Monday, July 23, 2018

MT. ABU


आबू पर्वत की एक सैर



     महीना मानसून का चल रहा था और ऐसा शायद ही कभी हुआ हो कि मानसून आ चुका हो और हम यात्रा पर ना निकलें हों। जुलाई के इस पहले मानसून में मैंने राजस्थान के सबसे बड़े और ऊँचे पर्वत, आबू की सैर करने का मन बनाया। इस यात्रा में अपने सहयात्री के रूप में कुमार को फिर से अपने साथ लिया और आगरा से अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन में दोनों तरफ से मतलब आने और जाने का टिकट भी बुक करा लिया। 23 जुलाई को कुमार आगरा फोर्ट से ट्रेन में बैठा और मैं अपनी बाइक लेकर भरतपुर पहुंचा और वहीँ से मैं भी इस ट्रेन में सवार हो लिया और हम दोनों आबू पर्वत की तरफ निकल पड़े।

Saturday, July 14, 2018

Mariam Tomb



मरियम -उज़ -जमानी का मक़बरा 

     सन 1527 में बाबर ने जब फतेहपुर सीकरी से कुछ दूर उटंगन नदी के किनारे स्थित खानवा के मैदान में अपने प्रतिद्वंदी राजपूत शासक राणा साँगा को हराया तब उसे यह एहसास हो गया था कि अगर हिंदुस्तान को फतह करना है और यहाँ अपनी हुकूमत स्थापित करनी है तो सबसे पहले हिंदुस्तान के राजपूताना राज्य को जीतना होगा, इसके लिए चाहे हमें ( मुगलों ) को कोई भी रणनीति अपनानी पड़े। बाबर एक शासक होने के साथ साथ एक उच्च कोटि का वक्ता तथा दूरदर्शी भी था। इस युद्ध के शुरुआत में राजपूतों द्वारा जब मुग़ल सेना के हौंसले पस्त होने लगे तब बाबर के ओजस्वी भाषण से सेना में उत्साह का संचार हुआ और मुग़ल सेना ने राणा साँगा की सेना को परास्त कर दिया और यहीं से बाबर के लिए भारत की विजय का द्धार खुल गया। इस युद्ध के बाद बाबर ने गाज़ी की उपाधि धारण की।