
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तिरुपति धाम |
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तिरुपति धाम |
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तिरुपति धाम |
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तिरुपति धाम |
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तिरुपति धाम |
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तिरुपति धाम |
यात्रा के अगले भाग:-THANKS YOUR VISIT
🙏
मैंने यह यात्रा रात के अंधेरे में की थी सन 2009 में दक्षिण भारत की यात्रा के समय हम यहां आए थे ज्यादा नजारे तो नहीं देख पाए थे आपके चित्र ने नजारों की कमी पूरी कर दी है
ReplyDeleteThanks for the sharing the wonderful post , keep share more post
ReplyDeletetirupati balaji darshan packages from chennai
ji thanks for showing interest in this artical
DeleteThanks for the sharing the post.chennai to tirupati package |best tirupati package from chennai
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