पंचवटी की ओर
शिरडी से सुबह महाराष्ट्र रोडवेज की बस पकड़कर हम नासिक की तरफ रवाना हो गए, नासिक में पंचवटी नामक तीर्थस्थान है जहाँ भगवान राम, सीता और लक्ष्मण सहित वनवास के दौरान रहा करते थे और यहीं से लंकापति रावण ने सीता माता का हरण किया था। नासिक पहुंचकर हम सबसे पहले गोदावरी के घाट पर पहुंचे यहाँ कुछ दिनों पहले ही कुम्भ का मेला लगा था और अब उस मेले के शेष अवशेष बचे हैं अर्थात ख़त्म हो चूका है।
गोदावरीनदी में स्नान करके हम पंचवटी पहुंचे, पांच बड़े वट के पेड़ के नीचे एक गुफा है जिसे सीता जी की रसोई कहा जाता है, माना जाता है कि भगवान श्री राम ने अपनी कुटिया यहीं इसी स्थान पर बनाई थी और यह स्थान आज के धरातल से काफी नीचे समां चुका है क्योंकि त्रेतायुग को बीते हुए भी लाखों वर्ष हो चुके है।