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आगरा कैंट से चेन्नई - तमिलनाडु यात्रा
आज मैं अपने परिवार सहित रामेश्वरम के दर्शन हेतु निकल पड़ा। आगरा कैंट स्टेशन पर पहुंचे तो देखा तमिलनाडु एक्सप्रेस एक घंटा लेट आ रही है, हालाँकि मुझे आरक्षण जीटी एक्सप्रेस में करवाना चाहिए था क्योंकि उससे न तो मेरी और साथ के सभी की रात खराब होती और ना ही मुझे एक घंटे का इंतजार करना पड़ता। चलो रात के सही दो बजे तमिलनाडु भी आ गयी। सीट पर पहुंचे तो वहां पहले से ही कोई सोया पड़ा था।
मैंने उसे जगाया और सीट खाली करने के लिए कहा। उसने मुझसे पुछा कौन सा स्टेशन है भाई, मैंने कहा आगरा है। वो मेरा धन्यवाद करने लगा, जबकि अधिकतर मैंने जब किसी को अपनी सीट से उठाया है ,मन में गाली जरुर देकर जाता है, पर ये श्रीमान जी अलग थे, वो सिर्फ इसलिए क्योंकि इन्हें आगरा ही उतरना था, और मैंने इन्हें जगाकर इनका काम आसान कर दिया था ।
आधी रात तो गुजर ही चुकी थी, शेष टाइम सोने में गुजर गया, सुबह उठे तो इटारसी स्टेशन के दर्शन किये । कोई बड़ा शहर नहीं है पर रेलवे का बहुत बड़ा अड्डा है इटारसी। इटारसी से निकलते ही ट्रेन घने जंगलों और पहाड़ो के बीच से गुजरने लगी, देखने के लिए पेड़ पौधे, छोटे छोटे झरने,और पहाड़ों की तलहटी में बसे गांवों के अलावा कुछ भी नहीं था फिर भी सफ़र बड़ा ही रोमांचक था ।
यहाँ रास्ते में मैंने पहलीबार संतरे के पेड़ देखे, यहाँ संतरों के ऐसे ही बाग़ थे जैसे हाथरस में आम और अमरुद के हैं। संतरों को देखकर मुझे ज्ञात हो गया कि मैं नागपुर पहुँचने वाला हूँ। थोड़ी देर बाद मैं नागपुर के स्टेशन पर था, मैंने सोचा शायद यहाँ संतरे काफी सस्ते होंगे आगरा की अपेक्षा। लेकिन मेरा अंदाजा गलत था, यहाँ भी संतरों का मूल्य समान ही था 40 रु. किलो ।
शाम का वक़्त हो चला था चेन्नई अभी काफी दूर थी, ट्रेन महाराष्ट्र से निकल कर आन्ध्र प्रदेश में प्रवेश कर रही थी। तमिलनाडु एक्सप्रेस के जीटी की अपेक्षा स्टोपेज बहुत कम हैं फिर भी दोनों ट्रेने चेन्नई पहुँचने में 30 घंटे का समय तो ले ही लेती हैं, अँधेरा हो गया था अब बाहर तो कुछ दिखाई देने से रहा इसलिए अब आस पड़ोसियों से ही मन लगाना जरुरी था, वैसे कल्पना भी थी मेरे साथ । कल्पना .... मेरी पत्नी ।
ट्रेन में अब दिल्ली का भोजन खत्म हो चुका था और चेन्नई का मिलना प्रारंभ हो चुका था मतलब दक्षिणी व्यंजन। उत्तर भारत और दक्षिण भारत के भोजन में काफी विषमता है, गर कोई चीज़ मुझे समान लगी वो थे चावल। वैसे चावल भारत के हर राज्य में खाया जाता है तो इसे राष्ट्रीय अनाज कहने में कोई बुराई नहीं है। ट्रेन भी वही थी, हम भी वही थे, बस जगह बदल गई, इंसान बदल गए और खाना बदल गया बाकि सबकुछ एक जैसा था। ये मेरी तमिलनाडु एक्सप्रेस में दूसरी और आखिरी रात थी ।
17 फरवरी 2013
सुबह उठा तो देखा छ बजे थे, खिड़की से झांक कर देखा तो देखा तमिलनाडु की खुशबू आ रही थी, मतलब अब चेन्नई दूर नहीं थी। ट्रेन काफी धीमी धीमी रफ़्तार से चल रही थी और एक स्टेशन पर रुक गई। स्टेशन का नाम था मीन्जुर। अंत में करीब दस बजे ट्रेन ने हमें चेन्नई सेंट्रल स्टेशन पर उतार दिया। स्टेशन पर ही हमें कई लोगों ने आकर घेर लिया। ये सभी लोग टैक्सी ड्राईवर थे जो हमें चेन्नई घुमाने की स्कीम समझाने लगे कुल दस 14 लोगों का किराया एक सौ पचास रुपये पर व्यक्ति तय हुआ, पर मैंने मना कर दिया। स्टेशन से बाहर निकलकर मुझे एग्मोर स्टेशन के लिए बस मिल गई और हम पहुँच गए चेन्नई एग्मोर।
रामेश्वरम वाली ट्रेन का चलने का समय शाम पांच बजे था और अभी 11 बजे थे मतलब 6 घंटे पर हमें नहाना धोना भी था, कल पूरे दिन नहीं नहाये थे। इसलिए समय ही नहीं बचा हमारे पास चेन्नई घूमने का पर थोडा समय बचाकर मैं और कुमार, कल्पना के साथ एग्मोर देखने चल दिए वहां मैंने एग्मोर म्युजिअम को देखा जिसमें डायनासोर की बड़ी बड़ी प्रतिमा लगी हुईं थी। चेन्नई के स्कूलों के बच्चे भी इस म्यूजियम को घूमने आये हुए थे। यहीं एक बंद पड़ा किला भी था जिसके बारे में किसी से कोई जानकारी प्राप्त नहीं कर पाया। दिल्ली की तरह लोकल शटल भी चलती हैं जिसमे मैं और कुमार चेन्नई के कई स्टेशन घूमने भी गए।
शाम को रामेश्वर जाने वाली ट्रेन प्लेटफॉर्म पर लग चुकी थी और हम अब रामेश्वरम जाने के लिए तैयार थे। हमने अपनी अपनी सीटें खोजी और अपना स्थान जमाया।
MINJUR TO MAS LOCAL SHUTTAL |
NANDIYAMBAKAKKAM RAILWAY STATION |
ATTIPATTU RAILWAY STATION |
ATTIPATTI PUDUNAGAR RAILWAY STATION |
WELCOME TO CHENNAI CENTRAL |
CHENNAI CHENTRAL RAILWAY STATION |
CHENNAI CENTRAL |
PARK RAILWAY STATION |
EGMORE MESEUM |
KUMAR MY FRIEND |
ME AND MY WIFE KALPANA |
EGMORE FORT - CHENNAI |
CHENNAI FORT RAILWAY STATION |
यात्रा का अगला भाग -
तमिलनाडू में मेरी यात्राएँ :-
- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग और अग्नितीर्थ धाम
- मीनाक्षी मंदिर और अजगर कोविल मंदिर - मदुरै
- विवेकानंद रॉक मेमोरियल - कन्याकुमारी
THANKYOU YOUR VISIT
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बहुत सुंदर यात्रा व्रतांत
ReplyDeleteमग्र्र भाई जी आपको आगरा से मदुरै वाली ट्रेन लेनी थी वो सही रहती ,शाम को 5 बजे के लगभग आगरा आती ह् और दो दिन बाद सुबह 7 बजे मदुरै उतार देती ह् , वहाँ दिन में मदुरै घूमते और शाम को 4 बजे लोकल चलती ह् ट्रेन रामेश्वम के लिये उस में बैठ कर रामेश्वम