Saturday, November 22, 2014

SHIMLA 2014

UPADHYAY TRIPS PRESENT'S

कालका - शिमला रेल यात्रा और चंडीगढ़ 

कल्पना और शिमला रेलवे स्टेशन 


इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।  

      अम्बाला स्टेशन पर इतनी भीड़ हो सकती है ये सोचा ही नहीं था, प्लेटफॉर्म पर लोग ऐसे पड़े थे कि पैदल निकलने तक को जगह नहीं थी फिर भी एक सुरक्षित जगह मैं कल्पना को बैठाकर खाना लेने के लिए बाहर चला गया। जब तक वापस आया हमारी कालका जाने वाली पैसेंजर भी आ चुकी थी, हमने ट्रेन में ही खाना खाया और सुबह दो तीन बजे तक कालका पहुँच गए। यहाँ सर्दी बहुत तेज थी पर हमें नहीं लग रही थी, आज शिमला जाने की ख़ुशी जो दिल में थी, कालका स्टेशन पर कॉफी बहुत ही उत्तम थी इसलिए जब तक ट्रेन का टाइम हुआ चार पांच बार कॉफी पी गया। हमारा 52453 कालका शिमला ट्रेन में रिजर्वेशन था यह ट्रेन कालका से सुबह छ बजे चलती है और सुबह 11 बजे शिमला पहुँच जाती है।



     हिमालय की खूबसूरत वादियों और रेलवे स्टेशन से होकर ट्रेन शिमला पहुंच रही थी। मैं पिछली बार भी शिमला आ चुका था पर कल्पना का यह पहला चांस था। यहाँ की प्राकृतिक छटा को देखकर वह अपने आप मैं कितनी खुश थी इसका वर्णन नहीं किया जा सकता। हम शिमला स्टेशन पहुंचे, स्टेशन पर बने रिफ्रेशमेंट रूम में खाना खाकर हम बाबा भलुक रेल संग्रहालय देखने गए।  शिमला - कालका रेल लाइन का रेल म्यूजियम है। इसके बाद हमने  पैदल ही शिमला शहर घुमा और वापस शाम को कालका की तरफ प्रस्थान कर दिया। शाम को शिमला देखने का एक अलग ही अनुभव होता है जब अँधेरा होते ही शिमला शहर हिमालय की गोदी में एक तारा तरह दिखने लगता है।

     शाम तक हम कालका पहुँच चुके थे। यहाँ से कालका मेल चंडीगढ़ की तरफ जाने के लिए तैयार खड़ी हुई थी।  परन्तु हम सुबह कालका पैसेंजर से चंडीगढ़ पहुंचे। सुबह मेरा रेलवे का टेस्ट था सेक्टर 22 के किसी स्कूल में। स्कूल के नजदीक बने एक पार्क में कल्पना को बैठकर मैं टेस्ट देने चला गया।  सर्दियों के दिन थे इसलिए पार्क में धुप भी काफी अच्छी लग रही थी। शाम पांच बजे मेरा पेपर छूटा और हम वापस चंडीगढ़ स्टेशन आ गए।  शाम को पश्चिम एक्सप्रेस पकड़कर फिर से कालका पहुंचे। यहाँ  मैं कल्पना को स्टेशन पर बैठाकर कालका बाजार घूमने गया। पिछली बार की तरह एक ढाबे पर पहुंचकर मैंने यहाँ जाम ( मदिरा ) लगाने के बाद भोजन किया और कल्पना के लिए एक जोड़ी सेंडिल और कुछ चाउमीन ले ली।  रात को कालका शिरडी एक्सप्रेस से हम मथुरा वापस आ गए।  


हमारी शिमला टिकट 

बरोग रेलवे स्टेशन पर कल्पना उपाध्याय 

बरोग रेलवे स्टेशन पर सुधीर उपाध्याय 

बरोग रेलवे स्टेशन पर कल्पना उपाध्याय 

बरोग रेलवे स्टेशन पर सुधीर उपाध्याय

बरोग रेलवे स्टेशन पर कल्पना उपाध्याय 

बरोग रेलवे स्टेशन पर सुधीर उपाध्याय

धर्मपुर हिमाचल पर कल्पना उपाध्याय 

धर्मपुर हिमाचल पर कल्पना उपाध्याय 

सुधीर उपाध्याय कालका शिमला रेल यात्रा करते हुए 

कल्पना उपाध्याय कालका शिमला रेल यात्रा करते हुए

क्लॉक रूम की पर्ची 

सुधीर उपाध्याय और शिमला शहर 

कल्पना उपाध्याय और शिमला शहर 


कल्पना और शिमला रेलवे स्टेशन 

शिमला स्टेशन पर बने भोजनालय में 

रेल संग्राहलय का टिकट 

भलूक रेल संग्रहालय में झूला झूलती कल्पना 

भलूक रेल संग्रहालय और सुधीर उपाध्याय 

भलूक रेल संग्रहालय और कल्पना उपाध्याय 

भलूक रेल संग्रहालय

भलूक रेल संग्रहालय और कल्पना उपाध्याय 

हम दोनों और शिमला शहर 




चंडीगढ़ में कल्पना उपाध्याय 

चंडीगढ़ के एक पार्क में कल्पना 

चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन और कल्पना उपाध्याय


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