कंस किला और वेदव्यास जी का जन्मस्थान
कई बार सुना था कि मथुरा में कहीं कंस किला है, पर देखा नहीं था। आज इरादा बना लिया था कि जो चाहे हो देखकर रहूँगा। मैं अपनी बाइक से मथुरा परिक्रमा मार्ग पर गया और पाया कि आज ब्रज की अनमोल धरोहरों का आज मैं अकेला अवलोकन कर रहा हूँ। सबसे पहले मेरी बाइक चक्रतीर्थ पहुंची जहाँ भगवान शिव् का भद्रेश्वर शिवलिंग के दर्शन हुए और मंदिर के ठीक सामने चक्रतीर्थ स्थित है। इसके बाद कृष्ण द्वैपायन भगवान वेदव्यास जी की जन्मस्थली पहुंचा। यहाँ भी सुन्दर घाट बने हुए थे पर अफ़सोस यमुना यहाँ से भी काफी दूर चली गई थी और यमुना में से निकली एक नहर इन घाटों को छूकर निकल रही थी।
इसके बाद मैं कंस किला पहुंचा, एक पुराने टीले पर स्थित यह वही स्थान है जहाँ भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया था। और कंस के अलावा चाणूर और मुष्टिक जैसे पहलवानो का भी वध भगवन ने यहीं किया। यह एक रमणीय और प्राकृतिक स्थान है, किले के पीछे यमुना बहती है, मथुरा के नौजवान आज भी यहाँ पहलवानी करते हैं, बच्चों के लिए सुन्दर पार्क और मनोरनजन के साधन भरपूर हैं।
मथुरा की एक झलक
कंस का किला तो मैंने भी नहीं देखा है।
ReplyDeleteआप एक बार मथुरा आ जाओ, आपको दिखा देंगे।
ReplyDeleteअवश्य भाई, दीवाली के बाद मौका बनाता हूँ।
Deleteएकदम नई जगह बताई भाई आपने...कंस के किले मथुरा के बारे में नही सुना न ही देखा था...
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